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बड़ी तबाही की थी साजिश, बार्सिलोना में स्मारकों को उड़ाना चाहते थे आतंकी
मेड्रिड: स्पेन में टूरिस्ट सीजन के दौरान बार्सिलोना में हुए वैन हमले ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। आईएसआईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। स्पेन की पुलिस इस हमले का खुलासा करने में जुटी हुई है। पता चला है कि हमले के पीछे सक्रिय सेल ने एक बड़ी तबाही की साजिश तैयार कर रखी थी। इस सेल की योजना सैग्राडा फेमीलिया कैथेड्रल चर्च समेत शहर के कई स्मारकों को विस्फोटक के जरिये उड़ाने की थी।
वैन हमले के मामले में पकड़े गए एक संदिग्ध ने मेड्रिड की अदालत के दिए बयान में यह खुलासा किया है। इस साजिश को अमली जामा इसलिए नहीं पहनाया जा सका क्योंकि एक दिन पहले ही बम बनाने वाले सामानों से भरे घर में विस्फोट हो गया। बाॢसलोना हमले में एक वैन ड्राइवर ने भीड़भाड़ वाले इलाके में लोगों को गाड़ी से रौंद दिया था जिसमें 15 लोगों की मौत हो गयी और सौ से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा कैंब्रिल्स के एक रिजार्ट में भी कार से हमला किया गया था।
स्पेन में यह टूरिस्ट सीजन है। इस दौरान स्पेन में काफी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं। इस सीजन में पर्यटकों की संख्या एक करोड़ से ऊपर तक पहुंच जाती है। पिछले वर्ष भी आईएसआईएस ने स्पेन में पर्यटकों को निशाना बनाने की बात कही थी। टूरिस्ट सीजन के दौरान हुए इस हमले को सोची समझी साजिश माना जा रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप सहित विश्व के तमाम नेताओं ने इस हमले की निंदा करते हुए स्पेन को हर संभव मदद देने की बात कही है।
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बार्सिलोना हमले में जिस चार संदिग्धों को पकड़ा गया है उनमें मोहम्मद हूली शेमलाल भी शामिल है। शेमलाल ने खुलासा किया है कि स्मारकों में विस्फोटक लगाने की योजना एक दिन पहले रद कर देनी पड़ी। इसका कारण यह था कि बम बनाने वाले सामानों से भरे घर जोरदार धमाका हो गया। शेमलाल भी इस धमाके में घायल हो गया था। जिस घर में धमाका हुआ वह घर एल्कनार कस्बे में स्थित था जो धमाके की वजह से पूरी तरह तबाह हो गया। हमले के सिर्फ एक दिन पहले हुई इस घटना से साजिशकर्ताओं की सारी योजना धरी की धरी रह गयी। इस सेल के आठ सदस्य मारे जा चुके हैं, इनमें अल्केनार विस्फोट में दो और बाद में पुलिस की गोली से छह की मौत हुई है। जो अंतिम संदिग्ध मारा गया उसकी पहचान मोरक्को मूल के 22 साल के यूनुस अबूयाकूब के रूप में हुई है।
बार्सिलोना में पुलिस ने नकली विस्फोटक बेल्ट और चाकुओं से लैस अबूयाकूब को गोली मार दी थी। हमले के मुख्य संदिग्ध मूसा ऊकबीर की पहचान उन पांच संदिग्धों में की जा रही है जो केम्ब्रिल्स में पुलिस कार्रवाई के दौरान मारे गए हैं। पुलिस ने इससे पहले कहा था कि मूसा और अन्य तीन लोगों की तलाश जारी है। पुलिस को शक है कि मूसा ऊकबीर ही वैन चला रहा था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि संदिग्ध हमलावर किसी बड़े हमले की तैयारी में थे, लेकिन इसके लिए जरूरी चीजें न होने के कारण उन्होंने वैन से हमले का आसान रास्ता चुना। मूसा ऊकबीर की उम्र 17 साल बताई जा रही है, जो कैटलन के शहर गिरोना के रहने वाला था। बाकी संदिग्ध मोरक्को मूल के थे।
