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America :प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति बाइडन से की मुलाकात, अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर जताई चिंता
America : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने पाकिस्तान में आतंकी समूहों पर चिंता व्यक्त की है।
America :अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) की भूमिका इस देश के प्रति तेज हो गई है। अफगानिस्तान (Afghanistan) में पाकिस्तान की इस भूमिका पर कई सवाल खड़े हो रह हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (US Vice President Kamala Harris) ने पाकिस्तान में आतंकी समूहों पर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ उन्होंने अफगानिस्तान में इस्लामाबाद की भूमिका पर चर्चा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका दौरे पर हैं। जिसमें उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को रेखांकित किया गया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने तालिबान से यह सुनिश्चित करने का आह्वाहन किया कि अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी भी देश के आतंकवाद समूह को शरण देने या प्रशिक्षित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच हुई बैठक में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि "इस सम्बन्ध में अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका और एक निश्चित दृष्टिकोण के साथ उसे जारी रहने के सम्बन्ध में भारत अमेरिका की चिंता स्पष्ट है। अफगानिस्तान कैसा होना चाहिए यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदों के अनुकूल नहीं है।"
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने आगे कहा कि " दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने तालिबान से अमेरिका के प्रस्ताव 2593 के तहत अपनी सभी प्रतिबद्धताओं का पालन करने का आह्वाहन किया। जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी भी देश को आतंकवादी समूह को शरण देने, धमकाने के लिए नहीं किया जाता है।"
इससे पहले भी पाकिस्तान ने तालिबान का समर्थन किया है। सार्क की इस बैठक में पाकिस्तान की तालिबान के प्रतिनिधि को शामिल करने की जिद्द को सार्क के अधिकांश सदस्य देशों ने अनौपचारिक बैठक में तालिबान को अनुमति देने से इंकार कर दिया है। पाकिस्तान ने तालिबान को भी इस बैठक में प्रतिनिधित्व देने की मांग उठा दी। जिसकी वजह से भारत के साथ अन्य देशों ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। ऐसे में किसी की सहमति न बन पाने के बाद इस मीटिंग को रद्द करना पड़ा।