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बांग्लादेश ने शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द किया, भारत ने वीजा अवधि बढ़ाई
बांग्लादेशी शासन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है, लेकिन भारत ने उनका वीजा बढ़ा दिया है। शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर रखा है।
बांग्लादेशी शासन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है, लेकिन भारत ने उनका वीजा बढ़ा दिया है। शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर रखा है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है बल्कि उसने हसीना से पूछताछ के लिए भारत आने का भी प्रस्ताव रखा है। बांग्लादेश के मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एएलएम फजलुर रहमान ने बताया है कि जांचकर्ता 2009 में 74 लोगों की हत्या से संबंधित एक कथित मामले में हसीना से पूछताछ करने के लिए भारत आना चाहेंगे।सामान्य वीसा पर रह रहीं हैं हसीना
भारत ने हसीना के वीजा की अवधि बढ़ाकर उनके भारत में रहने का रास्ता साफ कर दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने हसीना को शरण नहीं दी है बल्कि वह सामान्य रूप से भारत में रह रही हैं। शरण इसलिए नहीं क्योंकि भारत के पास कोई शरण नीति नहीं है और इसलिए किसी को भी शरण देने का कोई सिस्टम नहीं है।
शेख हसीना के वीसा का एक्सटेंशन नियमित चैनलों यानी स्थानीय विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के जरिये हुआ है।
96 और लोगों का पासपोर्ट रद्द
बांग्लादेश ने सिर्फ शेख हसीना ही नहीं बल्कि 96 और लोगों के पासपोर्ट रद कर दिए हैं। इन 97 लोगों में से 22 पर कथित रूप से लोगों को जबरन गायब करने के आरोप हैं, जबकि बाकी 75 पर पिछले साल बांग्लादेश में छात्र विरोध प्रदर्शनों के दौरान हत्याओं में शामिल होने का आरोप है। इस कार्रवाई के एक दिन पहले बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा शेख हसीना और 11 अन्य के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान जबरन गायब करने और हत्याओं के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। अवामी लीग सरकार के पतन के बाद, आईसीटी में जबरन गायब किए जाने, हत्या, नरसंहार और मानवता के विरुद्ध अपराध के कम से कम 60 मामले या शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें हसीना, उनकी पार्टी और उसके सहयोगी नेताओं तथा विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगाए गए थे।