जानकारों का कहना है कि मूसा ने अपने भाई के कागजात दिखाकर हमले के लिए वैन किराए पर ली थी। केम्ब्रिल्स शहर में भी इन लोगों ने वैन से हमला कर दिया था जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी,लेकिन हमलावरों की गाड़ी पलट गई। इस घटना को पिछले साल जुलाई में यूरोप में शुरू हुए इस तरह के हमलों से जोडक़र देखा जा रहा है। पुलिस ने इस हमले से जुड़े एक की तस्वीर भी जारी की है। पुलिस के मुताबिक यह उस व्यक्ति की तस्वीर है जिसने हमले में इस्तेमाल हुई वैन किराये पर दी थी। स्थानीय मीडिया के मुताबिक 20 साल के इस व्यक्ति का नाम ड्रिस है जो मोरक्को मूल का है।
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बार्सिलोना में उन लोगों को भी निशाना बनाया गया जो फुटपाथ पर चल रहे थे। घटनास्थल के वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कई लोग सडक़ पर गिरे हुए थे। घटना के प्रत्यक्षदॢशयों का कहना है कि ऐसा नहीं लगा कि वैन गलती से लोगों पर चढ़ गई हो। इसे जान-बूझकर भीड़ पर चढ़ाया गया था। यही कारण है कि पुलिस इस घटना को चरमपंथी घटना की तरह मान रही है। घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी स्टीवन टर्नर ने घटना के बाद बताया कि मेरे ऑफिस के लोगों ने देखा कि वैन लास रमब्लास में लोगों को टक्कर मारते जा रही थी।
दूसरे चश्मदीद आमेर अनवर ने बताया कि दिन बहुत खूबसूरत था और धूप खिली हुई थी। शहर में हजारों पर्यटक थे। मैंने देखा कि कोई क्रैश हुआ और सडक़ों पर लोग चिल्लाने लगे। सब दौडऩे लगे तो मैं भी उसी दिशा में दौडऩे लगा। लोग चिल्ला रहे थे और कुछ ही पलों में पुलिस अधिकारी सडक़ों पर आ गए थे। मैंने किसी से घटना के बारे में पूछा तो पता चला कि भीड़ में एक वैन घुस आई है। कुछ ही देर पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। एक और चश्मदीद ने कहा कि कोई समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो रहा है। एक जोरदार आवाज हुई और सब लोग भागने लगे। उन्होंने बताया कि उस समय इलाके में काफी भीड़ थी। हम सब नजदीक की एक इमारत में घुस गए।
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वाहन के जरिये पहले भी हो चुके हैं हमले
यूरोप में वाहन से हमले का यह कोई पहला मामला नहीं था। पहले भी बार्सिलोना की तरह ही वाहनों से ऐसे हमले किए जा चुके हैं। दिसंबर 2014 में फ्रांस के शहर नांटेस में ऐसा ही हमला हुआ था जब एक आंतकी ने तेज गति के वाहन से दस लोगों को कुचल दिया था। इसके बाद 14 जुलाई 2016 को फ्रांस के शहर नीस में बैस्टील के मौके पर सडक़ पर जमा लोगों को एक आतंकी ने अपने ट्रक से कुचल दिया था। इस हमले में करीब 86 लोगों की मौत हो गई थी। बाद में इस ड्राइवर को पुलिस ने मार गिराया था।
दिसम्बर 2016 में बर्लिन हमले में करीब 12 लोगों की मौत हुई थी। नीस समेत बर्लिन, लंदन और स्टॉकहोम में हुए ऐसे आतंकी हमलों में अब तक करीब 100 लोगों की मौत हो चुकी है।
2004 के हमले में मारे गए थे 191 लोग
स्पेन में यह कोई पहली आतंकी वारदात नहीं है। मार्च 2004 के हमले में राजधानी मेड्रिड में करीब 191 लोग मारे गए थे। इस हमले को अलकायदा से जुड़े आतंकियों ने अंजाम दिया था। आतंकियों ने इस हमले में एक ट्रेन को निशाना बनाया था। इस हमले में 1800 से अधिक लोग घायल हुए थे। मई में स्पेन में पुलिस ने दो लोगों को मेड्रिड से गिरफ्तार किया था। यह दोनों ही मोरक्को के नागरिक हैं। इनमें से एक ने बड़ी लॉरी चलाने के लिए लाइसेंस का आवेदन भी किया था। इसके अलावा उस पर ऑनलाइन के जरिए आईएसआईएस से जुड़ी सामग्री को शेयर करने का आरोप है। 2015 में जहां फ्रांस में 424 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं स्पेन में करीब 187 संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी।
