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Pakistan: पाकिस्तान में पोलिया टीकाकरण टीम पर हमले जारी, गोलीबारी में 4 पुलिसकर्मियों की मौत
Pakistan: पाकिस्तान और अफगानिस्तान दुनिया में दो ऐसे देश हैं, जो अब भी पोलिया से मुक्त नहीं हो सके हैं। इन दोनों देशों के सीमाई कबायली इलाके में अब भी पोलियो के मरीज बहुतायत में पाए जाते हैं।
Pakistan News: पाकिस्तान और अफगानिस्तान दुनिया में दो ऐसे देश हैं, जो अब भी पोलिया से मुक्त नहीं हो सके हैं। इन दोनों देशों के सीमाई कबायली इलाके में अब भी पोलियो के मरीज बहुतायत में पाए जाते हैं। अफगानिस्तान - पाकिस्तान के सीमाई क्षेत्र में पोलियो टीकाकरण का काम काफी जोखिम भरा होता है। इन क्षेत्रों में बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए जो भी टीमें और सुरक्षाकर्मी जाते हैं, उनपर लगातार हमले किए जा रहे हैं। कल यानी शुक्रवार 9 सितंबर को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पोलियो टीकाकरण टीम पर अज्ञात हमलावरों ने हमला बोल दिया।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में टीकाकरण टीम की सुरक्षा में तैनात 4 पुलिसकर्मी मारे गए और 2 गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घटना खैबर पख्तूनख्वा राज्य के टैंक जिले के गुल ईमान इलाके का है। हमलावरों ने उस पुलिस वैन को निशाना बनाया, जिसमें घर – घर जाकर बच्चों को पोलिया की खुराक देने वाली टीम सवार थी। मीडिया रिपोर्ट्स में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया गया है कि पुलिसकर्मियों और हमलावरों के बीच काफी समय तक गोलीबारी होती रही। अब तक किसी चरमपंथी और आतंकी संगठन ने इस वारदात की जिम्मेदारी नहीं ली है।
टीका लगाने वाली टीम पर होते रहे हमले
पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर स्थित कबायली इलाके में पोलियो टीकाकरण अभियान हमेशा से बंदूकों के साये में चला है। हालांकि, तब भी इस अभियान में शामिल टीम पर जानलेवा हमले होते रहे हैं। बीते अगस्त माह में ही खैबर पख्तूनख्वा में दो अलग – अलग घटनाओं में पोलियो टीकाकरण की सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मियों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले 30 जुलाई को पेशावर में अज्ञात बंदूकधारियों ने टीम की सुरक्षा में तैनात पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं 28 जून को उत्तरी वजीरिस्तान कबायली जिले में पोलियो टीकाकरण करने पहुंची टीम पर हमले में 2 पुलिसकर्मी और तीन आमलोग मारे गए थे।
क्यों होते रहते दोनों जगह हमले
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कबायली इलाके जबरदस्त पिछड़ापन है। यहां रूढ़िवादी और कट्टर इस्लामिक संगठनों का काफी प्रभाव है। इस क्षेत्र में तालिबान की भी मजबूत दखल है। कट्टरपंथी संगठनों और मौलानाओं ने पोलियो टीकाकरण को लेकर काफी अफवाह फैला रखा है। इस अभियान को लोगों के बीच पश्चिमी देशों के एक साजिश के तौर पर प्रचारित किया जाता है। भ्रांति फैलाई जाती है कि इससे बच्चे बांझपन के शिकार हो जाएंगे और उनके शरीर में कई तरह के विकार आ जाएंगे। अशिक्षा के कारण इन अफवाहों को लोग सच मान लेते हैं।