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US Pakistan: आतंकवाद मुद्दे पर पाकिस्तान-अमेरिका में जोरदार बहस, UNSC में ISIS-K भर्ती पर उठा सवाल
America Pakistan In UNSC: पाकिस्तान का UNSC में आतंकवाद अभियान पर अमेरिका के साथ जोरदार बहस हुई।
America- Pakistan In UNSC
US-Pakistan: पाकिस्तान ने आतंकी अभियान को लेकर यूएनएससी ( UNSC) में अमेरिका के साथ बहस की। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान में आईएसआईएस-के द्वारा भर्ती अभियान की ओर इशारा करने के बाद, पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने कहा कि उनके देश में ऐसा कोई अभियान नहीं है।
पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत मुनीर अकरम ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में पड़ोसी अफगानिस्तान में मौजूद आतंकवादी सुरक्षित ठिकानों से पैदा हो रहे खतरे को लेकर संबोधित किया। साथ ही अफगानिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
राजदूत अकरम ने अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बताया कि दाएश (Daesh) से खतरा है। महासचिव की 20वीं द्विवार्षिक रिपोर्ट पर यूएनएससी बहस के दौरान अकरम ने कहा कि दाएश ( Da’esh) , तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और मजीद ब्रिगेड का यह खतरा न केवल अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र और उससे परे के लिए खतरा है। हमें अफगानिस्तान से आतंकवादी खतरों का ईमानदारी से समाधान करना चाहिए।
राजदूत की टिप्पणी अफगानिस्तान में काबुल में अफगान तालिबान की वापसी के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी हुई है। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICSS) नामक थिंक टैंक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस्लामाबाद ने काबुल से एक बार फिर आग्रह किया है कि वह अपने क्षेत्र का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ कई आतंकवादी समूहों द्वारा न करे। जनवरी 2025 में देश में आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई, जो पिछले महीने की तुलना में 42 प्रतिशत ज्यादा है।
आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में कम से कम 74 आतंकवादी हमले दर्ज किए गए। जिसके परिणामस्वरूप 91 मौतें हुईं। जिनमें 35 सुरक्षाकर्मी, 20 नागरिक और 36 आतंकवादी शामिल हैं। अन्य 117 लोग घायल हुए, जिनमें 53 सुरक्षा बल के जवान, 54 नागरिक और 10 आतंकवादी शामिल हैं। केपी सबसे अधिक प्रभावित प्रांत रहा, उसके बाद बलूचिस्तान रहा।
खैबर पख्तूनख्वा के बसे हुए जिलों में, आतंकवादियों ने 27 हमले किए गए, जिसमें 19 मौतें हुईं। इसमें 11 सुरक्षाकर्मी, छह नागरिक और दो आतंकवादी शामिल हैं। वहीं केपी यानी पूर्ववर्ती फाटा के आदिवासी जिलों में 19 हमले हुए, जिनमें 46 लोगों की मौत हुई, जिनमें 13 सुरक्षाकर्मी, आठ नागरिक और 25 आतंकवादी शामिल हैं।बलूचिस्तान में भी आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई, जिसमें कम से कम 24 हमले हुए, जिनमें 26 लोगों की जान चली गई। इसमें 11 सुरक्षाकर्मी, छह नागरिक और नौ आतंकवादी शामिल हैं।
अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में अकरम ने बताया कि अन्य देशों में आईएसआईएस का दमन किया गया है। लेकिन अफगानिस्तान में भी फ्रैंचाइजी उभरी हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के अंदर दो दर्जन से अधिक आतंकवादी समूह सक्रिय हैं, जो आईएसआईएस की भर्ती और सुविधा का मुख्य केंद्र भी है। उन्होंने कहा कि यह देश आईएसआईएस की भर्ती का मुख्य केंद्र है।