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US Elections 2024: अमेरिकी चुनाव में हिन्दू ट्रम्पकार्ड जरूर गुल खिलायेगा

US Elections 2024: रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट कमला हैरिस, दोनों ने ही इस वोट बैंक को बटोरने की पुरजोर कोशिश की है। ट्रम्प ने तो बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मसले को उठा कर हिन्दू ट्रम्पकार्ड खेल भी दिया है।

Neel Mani Lal
Published on: 4 Nov 2024 2:09 PM IST (Updated on: 4 Nov 2024 2:21 PM IST)
Donald Trump, Kamala Harris
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Donald Trump, Kamala Harris   (photo: social media ) 

US Elections 2024: अमेरिका के चुनाव में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक और खास तौर पर हिन्दू समुदाय बड़ी भूमिका निभाने वाला है। रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट कमला हैरिस, दोनों ने ही इस वोट बैंक को बटोरने की पुरजोर कोशिश की है। ट्रम्प ने तो बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मसले को उठा कर हिन्दू ट्रम्पकार्ड खेल भी दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने दिवाली पर एक जोरदार संदेश जारी किया, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ चल रही हिंसा की निंदा की गई और वैश्विक स्तर पर हिंदू मुद्दों की अनदेखी करने के लिए जो बिडेन और कमला हैरिस को दोषी ठहराया गया। उन्होंने हिंदू अमेरिकियों की रक्षा करने की कसम खाई और भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया, उन्होंने पीएम मोदी को "अच्छा दोस्त" बताया। ट्रंप के बयान हिंदू अमेरिकियों और वैश्विक हिंदू समुदायों के लिए एक नाटकीय संदेश के रूप में सामने आए हैं।

दूसरी तरफ कमला हैरिस उम्मीद कर रहीं हैं कि पारंपरिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी को मिलता रहा भारतीय-अमेरिकी समुदाय का सपोर्ट इस बार भी जारी रहेगा। हालांकि हैरिस को पक्का विश्वास नहीं है इसीलिए अपने प्रचार अभियान में उन्होंने अपने "भारतीय हिन्दू मूल" पर बहुत जोर नहीं डाला है। हैरिस जानती हैं कि भले ही भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी से गहराई से जुड़े हुए हैं, लेकिन 2020 के बाद से इसमें कमी आई है।

इंडो अमेरिकन लोग कुल अमेरिकी आबादी का 1 प्रतिशत से थोड़ा ज़्यादा हिस्सा हैं। सभी पंजीकृत मतदाताओं का 1 प्रतिशत से भी कम हिस्सा इंडो अमेरिकन समुदाय का है। फिर भी ये एक मजबूत संख्या है और दोनों प्रमुख पार्टियाँ इस समुदाय तक पहुँचने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।

पारंपरिक रूप से भारतीय अमेरिकी समुदाय पूरी तरह से डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ बने रहे हैं। माना जाता है कि 2020 के चुनाव में 72 प्रतिशत पंजीकृत भारतीय अमेरिकी मतदाता बिडेन के पक्ष में थे जबकि 22 प्रतिशत ट्रम्प के सपोर्ट में थे। लेकिन बीते चार साल में हालात बदल गए हैं और भारतीय मूल के समुदाय का सपोर्ट काफी कुछ ट्रम्प के पक्ष में ट्रांसफर हो गया है। हालिया सर्वे डेटा से पता चलता है कि हिंदू अमेरिकियों के बीच ट्रम्प का समर्थन 31 फीसदी तक बढ़ गया है।

अमेरिका में इंडो अमेरिकन

  • - 52 लाख की संख्या वाला भारतीय अमेरिकी समुदाय मैक्सिकन अमेरिकियों के बाद अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा आप्रवासी समूह है। 5 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए लगभग 26 लाख इंडो अमेरिकन मतदाता मतदान करने के पात्र हैं।
  • - सभी सात करीबी मुकाबले वाले बैटलग्राउंड राज्यों - पेंसिल्वेनिया, जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलिना, मिशिगन, एरिज़ोना, विस्कॉन्सिन और नेवादा - में दोनों उम्मीदवारों के बीच 2 प्रतिशत से भी कम अंतर है, और यहां अंतिम परिणाम कुछ हज़ार वोटों तक सीमित हो सकता है। यही कारण है कि इन राज्यों में भारतीय मूल के अमेरिकी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे कई राज्य हैं जहाँ समुदाय की आबादी 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जीत के अंतर से बड़ी है।
  • - भारतीय अमेरिकी पेंसिल्वेनिया, जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलिना और मिशिगन में सबसे बड़ा एशियाई अमेरिकी समुदाय हैं। पेंसिल्वेनिया और जॉर्जिया दोनों में 1,50,000 से अधिक भारतीय अमेरिकी हैं - यह संख्या 2020 में बिडेन द्वारा इन दोनों राज्यों में जीते गए अंतर से बहुत ज्यादा है।
  • कुल मिला कर अमेरिका के चुनाव में इंडो अमेरिकन समुदाय, खासकर हिन्दू वोट निर्णायक भूमिका निभयेगा और कोई भी इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता।


Ragini Sinha

Ragini Sinha

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