America Budget Plan: अमीर-गरीब की खाई पाटने के लिए खर्च होंगे 6 ट्रिलियन डॉलर

अमेरिका में ये पहली बार है कि जब सामाजिक बदलाव लाने पर फोकस किया गया है

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 29 May 2021 10:51 AM GMT
Joe Biden presents budget plan
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जो बिडेन ने 6 ट्रिलियन डाॅलर के बजट की योजना पेश की  pic(social media)

6 Trillion Budget Plan: सामाजिक और आर्थिक असमानता की खाई अमेरिका में भी बहुत गहरी है। जहां लोगों के पास भरपूर दौलत हैं, वहीं बहुत बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो किसी तरह अपना गुजारा कर पाते हैं। कोरोना काल में ये दरार और भी चैड़ी हो गयी है। दशकों से बढ़ती जा रही इस असमानता से निपटने के लिए प्रेसिडेंट जो बिडेन ने 6 ट्रिलियन डालर के बजट की योजना पेश की है। ये रकम सिर्फ इसी समस्या से निपटने पर खर्च की जायेगी, इसका देश की आर्थिक ग्रोथ से कोई लेनादेना नहीं होगा। अमेरिका में ये पहली बार है कि सामाजिक बदलाव लाने पर फोकस किया गया है। इस बजट के पीछे ये सोच है कि मिडिल क्लास और गरीब अमेरिकी नागरिकों को आर्थिक रूप से ज्यादा से ज्यादा मजबूत करने से देश की दीर्घकालिक ग्रोथ होगी।



क्या-क्या किया जाएगा

2022 के इस प्रस्तावित बजट में बच्चों की देखभाल और काॅलेज की पढ़ाई की फंडिंग, अल्पसंख्यकों के बिजनेस में निवेश और गरीब इलाकों में सार्वजानिक परिवहन की सुविधा बढ़ाने पर खर्च शामिल है। बिडेन ने एक बयान में कहा है कि हम समाज में निवेश करने जा रहे हैं। ये एक ऐसा बजट है जो ये दर्शाता है कि ऊपर से नीचे की ओर जाने वाली अर्थव्यवस्थाएं नाकाम रहती हैं।

अमेरिका में अभी तक मिडिल क्लास और गरीब लोगों की मदद के नाम पर टैक्स में कटौती और विनियमन किये जाने पर जोर रहता था। पूर्व के सभी राष्ट्रपतियों की यही सोच रही थी। ये माना जाता था कि इससे आर्थिक बदलाव आयेगा।



6 ट्रिलियन डालर के बजट पर काम 1 अक्टूबर शुरू होगा

बिडेन की योजना है कि वंचित लोगों को खुशहाली और धनवान बनाने के काम पर फोकस किया जाए क्योंकि देश की आर्थिक मजबूती इससे जुड़ी हुई है। बिडेन के 6 ट्रिलियन डालर के बजट प्लान के तहत 1 अक्टूबर से काम शुरू करने की योजना है। पैसा जुटाने के लिए बिडेन की योजना कॉरपोरेट्स और अमीर लोगों पर टैक्स बढ़ाने की है। अमेरिका के टॉप एक फीसदी परिवारों की दौलत में पिछले साल 4 ट्रिलियन डालर का इजाफा हुआ जो देश की कुल ग्रोथ का 35 फीसदी है। दूसरी ओर देश के सबसे गरीब 6 करोड़ 40 लाख लोगों के हिस्से में सिर्फ 4 फीसदी ग्रोथ आई। महामारी के दौरान सात में से एक अमेरिकी परिवार को भूखे रहना पडा था।

Pallavi Srivastava

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