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Google को झटकाः ऑस्ट्रेलिया ने लिया बड़ा फैसला, साथ आया Microsoft

ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने एक ऐसा कानून पास किया है जिसके तहत इंटरनेट कंपनियों के लिए अनिवार्य किया गया है कि वे जो भी समाचार आदि मीडिया कंटेंट अपनी साइट्स पर दिखाएंगी उसके लिए उनको पैसा देना होगा।

Shivani Awasthi
Published on: 2 Feb 2021 6:06 AM GMT
Google को झटकाः ऑस्ट्रेलिया ने लिया बड़ा फैसला, साथ आया Microsoft
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नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में नये मीडिया कानून को लेकर सरकार और गूगल के बीच विवाद गहराता जा रहा है। गूगल ने इस कानून का विरोध करते हुए धमकी दी है कि अगर सरकार ने कानून में बदलाव नहीं किया तो वह आस्ट्रेलिया में अपना सर्च इंजन बंद कर देगी।

ऑस्ट्रेलिया में मीडिया कंटेंट साइट पर दिखाने के लिए पैसो वाला कानून पास

दरअसल, ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने एक ऐसा कानून पास किया है जिसके तहत इंटरनेट कंपनियों के लिए अनिवार्य किया गया है कि वे जो भी समाचार आदि मीडिया कंटेंट अपनी साइट्स पर दिखाएंगी उसके लिए उनको पैसा देना होगा। यानी मुफ्त में खबर लेकर अपनी साईट पर नहीं दिखा सकेंगे। मीडिया संस्थानों को उनके कंटेट के लिए एक निश्चित रकम देना होगा। ऐसा न करने पर इन कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। आस्ट्रेलिया सरकार ने इस कदम को मीडिया संस्थानों को मजबूती और स्वतंत्र करने की दिशा में एक जरूरी कदम बताया है जबकि गूगल और फेसबुक जैसी दिग्गज कंपनियां इसका विरोध कर रही हैं।

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फ्री कंटेंट

कोई भी सर्च इंजन, जैसे कि गूगल बिंग, याहू आदि के न्यूज़ सेक्शन में दुनिया भर के मीडिया संस्थानों से लिया गया कंटेंट प्रदर्शित किया जाता है। अपने सर्च इंजन पर कंटेंट दिखाने के लिए टेक कंपनियों ने तरह तरह के नियम कानून बना रखे हैं। पैसा भी लिया जाता है। दूसरों से मुफ्त में कंटेंट लेकर सर्च इंजन दिखाते हैं और कमाई करते हैं लेकिन जिनका कंटेंट लिया है उनको उसके बदले में कोई पैसा नहीं मिलता है। इससे जहाँ एक तरफ सर्च इंजन, ऐप और सोशल डिजिटल मीडिया ताकतवर हो कर मुनाफ़ा कमाते जा रहे हैं वहीं असल मीडिया संस्थान बेहाल होते चले गए हैं। सबसे बुरी हालत तो प्रिंट मीडिया की है। अमेरिका में ही 70 फीसदी प्रिंट मीडिया बंद हो चुका है या बंद होने की कगार पर है।

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प्रिंट मीडिया पर घोर संकट

भारत में भी प्रिंट मीडिया पर घोर संकट है। आस्ट्रेलिया के मीडिया संस्थान बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं इसीलिए वहां की सरकार ने टेक कंपनियों को घेरने के लिए कानून बनाया है। यूरोपियन कमीशन पहले ही ये कदम उठाने की तैयारी कर चुका है। आस्ट्रेलिया के इस नये मीडिया कानून की पर दुनिया भर की नजर है। दुनिया भर में बढ़ते डिजिटल बिजनेस में हिस्सा पाने में मीडिया आउटलेट मुश्किल का सामना कर रहे हैं। इस बिजनेस पर दुनिया की कुछ ही दिग्गज टेक कंपनियों का पूरी तरह कब्जा है जिसमें गूगल टॉप पर है।

गूगल ने दी चेतावनी

गूगल ने चेतावनी दी है कि दुनिया का पहला मीडिया कानून फालतू है और ये इंटरनेट के कामकाज को कमजोर करेगा। गूगल आस्ट्रेलिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मेल सिल्वा ने कहा है कि अगर कानून लागू होता है तो हमारे पास गूगल सर्च को आस्ट्रेलिया में बंद करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचेगा। फेसबुक ने भी इस कानून को काम करने में मुश्किल करने वाला बताया है और कहा है कि वह आस्ट्रेलियाई मीडिया को अपने प्लेटफॉर्म पर पब्लिश करना बंद कर देगा।

कानून के जिस पहलू पर सबसे ज्यादा विवाद है वह यह है कि अगर तीन महीने तक गूगल और फेसबुक तीन महीने में मीडिया कंपनियों के साथ कंटेंट की कीमत पर कोई समझौता नहीं कर पाते हैं तो उन्हें एक अनिवार्य मध्यस्थता को स्वीकार करना होगा। ये मध्यस्थ न्यूज आउटलेट के प्रस्ताव पर टेक कंपनी के साथ बात करेगा और उस पर एक सहमति तैयार करेगा। इस कानून के तहत टेक कंपनियां भुगतान से बचने के लिए अगर कंटेंट को ब्लॉक करती हैं तो उन्हें जुर्माना देना होगा।

हम धमकी का जवाब नहीं देते

गूगल की धमकी का आस्ट्रेलिया ने तुरंत जवाब दिया है। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि आस्ट्रेलिया अपने नियम उन चीजों के लिए बनाता है जो आप आस्ट्रेलिया में कर सकते हैं। ये हमारी संसद में बनता है। जो लोग इसके साथ आस्ट्रेलिया में काम करना चाहते हैं उनका स्वागत है। लेकिन हम धमकियों का जवाब नहीं देते। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि अगर गूगल अपना सर्च इंजन आस्ट्रेलिया में बंद करता है तो उस स्थिति में माइक्रोसॉफ्ट सर्च इंजन ‘बिंग’ ऑस्ट्रेलिया में गैप भर सकता है। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने प्रधानमंत्री मॉरिसन के साथ नए नियमों के बारे में बात की है। आस्ट्रेलिया के सर्च मार्केट में 94 फीसदी हिस्सेदारी गूगल सर्च इंजन की है।

नीलमणि लाल

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