अमेरिका ने भारत सरकार से कहा- बढ़ी है असहिष्णुता, दें लोगों को सुरक्षा

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Published on: 30 July 2016 10:42 AM GMT
अमेरिका ने भारत सरकार से कहा- बढ़ी है असहिष्णुता, दें लोगों को सुरक्षा
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वॉशिंगटनः हाल के महीनों में भारत में जिस तरह गोमांस सहित अन्य मुद्दों पर देश भर में तनाव सहित मार-पीट की घटनाएं सामने आईं हैं उस पर अमेरिका ने गहरी चिंता व्यक्त की है। अमेरिका ने भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर चिंता जताते हुए कहा है कि नागरिकों की सुरक्षा और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, 'सभी तरह की असहिष्णुता से मुकाबला करने और धार्मिक तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने की कोशिश में हम भारत सरकार और नागरिकों के साथ हैं।'

दुनिया भर में बढ़ी है असहिष्णुता

जॉन किर्बी ने कहा, 'असहिष्णुता की खबरों से हम वाकई चिंतित हैं। हालांकि ऐसी समस्याओं का सामना विश्व के कई राष्ट्रों को करना पड़ रहा है। दुनिया के देशों की सरकारों से हम जोर देकर कहते हैं, वे अपराधियों को सजा दिलवाने और नागरिकों को संरक्षण प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करें।'

अमेरिका सहयोग के लिए तैयार

किर्बी ने कहा कि भारतीय नागरिकों के 'सहिष्णु' विचारों को साकार करने के लिए अमेरिका उनके साथ मिलकर काम करने को तैयार है। क्योंकि यह भारत और अमेरिका दोनों के हित में है।

मंदसौर में हुई थी महिला की पिटाई

गौरतलब है कि इसी हफ्ते मध्यप्रदेश के मंदसौर में रेलवे स्टेशन पर गो संरक्षकों ने गोमांस होने की शक में दो महिलाओं की जमकर पिटाई की थी।हालांकि पुलिस की मौजूदगी में इन महिलाओं की पिटाई हुई थी। लोगों को शक था कि उनके पास गोमांस है। लेकिन जांच के बाद भैंस का मीट होने की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया था।

ऊना की घटना ने भी बटोरी सुर्खियां

इससे पहले गुजरात के ऊना में भी इसी तरह की घटना सामने आई थी। यहां भी तथाकथित गोरक्षकों ने मरी हुई गाय की खाल उतारने के मामले में दलित युवकों पर हमला किया था। बाद में ये मामला काफी गरमाया और संसद तक में इस पर विपक्षियों ने केंद्र सरकार को घेरा।

'असहिष्णुता' पहले भी दे चुका है झटका

गौरतलब है कि बीते साल नोएडा के दादरी में अखलाक के घर से गोमांस मिलने पर पिटाई के बाद उसकी मौत और उस पर शुरू हुई सियासत से देश-दुनिया में 'असहिष्णुता' शब्द का जमकर इस्तेमाल हुआ। असहिष्णुता के नाम पर बुद्धिजीवियों का एक बड़ा वर्ग मोदी सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया था। हालांकि असहिष्णुता के इसी मुद्दे की वजह से बीजेपी गठबंधन को बिहार में करारी हार का भी सामना करना पड़ा था।

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