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Arms dealer Sanjay Bhandari: हथियार डीलर संजय भंडारी के प्रत्यर्पण को UK कोर्ट की मंजूरी, जल्द आएगा भारत
Arms dealer Sanjay Bhandari: हथियार डीलर संजय भंडारी प्रत्यर्पण मामले में भारत की बड़ी जीत हुई है। ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हथियार संजय भंडारी के प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी।
Arms dealer Sanjay Bhandari: हथियार डीलर संजय भंडारी (Arms dealer Sanjay Bhandari) के प्रत्यर्पण मामले में भारत की बड़ी जीत हुई है। ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हथियार कारोबारी संजय भंडारी के प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी है। कोर्ट के इस आदेश के बाद संजय भंडारी को अब भारत लाया जाएगा।
हथियार डीलर संजय भंडारी पर आरोप है कि, उसने डिफेंस डील के दौरान रिश्वत ली थी। भंडारी को केंद्र की मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलायंस (UPA) सरकार के दौरान हुए हथियारों के सौदों के संबंध में विदेशी कंपनियों से कथित तौर पर 400 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान प्राप्त हुआ। ये जानकारी दुबई में कई फर्म में किए गए लेन-देन के ब्यौरे से पता चला है।
भारत ने की थी प्रत्यर्पण की मांग
भगोड़े आर्म्स कारोबारी संजय भंडारी पर आरोप है कि उसने कुछ रक्षा सौदों के दौरान रिश्वत ली थी। भारत सरकार ब्रिटेन से काला धन यानी अघोषित विदेशी आय तथा संपत्ति और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत अपनी विदेशी संपत्ति घोषित करने में विफल रहने व मनी लॉन्ड्रिंग के आधार पर संजय भंडारी के प्रत्यर्पण की मांग कर रही थी। जिसे यूके की अदालत ने मान लिया। जल्द ही भगोड़े हथियार डीलर का प्रत्यर्पण हो जाएगा।
जानें क्या था मामला?
अंग्रेजी दैनिक 'द टेलीग्राफ' के अनुसार, आर्म्स डीलर संजय भंडारी ने आरोप लगाया कि, उसे थेल्स ने भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के लिए मिराज 2000 सैन्य जेट (Mirage 2000 Fighter Jet) को अपग्रेड करने के लिए 2.4 बिलियन यूरो के अनुबंध को सुरक्षित करने के काम पर रखा गया था। वर्ष 2011 में इस पर हस्ताक्षर भी हुए थे। भंडारी का दावा है कि उसने भारत के रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के साथ बैठक करवाकर थेल्स को मिराज जेट के अपग्रेड के अनुबंध को बेचने में मदद की थी। बता दें, कि थेल्स एक फ्रांसीसी कंपनी है। ये कंपनी राफेल सहित एयरोस्पेस, रक्षा तथा परिवहन और सुरक्षा क्षेत्रों के लिए उपकरणों का निर्माण करती है।
भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप तय
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से संजय भंडारी के खिलाफ भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप तय किए गए हैं। ब्रिटेन (UK) में होने के कारण उसे पहले ही 'भगोड़ा' घोषित किया जा चुका है। भारत सरकार ने भंडारी के प्रत्यर्पण की अपील यूके गवर्नमेंट से की थी, जिसे मंजूरी मिल गई है।
भंडारी 2020 में हुआ था गिरफ्तार
गौरतलब है कि, 16 जून 2020 को तत्कालीन ब्रिटिश गृहमंत्री प्रीति पटेल ने भंडारी के प्रत्यर्पण आग्रह को स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद 15 जुलाई 2020 को भंडारी की गिरफ्तारी हुई थी। कोर्ट ने उसे 1.20 लाख पाउंड की सिक्योरिटी के साथ अपना पासपोर्ट जमा कराने के आदेश दिये थे। उसे लंदन स्थित घर में नजरबंद रहने और नजदीकी पुलिस स्टेशन में रोजाना हाजिरी लगाने सहित 7 शर्तों के साथ जमानत मिली थी।