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अमेरिका ने ब्याज दरें घटाई, क्या होगा बाजारों पर असर?

US Fed cuts rates : अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की, जो 2024 की दूसरी कटौती है।

Neel Mani Lal
Published on: 8 Nov 2024 3:44 PM IST
अमेरिका ने ब्याज दरें घटाई, क्या होगा बाजारों पर असर?
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US Fed cuts rates : अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की, जो 2024 की दूसरी कटौती है। फेडरल रिजर्व (Fed) ने कटौती के जरिये संकेत दिया है कि मुद्रास्फीति नियंत्रण (Inflation) में आ रही है। फेडरल रिज़र्व (Feds) का यह कदम अमेरिका द्वारा डोनाल्ड ट्रम्प (Trump) को अपना अगला राष्ट्रपति चुने जाने के तत्काल बाद आया है।

अमेरिकी फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल (Powell) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक दिसंबर में अपनी अगली बैठक में 2024 की अंतिम दर में कटौती करने का निर्णय लेने के लिए आर्थिक आंकड़ों पर नज़र रखेगा। पॉवेल ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि यदि डोनाल्ड ट्रम्प कहते हैं तो वह इस्तीफा नहीं देंगे और व्हाइट हाउस (White House) को उन्हें हटाने की कानूनन अनुमति नहीं है।

बढ़ सकती है महंगाई

विश्लेषकों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में अमेरिका में उधार लेने की लागत और कम हो जाएगी, लेकिन साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि ट्रम्प की टैक्स कटौती योजनाएँ, टैरिफ वृद्धि प्रस्ताव और इमिग्रेशन नियंत्रण उपाय मुद्रास्फीति को बढ़ा सकते हैं और सरकारी उधारी को बढ़ा सकते हैं, जिससे संभावित रूप से अमेरिकी केंद्रीय बैंक के साथ टकराव हो सकता है। अमेरिकी ऋण पर ब्याज दरें इस सप्ताह पहले ही बढ़ चुकी हैं।

दरों में कटौती का असर

- फेडरल रिज़र्व और अन्य केंद्रीय बैंक मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था में ऋण की उपलब्धता और लागत को नियंत्रित करने के लिए रोजगार और मुद्रास्फीति को प्रभावित करते हैं।

- जब ब्याज दरें कम हो जाती हैं, तो उधार लेना सस्ता हो जाता है। इसलिए, लोगों में अधिक सामान और सेवाएँ खरीदने की इच्छा होती है, और व्यवसायों को अपने धंधे का विस्तार करने, उपकरण खरीदने, या नई परियोजनाओं में निवेश करने के लिए धन उधार लेने का प्रोत्साहन मिलता है।

- वस्तुओं और सेवाओं की बेहतर मांग मजदूरी को बढ़ाती है, और विकास चक्र को फिर से जगाने में मदद करती है। हालांकि मौद्रिक नीति सीधे या तुरंत मुद्रास्फीति और रोजगार से जुड़ी नहीं होती है, मौद्रिक नीति बेकाबू कीमतों पर अंकुश लगाने या विकास को गति देने में एक महत्वपूर्ण कारक है।

- दर कटौती से अमेरिका और अन्य देशों की दरों के बीच अंतर बढ़ सकता है। जिससे भारत जैसे देश करेंसी कैरी ट्रेड के लिए अधिक आकर्षक बन सकते हैं। अमेरिका की दर जितनी कम होगी, इसका अवसर उतना ही अधिक होगा।

ट्रम्प के साथ टकराव

पॉवेल को 2017 में ट्रंप ने ही यूएस फेड का चेयरमैन नियुक्त किया था, लेकिन जल्द ही वे उनकी आलोचना का निशाना बन गए। ट्रंप ने बार-बार कहा है कि उनका मानना ​​है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को फेड की कार्रवाइयों पर अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। उन्होंने इस साल की शुरुआत में ब्लूमबर्ग से कहा था कि अगर उन्हें लगता है कि पॉवेल सही काम कर रहे हैं तो वे पॉवेल को अपना शेष कार्यकाल पूरा करने देंगे, जो 2026 में समाप्त हो रहा है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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