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बांग्लादेश में सौ मौतों के बाद पूरे देश में बेमियादी कर्फ्यू, इंटरनेट पर बैन, भारत ने जारी की एडवाइजरी, यात्रा न करने की सलाह

Bangladesh Violence: देश के हालात बेकाबू होने के बाद पूरे देश में बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया गया है। सरकार ने इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 5 Aug 2024 8:53 AM IST (Updated on: 5 Aug 2024 9:34 AM IST)
Bangladesh Violence
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Bangladesh Violence   (photo: social media )

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की इस्तीफे की मांग को लेकर भड़की हिंसा बेकाबू हो गई है। प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश में कई स्थानों पर हिंसक झड़पें पर हुई हैं। हिंसा की विभिन्न घटनाओं में 14 पुलिस कर्मियों समेत 100 लोग मारे जा चुके हैं। हिंसक झड़पों में सैकड़ो लोग घायल हुए हैं जिनमें 300 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

देश के हालात बेकाबू होने के बाद पूरे देश में बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया गया है। सरकार ने इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आंदोलन के नाम पर हिंसा फैलाने वालों को आतंकवादी बताते हुए देशवासियों से उन्हें कुचल देने का अनुरोध किया है। दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच भारत ने एडवाइजरी जारी करते हुए बांग्लादेश की यात्रा न करने की सलाह दी है।

पीएम के इस्तीफे की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी

बांग्लादेश की सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर छात्र काफी दिनों से उग्र तेवर अपनाए हुए हैं। छात्रों के उग्र आंदोलन के बाद बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने कोटे की सीमा को घटा दिया था मगर अब छात्र प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए हैं।

उग्र छात्रों ने देश के विभिन्न हिस्सों में पुलिस स्टेशनों, सत्तारूढ़ पार्टी के दफ्तरों और उनके नेताओं के आवासों पर हमला बोल दिया। देश के कई इलाकों में आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं।


अवामी लीग के कार्यकर्ताओं से हिंसक झड़पें

छात्रों की मांग का विरोध करते हुए शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए और दोनों पक्षों के बीच कई स्थानों पर टकराव हुआ। राजधानी ढाका सहित कई शहरों में हिंसक झड़पों में कई लोग मारे गए। हालात बेकाबू होने के बाद बांग्लादेश सरकार ने देश में फेसबुक, व्हाट्सएप, मैसेंजर और इंस्टाग्राम पर बैन लगा दिया है।


14 पुलिस कर्मियों समेत 100 की मौत

बांग्लादेश के प्रमुख अखबार प्रोथोम अलो के मुताबिक देश के विभिन्न हिस्सों में हुई झड़पों और गोलीबारी में सौ लोगों की मौत हो गई। पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक हिंसा की घटनाओं में 14 पुलिसकर्मी मारे गए हैं। सबसे ज्यादा हिंसा सिराजगंज में होने की सूचना है और वहां के इनायतपुर पुलिस थाने पर हमला करके 13 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई।

शहर में हुई अन्य घटनाओं में भी नौ लोग मारे गए हैं। एक पुलिसकर्मी की हत्या कोमिला के इलियटगंज में हुई है। हिंसा भड़कने के बाद प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग के छह नेताओं और कार्यकर्ताओं की पीट-पीट कर हत्या कर दी जबकि आवामी लीग के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं। ढाका में भी 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। हिंसा की घटनाओं में करीब 300 पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है।


हिंसा फैलाने वालों को आतंकवादी बताया

इस बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में हिंसा फैलाने वालों को आतंकवादी बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को कुचल देने की जरूरत है। देश के हालात बिगड़ने के बाद प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ आपात बैठक भी की। इस बैठक के दौरान हालात की समीक्षा की गई। देशभर में हिंसा भड़कने के बाद सरकार ने तीन दिनों तक छुट्टी का ऐलान कर दिया है। दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों ने देश के लोगों से अपील की है कि वे टैक्स और बिलों का भुगतान न करें।


भारत ने जारी की एडवाइजरी

बांग्लादेश में बेकाबू हालात के बाद भारत भी अलर्ट मोड में आ गया है। भारत ने बांग्लादेश में रहने वाले अपने सभी नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इन सभी लोगों को बांग्लादेश में सावधानी बरतने और अपनी आवाजाही को सीमित रखने की सलाह दी गई है। एडवाइजरी में नागरिकों से यह भी कहा गया है कि अगले आदेश तक वे बांग्लादेश की यात्रा करने से बचें। बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।


बांग्लादेश में हिंसा को खत्म करने की अपील

इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने बांग्लादेश में हिंसा को समाप्त करने की अपील की है। उन्होंने बांग्लादेश के नेताओं और सुरक्षा बलों से संयम बरतने का भी आग्रह किया। वोल्कर ने कहा कि सरकार को विरोध आंदोलन में शांतिपूर्वक भाग लेने वालों को निशाना बनाना बंद करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। वोल्कर ने कहा कि बातचीत के जरिए ही समस्या का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने इंटरनेट पर बैन को भी समाप्त करने की मांग की।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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