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Bangladesh News : बांग्लादेश में पहली बार किन्नर चुनी गयी मेयर

Bangladesh News : नजरुल इस्लाम की चुनावी जीत को बांग्लादेश में ट्रांसजेंडर समुदाय (Non Party Candidate Transgender Nazrul Islam Ritu) के लिए बढ़ती सामाजिक स्वीकृति के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।

Neel Mani Lal
Report Neel Mani LalPublished By Ragini Sinha
Published on: 30 Nov 2021 7:51 AM GMT
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बांग्लादेश में पहली बार किन्नर चुनी गयी मेयर  (social media)

Bangladesh News : बांग्लादेश (Bangladesh news )के इतिहास में पहली बार एक किन्नर या ट्रांसजेंडर को एक शहर का मेयर चुना गया है। मेयर के चुनाव में 45 वर्षीय निर्दलीय उम्मीदवार ट्रांसजेंडर नजरुल इस्लाम रितु (Transgender Nazrul Islam Ritu) ने अपने प्रतिद्वंद्वी पर भारी जीत हासिल की है। नजरूल इस्लाम (Nazrul islam kaun hai ) ने कहा कि उनकी जीत ने किन्नर समुदाय की बढ़ती स्वीकृति को दिखाया है। बांग्लादेश में लगभग 15 लाख ट्रांसजेंडर (Bangladesh main 15 lakh transgender ) लोग रहते हैं। ये समुदाय बड़े पैमाने पर भेदभाव और हिंसा का सामना करता है। अक्सर वे भीख मांगकर या देह व्यापार करके जीने के लिए मजबूर होते हैं। यही स्थिति पाकिस्तान की भी है।

नजरुल इस्लाम बनी बांग्लादेश में ट्रांसजेंडर समुदाय की मेयर

नजरुल इस्लाम की चुनावी जीत को बांग्लादेश में ट्रांसजेंडर समुदाय (Non Party Candidate Transgender Nazrul Islam Ritu) के लिए बढ़ती सामाजिक स्वीकृति के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है। नजरुल इस्लाम (Nazrul islam profile ) ने कहा है कि इस जीत का मतलब है कि लोग उन्हें प्यार करते हैं और उन्हें अपना मानते हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपना जीवन सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित करूंगी। नजरुल इस्लाम एक बड़े मुस्लिम परिवार में पैदा हुई थीं, लेकिन एक बच्चे के रूप में अपने ग्रामीण गृहनगर त्रिलोचनपुर से भाग गईं और उसके बाद राजधानी ढाका में ट्रांसजेंडर लोगों के एक केंद्र में शरण ली। वह 20 साल के बाद अपने क्षेत्र में लौट आईं और दो मस्जिदों के निर्माण और कई स्थानीय हिंदू मंदिरों को दान करने में मदद करने के बाद समुदाय में एक लोकप्रिय व्यक्ति बन गईं। पिछले रविवार को मेयर पद के लिए हुए चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 9,557 मतों से हराया। अब वह क्षेत्र की मेयर के रूप में काम करेंगी। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार नजरुल ने निष्पक्ष जीत हासिल की है और इस क्षेत्र में तनिक भी चुनावी हिंसा नहीं हुई। जबकि तमाम शहरों में इस चुनाव में हिंसा की वारदातें हुईं हैं।

क्या कहती हैं नजरुल इस्लाम

2013 में बांग्लादेश में ट्रांसजेंडर (Bangladesh transgender )लोगों को औपचारिक रूप से तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी गई थी। जबकि 2018 में उन्हें तीसरे लिंग के मतदाताओं के रूप में पंजीकरण करने की भी अनुमति दी गई। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए काफी काम किये गए हैं। नजरुल इस्लाम कहती हैं कि वह अपने 40,000 लोगों के शहर में भ्रष्टाचार को खत्म करने और नशीली दवाओं के खतरे को खत्म करने की कोशिश करेंगी।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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