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रूस ने उत्तर कोरिया से संबंध तोडऩे के अमेरिका के आह्वान को किया खारिज

raghvendra
Published on: 2 Dec 2017 8:29 AM GMT
रूस ने उत्तर कोरिया से संबंध तोडऩे के अमेरिका के आह्वान को किया खारिज
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मास्को : अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर कोरिया को अलग-थलग करने की अमेरिका की कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं। रूस ने उत्तर कोरिया से संबंध तोडऩे के अमेरिका के आह्वान को खारिज कर दिया है। रूस ने उल्टे अमेरिका पर यह आरोप लगाया कि वह उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के खिलाफ ऐसे कदम उठा रहा है जो भडक़ाने वाले हैं।

उत्तर कोरिया को अभी भी पिछले दरवाजे से चीन का समर्थन मिल रहा है। अमेरिका ने बार-बार चीन से उत्तर कोरिया को तेल की आपूर्ति रोकने का आग्रह किया है मगर चीन अभी तक इसके लिए तैयार नहीं हुआ है। इस बीच अमेरिका ने चेतावनी दी है कि यदि युद्ध हुआ तो उत्तर कोरियाई नेतृत्व पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा।

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अमेरिका ने दुनिया भर के देशों से अपील की है कि वे उत्तर कोरिया से सभी राजनयिक और व्यापारिक संबंध खत्म कर दें। उधर, उत्तर कोरिया अमेरिका की तमाम कोशिशों के बावजूद पीछे हटता नहीं दिख रहा है। उत्तर कोरिया ने हाल में अपना तीसरा आईसीबीएम परीक्षण किया था और दावा किया था कि वह अमेरिका में किसी भी जगह हमला करने में पूरी तरह सक्षम है।

अमेरिका की कार्रवाई भडक़ाने वाली : रूस

अमेरिकी आह्वान के बाद रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ तौर पर कहा कि ऐसा नहीं होने जा रहा। उत्तर कोरिया के साथ संबंध तोडऩे के आह्वान को पूरी तरह खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि हम इसे नकारात्मक ढंग से देखते हैं। बेलारूस की राजधानी में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने अमेरिका को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ऐसी कार्रवाई कर रहा है जो किम जोंग-उन शासन को भडक़ाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि कहीं अमेरिका उत्तर कोरिया को नष्ट करने की साजिश तो नहीं रच रहा है।

अमेरिका ने की उत्तर कोरिया की घेरेबंदी

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निक्की हेली ने सुरक्षा परिषद को बताया कि उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग मिसाइल परीक्षणों और परमाणु उकसावे के जरिए विश्व को युद्ध के मुहाने पर ले जा रहे हैं। उत्तर कोरिया के रुख को देखते हुए अमेरिका ने चेतावनी दी है कि किम जोंग अपने विनाशकारी कदमों से जिस युद्ध की ओर धकेल रहे हैं वह उसे नष्ट करने वाला साबित होगा।

अमेरिका ने चीन से इस दिशा में कदम उठाने तथा उत्तर कोरिया को तेल आपूॢत बंद कर उस पर दबाव बनाने का आग्रह किया है। अमेरिका का कहना है कि वह दुनिया को युद्ध की ओर नहीं धकेलना चाहता मगर उत्तर कोरिया की मंशा ऐसी नहीं लगती। यदि युद्ध होता है तो उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा। हेली ने कहा कि कई देशों ने उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए आॢथक बलिदान दिए हैं और उन्होंने प्योंगयांग को सबक सिखाने की पूरी जिम्मेदारी चीन के कंधों पर डाल दी।

हेली ने कहा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भावी कदमों का सभी को इंतजार है। उसे उत्तर कोरिया को तेल की आपूर्ति पूरी तरह बंद करनी चाहिए। हेली ने 2003 की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय जब चीन ने उत्तर कोरिया को तेल आपूॢत बंद कर दी थी तो उत्तर कोरिया वार्ता के लिए तैयार हो गया था।

अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के आग्रह पर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने पर उपमहासचिव जेफरी फेल्टमैन ने कहा कि उत्तर कोरिया के मिसाइल दागने का क्रम नहीं रुक रहा। बुधवार को भी उत्तर कोरिया ने मिसाइल दागी और इस मिसाइल ने जापान के विशेष आॢथक क्षेत्र में गिरने से पहले लगभग 950 किलोमीटर का सफर तय किया।

सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से इस मिसाइल परीक्षण की आलोचना की। सुरक्षा परिषद में जापान के स्थायी प्रतिनिधि कोरो बेशो ने कहा कि जापान कभी भी परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया को बर्दाश्त नहीं करेगा।

अमेरिका के सुझावों को चीन ने भी खारिज किया

चीन के उपस्थायी प्रतिनिधि वू हेताओ ने हेली के प्रतिबंधों के सुझावों को नकारते हुए कहा कि चीन कूटनीतिक समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे उत्तर कोरिया के लोग प्रभावित नहीं हों। उन्होंने चीन और रूस द्वारा संयुक्त रूप से पेश प्रस्ताव को स्वीकार करने का आग्रह किया, जिसके तहत उत्तर कोरिया को परमाणु गतिविधि रद्द करने और अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्याभ्यासों को रोकने की बात कही गई है।

रूस के स्थायी प्रतिनिधि वासिली नेबेनजिया ने हालांकि उत्तर कोरिया के ताजा मिसाइल परीक्षण पर निराशा जताई मगर साथ ही यह भी कहा कि अमेरिका व उसके साझेदार उत्तर कोरिया को उकसाने वाली कार्रवाई कर रहे हैं।

जापान को मिले मिसाइल परीक्षण के सिग्नल

इस बीच जापान ने कहा है कि उसे उत्तर कोरिया के एक और बैलिस्टिक मिसाइल लांच की तैयारियों के संकेत मिले हैं। जापान का कहना है कि उसे कुछ रेडियो सिग्नल मिले हैं जो इस परीक्षण की संभावना की पुष्टि कर रहे हैं। जापान की क्योदो न्यूज एजेंसी के अनुसार रेडियो सिग्नल मिलते ही जापान सरकार अलर्ट हो गयी है।

इन रेडियो सिग्नल के अनुसार जल्द ही लांच होने वाला है। वैसे रिपोर्ट के अनुसार यह सिग्नल उत्तर कोरियाई मिलिट्री द्वारा विंटर मिलिट्री ट्रेनिंग से संबंधित भी हो सकता है। दक्षिण कोरिया की न्यूज एजेंसी ने दक्षिण कोरिया के सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया व जापान को भी संभावित मिसाइल लांच के संकेत मिले हैं।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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