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बांग्लादेश: कौन हैं मोहम्मद यूनुस जिन पर छात्रों को है पूरा भरोसा?
Muhammad Yunus: हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस को सरकार बनाने में मदद का न्योता दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
Muhammad Yunus: बांग्लादेश के घटनाक्रम में एक नाम अचानक उभर कर आया है। ये नाम है मोहम्मद यूनुस का जो शांति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री एवं व्यवसायी हैं। दरसल, शेख हसीना वाजेद के पलायन के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाने की कवायद शुरू हुई है और आन्दोलनकारी छात्रों के नेताओं ने नई सरकार के लिए मोहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार यानी चीफ एडवाइजर बनाने की मांग रही है जिसे यूनुस ने मंजूर भी कर लिया है। छात्रों को उम्मीद है कि यूनुस अब देश को नई दिशा में ले जाने में सक्षम हैं।
हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस को सरकार बनाने में मदद का न्योता दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। यूनुस ने कहा, मैंने इस पद के लिए इनकार कर दिया था, लेकिन छात्रों के बार-बार अपील करने पर मैंने उनकी बात मान ली है। छात्र कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है। अगर छात्रों और देश की जनता ने इतनी कुर्बानी दी है, तो मेरी भी कुछ जिम्मेदारी है। यही सोचकर मैंने छात्रों की मदद करने का फैसला किया है।
फिलहाल हैं पेरिस में
यूनुस ओलिंपिक कमेटी के न्योते पर बतौर स्पेशल गेस्ट पेरिस में हैं। वे जल्द ही बांग्लादेश लौट सकते हैं। बांग्लादेश में तेजी से बदलते घटनाक्रम में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के संयोजकों ने छह अगस्त की सुबह एक फेसबुक लाइव के जरिए मांग की कि देश में एक नई अंतरिम सरकार बनाई जाए। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनाया जाए।
छात्रों ने बताया कि उन्होंने यूनुस से इस बारे में बात की है। छात्रों ने देश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से अपील की कि वो जल्द ही अंतरिम सरकार बनवाएं। छात्रों ने यह भी कहा कि यूनुस के अलावा इस सरकार के अन्य सदस्यों के नाम जल्द बताए जाएंगे। उन्होंने अपने फेसबुक लाइव में यह भी स्पष्ट किया कि इस सरकार के अलावा और किसी भी सरकार को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ना सैन्य सरकार, ना सेना समर्थित सरकार और ना फासीवादियों की सरकार को स्वीकार किया जाएगा। बांग्लादेश के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख ने अंतरिम सरकार की मांग पर अभी तक कुछ नहीं कहा है।
कौन हैं मोहम्मद यूनुस?
मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के एक सामाजिक उद्यमी, एक बैंकर, एक अर्थशास्त्री और सामाजिक नेता हैं। गरीबी उन्मूलन के विशेष प्रयासों के लिए 2006 में यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। इसके पीछे की कहानी ये है कि यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी जो गरीब लोगों को छोटे कर्ज मुहैया कराता है। बांग्लादेश को अपने ग्रामीण बैंक के माध्यम से माइक्रोक्रेडिट के लिए दुनियाभर में सराहना हासिल हुई थी। उन्होंने वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। बांग्लादेश में उन्होंने ग्रामीण बैंक की स्थापना की और माइक्रो ऋण कार्यक्रम भी शुरू किया था।
2009 में उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया गया था। 2010 में उन्हें कांग्रेसनल गोल्ड मेडल दिया गया। इसके साथ ही उन्हें कई और भी अवॉर्ड मिल चुके हैं। 2011 में उन्होंने सास्किया ब्रुइस्टेन, सोफी ईसेनमैन और हंस रीट्ज के साथ मिलकर यूनुस सोशल बिजनेस ग्लोबल इनिशिएटिव्स की सह-स्थापना की। 2012 में उन्हें स्कॉटलैंड के ग्लासगो कैलेडोनियन विश्वविद्यालय का चांसलर बनाया गया। 2018 तक वह इस पद पर रहे। 1998 से 2021 तक उन्होंने संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन के निदेशक मंडल के सदस्य के तौर पर भी काम किया।
आरोप और जेल
साल 18 फरवरी 2007 को मोहम्मद यूनुस ने नागरिक शक्ति नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी। मोहम्मद यूनुस को इस साल श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में बांग्लादेश की एक कोर्ट ने छह महीने की सजा भी सुनाई थी। हालांकि बाद में मार्च में उन्हें जमानत दे दी गई थी। मोहम्मद यूनुस को 23 लाख डॉलर गबन करने के मामले में भी जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। यूनुस की ग्रामीण टेलीकॉम के पास बांग्लादेश के सबसे बड़े मोबाइल फोन ऑपरेटर ग्रामीणफोन में 34.2 फीसदी हिस्सेदारी है। ग्रामीणफोन नॉर्वे की टेलीकॉम दिग्गज टेलीनॉर की सहायक कंपनी है। इसके अलावा, इन आरोपों में 250 मिलियन से अधिक का गबन और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल है।