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अमेरिका ने भारत की एक्सपोर्ट नीति पर उठाए सवाल, ये है आरोप
अमेरिका ने भारत की निर्यात नीति को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में चुनौती दी है। अमेरिका का आरोप है कि भारत की निर्यात सब्सिडी अमेरिकी फर्मों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। भारत सरकार के दस्तावेजों के अनुसार हजारों भारतीय कंपनियां इन कार्यक्रमों से सालाना सात अरब डालर से अधिक का लाभ उठा रही हैं।
वाशिंगटन: अमेरिका ने भारत की निर्यात नीति को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में चुनौती दी है। अमेरिका का आरोप है कि भारत की निर्यात सब्सिडी अमेरिकी फर्मों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। भारत सरकार के दस्तावेजों के अनुसार हजारों भारतीय कंपनियां इन कार्यक्रमों से सालाना सात अरब डालर से अधिक का लाभ उठा रही हैं।
अमेरिकी ने बुधवार को विश्व व्यापार संगठन में भारतीय निर्यात सब्सिडी योजनाओं को चुनौती दी है। उसका आरोप है कि ये कार्यक्रम अमेरिकी लोगों को एक असमान प्रतिस्पर्धा में डाल रहे हैं जिससे उनके हितों को हानि पहुंच रही है।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) का तर्क है कि कम से कम आधा दर्जन भारतीय कार्यक्रम भारतीय निर्यातकों को वित्तीय लाभ प्रदान करते हैं, इससे अमेरिकी श्रमिकों और निर्माताओं को हानि के साथ अपने माल को अधिक सस्ते में बेचने पर मजबूर होना पड़ता है।
ये कार्यक्रम हैं: मर्केंडाइज एक्सपोर्ट्स की इंडिया की स्कीम, एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स स्कीम और सेक्टर स्पेसिफिकिक स्कीम, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्कीम, स्पेशल इकोनॉमिक जोन, एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स स्कीम और ड्यूटी फ्री इंपोर्ट्स एक्सपोर्टर्स प्रोग्राम शामिल हैं।
अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि लाइटजर का कहना है कि ये निर्यात सब्सिडी कार्यक्रम अमेरिकी श्रमिकों को असमान प्रतिस्पर्धी मैदान देते हैं जिससे उन्हें कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है। यूएसटीआर हमारे व्यापार समझौते के तहत सशक्त रूप से अमेरिकी अधिकारों को लागू करने और विश्व व्यापार संगठन सहित सभी उपलब्ध उपकरणों के माध्यम से निष्पक्ष और पारस्परिक व्यापार को बढ़ावा देकर हमारे व्यापार भागीदारों को जवाबदेह बनाए रखना जारी रखने के प्रति कृतसंकल्प है।