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अमेरिका ने हटाया रूसी मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर भारत पर लगा प्रतिबंध, रिपब्लिकन पार्टी ने किया समर्थन

रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए अमेरिका ने भारत के खिलाफ काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट के तहत प्रतिबंधों में छूट की दी है। इसको लेकर रिपब्लिकन पार्टी ने समर्शन किया है।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 13 Jan 2022 10:23 AM GMT
America lifts sanctions on India from purchase of Russian S-400 missile systems
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अमेरिका ने भारत को रूसी S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद से हटाया प्रतिबंध।

रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम (S-400 Missile System) की खरीद के लिए अमेरिका ने भारत के खिलाफ काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट के तहत प्रतिबंधों में छूट की दी है। इसको लेकर रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) ने समर्शन किया है। राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को ऐसी किसी भी कार्रवाई का विरोध करना चाहिए जो भारत को क्वाड से दूर कर सकता है।

अक्टूबर 2018 में ट्रम्प प्रशासन ने दी थी चेतावनी

अक्टूबर 2018 में, भारत ने तत्कालीन ट्रम्प प्रशासन (Trump Administration) की चेतावनी के बावजूद कि एस-400 रक्षा प्रणाली (S-400 Missile System) की पांच इकाइयां खरीदने के लिए रूस के साथ 5 बिलियन के सौदे पर हस्ताक्षर किए, अनुबंध के साथ आगे बढ़ने पर अमेरिकी प्रतिबंधों को आगे किया जा सकता है। बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) ने इस मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (Countering America Adversaries Through Sanctions Act) के प्रावधानों के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाएगा या नहीं इसको लेकर यह स्पष्ट नहीं किया है।

अमेरिका ने रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों (S-400 Missile System) के एक बैच की खरीद के लिए CAATSA के तहत तुर्की पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिए हैं। रूस हथियारों और गोला-बारूद के भारत के प्रमुख प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है।

सांसद टॉड यंग (MP Todd Young) ने कहा कि भारत को वर्तमान में रूस एस-400 प्रणाली (S-400 Missile System) की आपूर्ति कर रहा है। देश रूस से नए जंगी जहाजों को प्राप्त करने की प्रक्रिया में भी है। यंग (MP Todd Young) ने कहा, ''चीन के खिलाफ हमारी प्रतिस्पर्धा में भारत एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और इसलिए मेरा मानना है कि हमें ऐसी किसी भी कार्रवाई का विरोध करना चाहिए जो उन्हें हमसे और क्वाड से दूर कर सकता है। सांसद ने कहा कि भारत चीनी घुसपैठ से अपनी भूमि की रक्षा और हिंद महासागर में चीनी नौसेना के गैरकानूनी दखल को रोकना चाहता है।''

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Deepak Kumar

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