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Bangladesh Violence : एक फोन आते ही भारतीय छात्रों के लिए मसीहा बनी बीएसएफ, ऐसे चलाया ऑपरेशन

Bangladesh Violence : बांग्लादेश में बीते कई दिनों से आरक्षण को लेकर छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ये प्रदर्शन और हिंसक होता जा रहा है। हालात बेकाबू हो रहे हैं, इसे देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर कर्फ्यू लगा दिया है।

Rajnish Verma
Published on: 20 July 2024 11:16 PM IST (Updated on: 20 July 2024 11:17 PM IST)
Bangladesh Violence
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बांग्लादेश में हिंसा (Pic - Social Media)

Bangladesh Violence : बांग्लादेश में बीते कई दिनों से आरक्षण को लेकर छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ये प्रदर्शन और हिंसक होता जा रहा है। हालात बेकाबू हो रहे हैं, इसे देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर कर्फ्यू लगा दिया है। यहां बिगड़े हालातों के बाद अलग-अलग देशों से आए छात्र सहित आम लोग काफी परेशान है। इस बीच लगभग 1000 भारतीय छात्र बांग्लादेश से अपने वतन वापस आ गए हैं। बता दें कि बांग्लादेश में हिंसक झड़प में करीब 120 लोग मारे जा चुके हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश का ब्राह्मणबारिया जिला त्रिपुरा से सटा हुआ है। इसी ब्राह्मणबारिया जिले के मेडिकल कॉलेज में कई भारतीय छात्र पढ़ाई करते हैं, जो वहां फंस गए थे। हिंसक आंदोलन के कारण वहां इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क को बंद कर दिया गया है, इससे छात्रों के परिजन परेशान होने लगे, क्योंकि उनका सम्पर्क टूट गया था। ऐसे में एक अभिभावक ने जब त्रिपुरा फ्रंटियर के महानिरीक्षक पीयूष नरोत्तम पटेल को फोन करके आपबीती सुनाई तो बीएसएफ मसीहा बनकर सामने आ गई। महानिरीक्षक पीयूष नरोत्तम पटेल ने कॉमिला में बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश के क्षेत्र कमांडर से सम्पर्क किया। इसके बाद दोनों देशों के सीमा सुरक्षाबलों ने सुनियोजित तरीके से मिलकर काम किया और अखुरा बॉर्डर तक छात्रों के सुरक्षित मार्ग का ध्यान रखा। इसके बाद बीएसएफ ने छात्रों की देखभाल की। बीएसफ ने बॉर्डर पर ही इन छात्रों को खाना-पीना उपलब्ध कराया गया। इसके बाद छात्रों को सेना की गाड़ियों से उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।

बांग्लादेश से स्वदेश लौटे छात्र (Pic - Social Media)

वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों को आंतरिक मामला बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि बांग्लादेश में रह रहे 15000 भारतीय सुरक्षित हैं, इनमें से करीब 8500 छात्र हैं। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय स्थिति पर नजर बनाएं हुए है। उन्होंने कहा कि भारतीय उच्चायोग स्वदेश लौटने के इच्छुक भारतीय छात्रों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान कर रहा है और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि शनिवार तक 978 छात्रों सहित 1000 से अधिक बांग्लादेश से लौट आए हैं।

बांग्लादेश में हिंसा (Pic - Social Media)

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि बांग्लादेशी छात्र सरकारी नौकरी में आरक्षण को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। दरअसल यहां 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं, जिसमें 30 प्रतिशत स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए और 10 प्रतिशत पिछड़े जिलों के लिए, 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए, पांच प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए और एक प्रतिशत विकलांग लोगों के लिए हैं। यह पूरा आंदोलन स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को मिलने वाले 30 फीसदी आरक्षण के विरोध में चलाया जा रहा है।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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