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Padam Bridge: पद्मा नदी पर खुला बंग्लादेश का सबसे लंबा पुल, देश की किस्मत बदलने की उम्मीद
Bangladesh Padam Bridge : प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद्मा नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन कर दिया है। इस पुल से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
Bangladesh Padam Bridge : 21 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बांग्लादेश में विशाल पद्मा नदी (Padma River) पर बना रेल-रोड पुल आज खुल गया है। जबर्दस्त उत्साह, खुशियों और धूमधड़ाके के साथ शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने "सपनों के पुल" का लोकार्पण कर दिया। ये पुल मूल रूप से वर्ल्ड बैंक (World Bank) की सहायता से बनना था लेकिन 2012 में बैंक ने 12 अरब डॉलर की फंडिंग को ये कहते हुए रद कर दिया कि वह पुल प्रोजेक्ट में व्याप्त भ्रष्टाचार के प्रति आंखे मूंदे नहीं रह सकता। इसके बाद बांग्लादेश ने अपने दम पर पुल का निर्माण करने की ठानी और प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा अपने पिछले कार्यकाल के अंतिम दिनों में इस पुल की आधारशिला रखी गई। अब पुल तैयार है। शेख हसीना ने धूमधाम से पुल के दोनों छोर पर उद्घाटन कर दिया है और कल से इसपर ट्रैफिक का आवागमन शुरू हो जाएगा।
पुल बढ़ाएगा जीडीपी
पद्मा ब्रिज बांग्लादेश में अब तक का सबसे बड़ा और सबसे चुनौतीपूर्ण बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर है। इस पुल के जरिये राजधानी ढाका और नदी के उस पर दक्षिण-पश्चिम में रहने वाले 3 करोड़ मिलियन लोगों के आने जाने का सुबह रास्ता खुलेगा। इस पुल से संचार, व्यापार और समग्र रूप से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सरकार का अनुमान है कि सकल घरेलू उत्पाद में 1.23 प्रतिशत की वृद्धि और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
यह पुल नाटकीय रूप से ढाका और इसके पश्चिम के शहरों जैसे खुलना, जेसोर और बारिसल के बीच सड़क की दूरी में कटौती करेगा। और 2024 में इस पुल पर रेलवे लाइन खुलने के बाद, ढाका और कोलकाता के बीच यात्रा समय साढ़े तीन घंटे से कम हो जाएगा। इससे भारत के साथ व्यापार और संचार में क्रांति आ सकता है।
राष्ट्रीय गौरव
समंदर जैसी विशाल नदी पर 36 अरब डॉलर (28 खरब रुपये) खर्च कर बना 6 किलोमीटर से भी ज्यादा लम्बा ये पुल अधिकांश बांग्लादेशियों के लिए राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। लोगों के लिए, इस पुल ने साबित कर दिया है कि बांग्लादेश अपने दम पर जीत सकता है। जानकार लोगों का मानना है कि ये पुल बांग्लादेश के राष्ट्रीय दृढ़ संकल्प की ताकत का प्रतीक है। विश्व बैंक द्वारा इसे डंप करने के बाद बांग्लादेशी अधिकारियों और एसएनसी-लवलिन के अधिकारियों के खिलाफ कनाडा की अदालत में भ्रष्टाचार का मामला चला। लेकिन 2017 में अदालत ने मामले जो खारिज कर दिया। यानी भ्रष्टाचार साबित नहीं हुआ।
ये पुल देश के अपेक्षाकृत कम विकसित दक्षिण-पश्चिम और अधिक विकसित पूर्व के बीच सड़क और रेल लिंक प्रदान करके, क्षेत्रीय बाजारों के अधिक एकीकरण को बढ़ावा देगा। इस पुल से खुलना और बरिसाल डिवीजनों में सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव दिखने की उम्मीद है।
चीन ने बनाया
पद्मा ब्रिज का निर्माण चाइना मेजर ब्रिज इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा किया गया है, जो सरकारी स्वामित्व वाले चाइना रेलवे ग्रुप की सहायक कंपनी है। इस कंपनी ने पुल निर्माण के लिए 1.55 अरब डॉलर की सबसे कम बोली लगाई थी। जिसके बाद मई 2014 में इसके साथ अनुबंध किया गया। उसी साल नवंबर के अंत में काम शुरू हुआ।
इस पुल का निर्माण बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि गंगा-पद्म-ब्रह्मपुत्र प्रणाली दुनिया में सर्वाधिक पानी की मात्रा वाली नदियों में से एक है। नदी में रेत के किनारे लगातार बढ़ते गिरते रहते हैं। पानी के नीचे की धाराएं बहुत तेज रहती हैं और निर्माण के लिए जटिल समस्याएं पेश करती हैं।
- मुख्य पुल 6.15 किमी लंबा है। जबकि कुल लंबाई 9.83 किमी है, जिसमें दो छोर पर सड़क और रेल पुल शामिल हैं। ये पुल 21.65 मीटर चौड़ा है।
- पुल इतना ऊंचा है कि इसके नीचे से सबसे बड़े जहाज गुजर सकते हैं। इसमें 42 घाट हैं, जिनमें से 40 नदी में हैं और दो पूरी तरह से अलग डिजाइन के "संक्रमण" घाट हैं।
- पुल में सबसे ज्यादा गहराई 122 मीटर की है। सरकार के अनुसार ये एक रिकॉर्ड है। ऊपरी डेक पर चार लेन का राजमार्ग है और निचले डेक पर दोहरी गेज रेलवे लाइनें हैं।
- पुल मोंगला पोर्ट (खुलना) से ढाका तक की दूरी को 100 किमी से अधिक घटाकर केवल 170 किमी कर देगा।
- 2024 में हर दिन औसतन 24,000 वाहन और 2050 तक 67,000 वाहन इस पुल पर चलेंगे।
- एडीबी और अन्य स्वतंत्र अनुमानों के अनुसार, पुल से बांग्लादेश की जीडीपी वृद्धि को कम से कम 1 फीसदी तक बढ़ाने की संभावना है।
- इस पुल से अगले 30 वर्षों में 25 अरब डॉलर के लाभ देने की उम्मीद है।