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Hindus in Bangladesh: अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, भीड़ ने हिन्दू समुदाय के कई घरों पर किया हमला और तोड़फोड़

Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश के कई हिस्सों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रूकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।

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Newstrack Network
Published on: 7 Aug 2022 11:06 AM GMT
Hindus in the Indian Subcontinent
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भारतीय उपमहाद्वीप में हिन्दुओं का नरसंहार (फोटो: सोशल मीडिया )

Hindus in Afghan: भारतीय उपमहाद्वीप में हिन्दुओं का जातीय सफ़ाया और नरसंहार चालू है अभी हाल ही में हमने देखा कि अफ़ग़ानिस्तान से तीस सिखों का जत्था दिल्ली वापस आया है अब वहाँ मात्र एक सौ दस सिख बचे हैं और हिन्दू समाज वहाँ से पूरी तरह ख़त्म कर दिया गया ।

वहाँ बचे हुये सिख भी भारत सरकार से वीज़ा मिलने का इंतज़ार कर रहे है उसके बाद वो भी वहाँ से पलायन कर जायेगें । यही हालात 2040 में बांग्लादेशी हिन्दुओं की होने जा रही है । अगले दो दशकों में वहाँ से हिन्दुओं का नामोनिशान मिट जायेगा ।

बांग्लादेश के कई हिस्सों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रूकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला नरैल जिले की है, जहां भीड़ ने अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के कई घरों पर भी हमला किया और तोड़फोड़ की।

इसके पीछे की वजह पैगंबर मोहम्म द के खिलाफ फेसबुक पर कथित रूप से अपमानजनक पोस्टप होने की अफ़वाह बताया जा रहा है। आजकल वहाँ ये एक बहुत सामान्य बहाना है हिन्दुओं के खिलाफ सुनियोजित हमला कर उनका जातीय सफ़ाया करने का ।

अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार हमले

बांग्लादेश में पिछले कई महीनों से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार हमले हो रहे हैं। हालांकि साल 1971 में बांग्लादेश के जन्म होने के साथ ही हिंदू समुदाय के साथ अत्याचारों का सिलसिला शुरू हो गया था। बांग्लादेश के निर्माण के बाद 1974 में जनगणना हुई थी। इसके मुताबिक देश में 1974 में 13.50 फीसदी हिंदू थे, लेकिन वर्ष 2011 में देश में महज 8.20 प्रतिशत हिंदू ही रह गए थे।

अब शेष बचे हिन्दुओं पर भी नरसंहार की तलवार लटकी

पाकिस्तान से अलग देश बनने के बाद से हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ने लगे थे। इसके बाद से ऐसा कोई साल नहीं जब अल्पसंख्यक समुदाय को हमले का सामना न करना पड़ा हो। पिछले नौ साल में हिंदुओं पर 3600 से ज्यादा हमले हुए हैं। ये मानवाधिकार संगठनों का आंकड़ा है। बांग्लादेश में 1990, 1995, 1999, 2002 में बड़े दंगे हुए थे। इनमें हिंदुओं को ही निशाना बनाया गया था। अब तो बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ करना, हिंदुओं के घर जलाना, बच्चों और लड़कियों का अपहरण, दुष्कर्म जैसी वारदात यहां आम हो गई हैं।

हिन्दू संघर्ष समिति इस प्रकार की घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर करते हुयें अपनी तरफ़ से शोक प्रकट करती है तथा भारत सरकार से आग्रह करती है कि भारत सरकार हिन्दू उत्पीडन के मामलों में अपना कड़ा प्रतिरोध जतायें . बांग्लादेश में आगामी आम चुनाव नज़दीक हैं और भारत को इस अवसर पर बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालना चाहिये कि वो आम चुनाव के बाद नग़मे पर अल्पसंख्यक मामलों के एक मंत्रालय का गठन करें और वहाँ के लोकतंत्र को बहुलतावादी व पंथनिरपेक्ष बनाने के लिये

हिन्दूओं की नई राजनैतिक पार्टी को मान्यता प्रदान करें तथा सुनियोजित हिंसा में आगज़नी व तोड़फोड़ के बाद पलायन कर गये हिन्दुओं की ज़मीन व संपत्ति पर किये गये अवैध क़ब्ज़ों को हटाकर उन्हें न्याय दे ॥

सनद रहे कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ सुनियोजित हिंसा की घटनाओं के पीछे का मुख्य उद्देश्य उनकी जमीनों को हड़पना है। कई रिपोर्ट में इस तथ्य की ओर इशारा किया गया है कि यह सब सुनियोजित तरीके से होता है। दरअसल, बांग्लादेश में हिंसा के पैटर्न में यह देखा गया है कि बहुसंख्यक आबादी गरीब हिंदुओं के घर जला देती है। घर जलने से ये हिंदू परिवार पलायन करने को मजबूर होते हैं और जब वे पलायन कर जाते हैं तो उनकी जमीन पर ये लोग कब्जा कर लेते हैं।

बांग्लादेश में हिन्दुओं के मानवाधिकार को सुरक्षित करने के लिये भारत सरकार को तुरंत प्रभावी कदम उठाने चाहिये ।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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