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यहां कोरोना से 65 हजार लोगों की मौत, गवर्नर के दफ्तर में बंदूक लेकर दाखिल हुए लोग 

अमेरिका में लॉकडाउन के खिलाफ लोगों का विरोध तेज होता जा रहा है। मिशिगन राज्य की राजधानी लांसिंग में लोगों ने लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन किया। यहां गवर्नर के दफ्तर कैपिटल बिल्डिंग पर सैकड़ों लोग जुटे और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों में से कुछ के पास हथियार भी थे।

Aditya Mishra
Published on: 2 May 2020 2:48 PM IST
यहां कोरोना से 65 हजार लोगों की मौत, गवर्नर के दफ्तर में बंदूक लेकर दाखिल हुए लोग 
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वाशिंगटन: पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 28 हजार से ज्यादा हो गई है और संक्रमितों की संख्या 32 लाख 20 हजार को पार कर गई है। जबकि दस लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं।

दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में मृतकों की संख्या 65 हजार को पार कर गई है और 10 लाख 64 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। यहां पढ़ें अमेरिका में आज दिन भर क्या हुआ:-

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गवर्नर के दफ्तर में बंदूक लेकर दाखिल हुए लोग

अमेरिका में लॉकडाउन के खिलाफ लोगों का विरोध तेज होता जा रहा है। मिशिगन राज्य की राजधानी लांसिंग में लोगों ने लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन किया।

यहां गवर्नर के दफ्तर कैपिटल बिल्डिंग पर सैकड़ों लोग जुटे और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों में से कुछ के पास हथियार भी थे। ये सभी गवर्नर ग्रेशन व्हिटमर के लॉकडाउन के आदेश का विरोध कर रहे थे।

प्रदर्शनकारी हाउस चैंबर में जबरन घुसने की कोशिश भी कर रहे थे। राज्य की पुलिस ने लोगों को रोका। किसी भी प्रदर्शनकारी ने मास्क नहीं पहना हुआ था। सीनेटर डायना पोलेहंकी ने ट्वीट कर बताया कि मेरे पास लोग राइफल लेकर खड़े थे। मेरे कुछ सहयोगियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन लिए।

कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है अमेरिका में कोरोना वायरस इस समय सबसे ज्यादा तबाही मचा रहा है। इसी बीच एक दवा की बहुत ज्यादा चर्चा हो रही है, जिसके परिणाम अमेरिका में चौंकाने वाले आ रहे हैं। यह दवा है रेमडेसिवीर।

दरअसल, अमेरिका के एफडीए ने रेमडेसिवीर नाम की दवाई को हरी झंडी दे दी है। कोविड-19 के इलाज में अब इसका उपयोग किया जा सकता है।

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चीन ने अमेरिका से पूछे 10 सवाल

दुनिया में अमेरिका कोविड-19 के सबसे ज्यादा पुष्ट मामले और मृत मामले होने वाला देश है। हालांकि अमेरिका में महामारी की गंभीर स्थिति है, फिर भी अमेरिकी राजनेताओं ने अपनी शक्ति को महामारी के मुकाबले में प्रयोग नहीं किया, जबकि चारों ओर अपनी जिम्मेदारी को दूसरों पर थोपने की कोशिश की, जिससे लोगों का संदेह पैदा हुआ है। ऐसे में चीन ने अमेरिका से 10 सवाल पूछे हैं।

1. अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने पिछले नवंबर की शुरूआत में कोरोना वायरस संकट की चेतावनी दी थी। चेतावनी की अनदेखी क्यों की गई?

2. अमेरिका में इन्फ्लूएंजा से हुई मौतों के बीच, क्या अमेरिका स्पष्ट कर सकता है कि वास्तव में कोविड-19 से कितने मामले संक्रमित हैं?

3. क्यों गत वर्ष से बर्ड फ्लू के वायरस का संशोधन अनुसंधान पुन: शुरू हुआ?

4. अमेरिका के सेना चिकित्सा अनुसंधान संस्थान संक्रामक रोगों को पहले बंद कर दिया गया था। इसके पीछे की सच्चाई क्या है?

5. अमेरिका के विशेषज्ञों को कोविड-19 को सार्वजनिक रूप से चर्चा करने की अनुमति क्यों नहीं दी जाती है?

6. अमेरिका की विदेशी जैविक प्रयोगशालाओं में क्या शोध किया जा रहा है? अमेरिका इसके बारे में क्यों तंग रहता है?

7. पिछले साल अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने एक अभ्यास किया था जो कोविड-19 के प्रकोप के समान था। क्या यह सिर्फ एक संयोग है?

8. अमेरिका में कोविड-19 का पहला मामला कब दिखाई दिया? क्या रिपोर्ट किए जाने के तुरंत बाद कोरोना वायरस का सामुदायिक प्रसारण शुरू हो गया था?

9. कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन का पहला मानव परीक्षण शुरू करने के लिए अमेरिका ने वायरस के उपभेदों को कैसे प्राप्त किया?

10.अमेरिकी सरकार ने महामारी को क्यों दरकिनार किया जबकि सरकार के अधिकारियों ने निजी तौर पर स्टॉक डंप किया था?

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Aditya Mishra

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