बांग्लादेश की हिंसा: 105 मौतें, देश भर में कर्फ्यू, 400 भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला गया

Bangladesh violence: मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि देश में 8,500 भारतीय छात्रों में से अब तक 405 को निकाला जा चुका है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 20 July 2024 5:43 AM GMT
Bangladesh violence
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बांग्लादेश की हिंसा  (photo: social media) 

Bangladesh violence: बांग्लादेश में हिंसा जारी है। अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है। छात्रों के आंदोलन को रोकने के लिए राष्ट्रीय कर्फ्यू लगाया गया है। बांग्लादेश सरकार ने छात्र विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए सेना को तैनात करने की घोषणा की है। अब तक 400 से अधिक भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला गया है।

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि देश में 8,500 भारतीय छात्रों में से अब तक 405 को निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में भारतीय दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं।

क्या है स्थिति

- प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने पूरे बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की है और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया है।

- सरकार ने शिक्षण संस्थानों के परिसरों को बंद करने और विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए राजधानी भर में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है।

- भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि वर्तमान में वहां 8,500 छात्रों सहित लगभग 15,000 भारतीय रह रहे हैं और वे सभी सुरक्षित हैं।


क्या है छात्रों की मांग

- आंदोलनकारी छात्र बांग्लादेश में कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ देश की आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले लोगों के परिजनों को 30 फीसदी आरक्षण दिया गया था।

- छात्रों का मानना है कि कोटा प्रणाली भेदभावपूर्ण है और शेख हसीना के समर्थकों को लाभ पहुंचाती है, जिनकी अवामी लीग पार्टी ने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था। छात्रों की मांग है कि सरकारी नौकरियों में मेरिट यानी योग्यता आधारित प्रणाली लागू की जाए।

- बांग्लादेश में निजी क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों में नौकरी के अवसर बढ़े हैं, लेकिन कई नागरिक जॉब सिक्योरिटी के कारण सरकारी नौकरी ही चाहते हैं। हालाँकि, सभी युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिलती क्योंकि सिविल सेवा परीक्षा में केवल 3,000 नौकरियाँ हैं। देश में लगभग 400,000 स्नातक प्रतियोगी परीक्षा में बैठते हैं।



Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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