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Riots In Tehran: ईरान में गुस्साई भीड़ ने पुलिस थाने फूंके, 50 शहरों में प्रदर्शन
Riots In Tehran: ईरान की शरिया या नैतिकता पुलिस की हिरासत में एक महिला की मौत ( woman dies in police custody) के बाद लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है।
Tehran: ईरान की शरिया या नैतिकता पुलिस की हिरासत में एक महिला की मौत ( woman dies in police custody) के बाद लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। आज राजधानी तेहरान और कई अन्य शहरों में गुस्साए प्रदर्शनकारियों (Protest in Tehran) ने कई पुलिस स्टेशनों और वाहनों को आग लगा दी। अब 50 से अधिक शहरों और कस्बों में विरोध प्रदर्शन फैल गए हैं। सरकार ने व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम समेत संचार साधनों को प्रतिबंधित (communication restrictions) कर दिया है, जिससे ईरान की जानकारी मिलना मुश्किल हो गया है।
कुर्द अधिकार समूह "हेंगॉ" ने कहा है कि पिछले चार दिनों में सरकारी बलों की "सीधी गोलीबारी" के परिणामस्वरूप 10 प्रदर्शनकारी मारे गए हैं और ईरान के कुर्द क्षेत्रों में 450 लोग घायल हुए हैं। दूसरी तरफ एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने आठ मौतों की पुष्टि की है। एमनेस्टी ने बताया कि सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पैलेट गन, आंसू गैस, पानी की बौछारों और लाठी-डंडों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुरक्षा बल बच्चों तक को नहीं बख़्श रहे हैं।
तेहरान में सरकार के समर्थन में रैलियां
दूसरी ओर सरकारी मीडिया और अधिकारियों ने अशांति को "क्रांतिकारी विरोधी तत्वों" द्वारा किए गए दंगे करार दिया है। सरकार ने सऊदी अरब को भी दोषी ठहराया है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की छत्रछाया में एक मिलिशिया ग्रुप "बासिज" के सदस्यों ने बुधवार को तेहरान में सरकार के समर्थन में रैलियां कीं। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा, "नैतिकता पुलिस का सिर्फ एक बहाना है, वे जिसे निशाना बनाते हैं, वह शासन ही है।
विश्व समुदाय का समर्थन
ईरान में प्रदर्शकारियों के साथ दुनिया के कई देशों ने एकजुटता दिखाई है। तुर्की, कनाडा, स्वीडन, इटली, नीदरलैंड और संयुक्त राज्य भर के शहरों सहित दुनिया भर में एकजुटता का प्रदर्शन हुआ है। न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने ईरान में मारे गए राजनीतिक कैदियों की तस्वीरें लगा कर अपना विरोध व्यक्त किया।
बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (US President Joe Biden) ने कहा: "आज हम ईरान के बहादुर नागरिकों और बहादुर महिलाओं के साथ खड़े हैं, जो अभी अपने मूल अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।"
बिडेन ने अपनी टिप्पणी में चीन, बर्मा और तालिबान द्वारा मानवाधिकारों के हनन को भी स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "अमेरिका हमेशा अपने देश और दुनिया भर में मानवाधिकारों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित मूल्यों को बढ़ावा देगा।"