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बांग्लादेश में बदल सकता है राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान
Bangladesh : बांग्लादेश में फैली अराजकता और अनिश्चितता के बीच, लोगों का एक समूह राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान को बदलने की वकालत कर रहा है। बांग्लादेश का राष्ट्रध्वज नारायण दास द्वारा डिजाइन किया गया था, जबकि राष्ट्रगान रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था।
Bangladesh : बांग्लादेश में फैली अराजकता और अनिश्चितता के बीच, लोगों का एक समूह राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान को बदलने की वकालत कर रहा है। बांग्लादेश का राष्ट्रध्वज नारायण दास द्वारा डिजाइन किया गया था, जबकि राष्ट्रगान रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान को बदलने के बारे में गोलबंदी की जा रही है। रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आज़मी ने हाल ही में एक ब्रीफिंग में इसका प्रस्ताव रखा था। उन्होंने सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान की भी प्रशंसा की थी। ब्रिगेडियर जनरल आज़मी बांग्लादेश के जमात-ए-इस्लामी के संस्थापक के बेटे हैं। वे बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन में जबरन गायब होने के शिकार भी हुए थे और हाल ही में उन्हें रिहा किया गया है।
क्या तर्क दिया जा रहा
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बताया जाता है कि बहुत से बांग्लादेशी अब इस विचार के हैं कि बांग्लादेशी झंडे में इस्लाम को दर्शाने वाला कोई प्रतीक नहीं है, जैसे कि अर्धचंद्र। इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि राष्ट्रगान 1971 के स्वतंत्रता संग्राम को नहीं दर्शाता है। ऐसा माना जा रहा है कि अचानक एक नया झंडा और एक नया राष्ट्रगान चलन में आ सकता है।
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के जाने के बाद से ही अवामी लीग बांग्लादेश में अस्तित्व के संकट में है, इसलिए इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की निशानी बहुत कम या बिल्कुल भी नहीं बची है। उनकी मूर्तियों को तोड़े जाने के बाद संग्रहालयों को ध्वस्त कर दिया गया है। ऐसे में तय है कि झंडा और राष्ट्रगान बदलना कोई बड़ी समस्या नहीं होगी। मुमकिन है कि राष्ट्रपति का अध्यादेश लाया जाए और इन दो बदलावों को लागू किया जाए। अवामी लीग की सरकार के पतन के बाद पुलिस की वर्दी और लोगो को बदल ही दिया गया था क्योंकि इसमें अवामी लीग का चुनाव चिन्ह (नाव) बना हुआ था।
बता दें कि बांग्लादेश की आबादी मुख्य रूप से मुस्लिम है, जिनकी तादाद अब 93 प्रतिशत है। लगातार घटते अल्पसंख्यकों में 5 प्रतिशत हिंदू और शेष बौद्ध और ईसाई हैं।
पाकिस्तान की रुचि
जब से बांग्लादेश में उथल पुथल हुई है तबसे पाकिस्तान यहां नए सिरे से दिलचस्पी दिखा रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने ढाका विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात की थी। पाकिस्तान बांग्लादेशियों को वीजा-मुक्त यात्रा और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें देने को तैयार है। ऐसे में अंतरिम सरकार बांग्लादेश में एक नया नैरेटिव बनाने के लिए और अधिक बदलाव ला सकती है।