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AstraZeneca ने दुनियाभर के बाजारों से वापस मंगवाई कोरोना वैक्सीन

Corona Vaccine: एस्ट्राजेनेका कंपनी ने वैक्सीन के ग्लोबल रीकॉल के बारे में कहा है कि ऐसा वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की वजह से नहीं, बल्कि व्यावसायिक कारणों से किया गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 8 May 2024 11:36 AM IST
AstraZeneca withdraws Corona vaccine
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AstraZeneca withdraws Corona vaccine   (फोटो: सोशल मीडिया )

Corona vaccine: ब्रिटेन की फार्मा कंपनी ‘’एस्ट्राजेनेका’’ ने अपनी कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर मचे बवाल के बीच दुनियाभर के बाजारों से वैक्सीन वापस मंगवाने का ऐलान किया है। भारत में यही वैक्सीन कोवीशील्ड के नाम से बेची जाती है जिसे पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने बनाया है।

एस्ट्राजेनेका कंपनी ने वैक्सीन के ग्लोबल रीकॉल के बारे में कहा है कि ऐसा वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की वजह से नहीं, बल्कि व्यावसायिक कारणों से किया गया है।

एस्ट्राजेनेका ने क्या कहा?

कंपनी का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद जिस तरह से वैक्सीन की सप्लाई की गई, उससे बाजार में जरूरत से ज्यादा वैक्सीन हो गई थी, इसलिए कंपनी ने वैक्सीन वापस लेने का फैसला किया है। कंपनी ने कहा कि जब से कई तरह की वैक्सीन बाजार में आई है तब से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की डिमांड कम हुई है। इसका निर्माण और निर्यात पहले से ही बंद कर दिया गया है।

क्या है विवाद

दरअसल, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट के बारे में कई बातें सामने आईं हैं। यूं तो वर्ष 2021 से ही साइड इफ़ेक्ट की बात हुई थी लेकिन कंम्पनी ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। लेकिन इसी साल फरवरी में एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में माना था कि उसकी कोरोना वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) जैसे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इससे शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं, प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती है। इसके चलते ब्रेन स्ट्रोक और अन्य गंभीर समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है। बताया जाता है कि टीटीएस की वजह से अकेले ब्रिटेन में कम से कम 81 लोगों की मौत हुई है। ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका 51 से ज्यादा मुकदमों का सामना कर रही है। ये मुक़दमे उन लोगों ने किये हैं जिनके परिवारजनों की मौत वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के कारण हुई है। मुक़दमे में मुआवजे की मांग की गई है। ब्रिटेन की एक अदालत में कंपनी के खिलाफ 11000 करोड़ रुपये से ज्यादा के मुआवजे वाला मामला भी चल रहा है। इसी मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट की बात स्वीकार की थी। भारत में कोवीशील्ड के साइड इफेक्ट्स का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है जहाँ एक वकील विशाल तिवारी ने याचिका दायर करके मांग की है कि वैक्सीन के दुष्प्रभाव और जोखिम की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया जाए और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में मामले की जांच हो।

एक रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने जोर देकर कहा है कि वैक्सीन वापस लेने का निर्णय अदालती मामले या उसकी इस स्वीकारोक्ति से जुड़ा नहीं है कि इससे टीटीएस हो सकता है। इसमें कहा गया कि समय पूरी तरह संयोग था। बाते दें कि एस्ट्राज़ेनेका ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से 2020 में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद ‘’एजेडडी 1222’’ वैक्सीन विकसित की थी। भारत और अन्य निम्न और मध्यम आय वाले देशों में इसे भारत के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा "कोवीशील्ड" नाम से बनाया और सप्लाई किया गया था। सीरम इंस्टिट्यूट को इसके लिए ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और अस्ट्रा ज़ेनेका से लाइसेंस मिला था।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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