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Bangladesh Awami League Party: बांग्लादेश में अवामी लीग ने हिंदुओं के लिए निकाली रैली

Bangladesh Awami League Party: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने अल्पसंख्यक हिंदुओं के समर्थन में रैली निकाली है। इस रैली में हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Chitra Singh
Published on: 20 Oct 2021 8:23 AM GMT
Sheikh Hasina
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शेख हसीना (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

Bangladesh Awami League Party: हिन्दुओं के खिलाफ साम्प्रदायिक हिंसा के बाद बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर है। एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए देश के भीतर हिंसा और हमले बहुत नुकसानदायक हो सकते हैं ।सो अब बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार डैमेज कण्ट्रोल में जुटी हुई है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने अल्पसंख्यक हिंदुओं के समर्थन में रैली निकाली है। इस रैली में हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए।

बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों में हिन्दुओं के खिलाफ हुई साम्प्रदायिक हिंसा (bangladesh hindu attack) में कम से कम छह लोग मारे गए हैं जबकि दर्जनों घरों को जला दिया गया। ये हमले 15 अक्टूबर को नोआखली जिले में शुरू हुए थे , जब मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों ने हिंदुओं पर कुरान से सम्बंधित ईशनिंदात्मक कार्य करने का आरोप लगाया था। अफवाह फ़ैली थी कि दुर्गापूजा पंडाल में कुरआन का अपमान किया गया है। इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ । जो हिंसा में बदल गया । हिंदुओं के घरों और मंदिरों के अलावा दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले किये गए। स्थानीय मीडिया ने हिंसा की कवरेज को कम करके दिखाया। ऐसा माना जा रहा है कि यह सरकार के दबाव में किया गया है। हमलावरों ने जिस तरह हिंसा फैलाई उससे साफ़ है कि सब कुछ सुनियोजित था।

बांग्लादेश में हिंसा (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

इसी हिंसा के विरोध में प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी ने राजधानी ढाका में रैली का आयोजन किया।शहर के केंद्र में पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने चार किलोमीटर लंबी रैली निकाली और हिंसा के खिलाफ नारेबाजी की। ढाका में कुछ दूसरे इलाकों में सैकड़ों लेखक हाथों से लिखे हुए सन्देश और पोस्टर लेकर इकठ्ठा हुए।

इस्कॉन इंटरनेशनल के सदस्यों और ढाका यूनिवर्सिटी के हजारों छात्रों और शिक्षकों ने भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। इस बीच अवामी लीग के सांसद और संयुक्त महासचिव महबूबूल आलम हनीफ का कहना है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अगले दो सप्ताह में पूरे देश में कई रैलियां निकालने की योजना बनाई है।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने जताई चिंता

बांग्लादेश की हिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने गहरी चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर मिया सेप्पो ने कहा है कि बांग्लादेश के हिंदुओं पर हाल ही में हुए हमले संविधान के मूल्यों के खिलाफ हैं । इनका रुकना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले उसके संविधान में निहित मूल्यों के खिलाफ हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को घटनाओं की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की जरूरत है। मानवाधिकार समूह एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने जांच और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।

शेख हसीना-मिया सेप्पो (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बांग्लादेश में जारी हिंसा पर कहा है कि धर्म चुनने की आजादी, मानवाधिकार है। दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति, फिर चाहे वह किसी भी धर्म या आस्था को मानने वाला हो, उसका अपने अहम पर्व मनाने के लिए सुरक्षित महसूस करना जरूरी है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों पर हाल में हुए हमलों की हम निंदा करते हैं।

बांग्लादेश की करीब 17 करोड़ आबादी में लगभग 10 प्रतिशत हिंदू हैं। देश में सांप्रदायिक तनाव लंबे समय से रहा है। देश का संविधान इस्लाम को राज्य धर्म की मान्यता देता है । लेकिन पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत का समर्थन भी करता है। बांग्लादेश में बरसों से हिन्दुओं के खिलाफ हमले होते आये हैं ।

लेकिन सरकारों की ढिलाई की वजह से इन पर रोक नहीं लग सकी है। मानवाधिकार एक्टिविस्ट कहते हैं कि हिन्दुओं पर हमला करने वाले गुटों के नेताओं को राजनीतिक दल चुनाव में टिकट देते हैं, उनका सम्मान करते हैं तो ऐसे में न्याय कैसे हो पायेगा। इसके अलावा अब बांग्लादेश में जो हालात पनपे हैं उनमें आईएसआई का हाथ होने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है।

Chitra Singh

Chitra Singh

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