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यूरोप में बढ़ रहीं आईएसआईएस की गतिविधियां
आतंकियों की ओर से इस हमले को लेकर पहले ही धमकी दी जा चुकी थी। आतंकियों ने इसे लेकर कई जगह पोस्टर भी लगाए थे। सवाल यह उठ रहा है कि इसके बाद भी पुलिस और खुफिया तंत्र बॢसलोना के हमले को रोक पाने में आखिर क्यों नाकाम रहा। एक बड़ा सवाल यह भी है कि यूरोप में पूर्व में हुए हमलों से आखिर स्पेन ने कोई सबक क्यों नहीं लिया। माना जा रहा है कि स्पेन की पुलिस ने सक्रियता नहीं दिखाई। पुलिस ने सक्रियता दिखाई होती तो यह हमला रोका जा सकता था। इस बारे में सीरिया के वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर वईल अवाद ने कहा कि आईएसआईएस लगातार अपनी विचारधार को यूरोप की तरफ बढ़ा रहा है। ऐसा इसलिए भी संभव हो पा रहा है क्योंकि यूरोप के कई देशों में विस्थापितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यूरोप के देश आईएसआईएस के लिए बेहद सॉफ्ट टारगेट बन गए हैं।
ट्रंप ने दी अमरीकी सरकार को ठप कर देने की धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि मेक्सिको सीमा पर दीवार खड़ी करने के लिए अगर जरूरी हुआ तो वो ‘अमरीकी सरकार को ठप’ कर देंगे। दक्षिण के राज्य एरिजोना के फिनिक्स शहर में डोनाल्ड ट्रंप ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ रैली को संबोधित कर रहे थे। ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेट सिनेटर उनके रास्ते में रुकावट पैदा कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेट सदस्य, दीवार बनाने की योजना का विरोध करके अमेरिका की सुरक्षा को जोखिम में डाल रहे हैं।
ट्रंप ने अपने संबोधन में मीडिया पर भी निशाना साधा और उस पर अति दक्षिणपंथी ग्रुपों को मंच प्रदान करने का आरोप लगाया।
असल में ट्रंप चाहते हैं कि अवैध रूप से अमरीका में घुसपैठ करने वाले लोगों को रोकने के लिए अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर एक विशाल दीवार खड़ी कर दी जाये। यह उनका चुनावी एजेंडा भी था। ट्रंप चाहते हैं कि दीवार बनाने की उनकी योजना में संसद और सभी सिनेटर उनका साथ दें। लेकिन दिक्कत यह है कि इस दीवार पर भारी भरकम खर्चा आना है। इस खर्चे की मंजूरी के लिये ट्रंप को पिवक्षी डेमोक्रेट सांसदों का साथ चाहिये होगा और यह साथ मिल पाना मुश्किल है।
फीनिक्स के भाषण में ट्रंप ने कहा कि भले ही डेमोक्रेट उनके रास्ते में रोड़ा अटकायें लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो वो सरकार को ठप कर देने का भी खतरा उठाने को तैयार हैं। सरकार ठप करने से ट्रंप का मंतव्य यह है कि जब संघीय सरकार के वित्तीय मामले से जुड़ा कोई विधेयक कंाग्रेस से पास नहीं होता तो ऐसी स्थिति में वो सारी सेवाएं ठप पड़ जाती हैं जो अतिवाश्यक की श्रेणी में नहीं आतीं। सरकार को ठप करने के लिए राष्ट्रपति को बस इतना करना है कि वो उस विधेयक पर हस्ताक्षर करने से मना कर दे जिसे कांग्रेस भेजेगी। संसद में नए बजट पर बहस होनी है और जबतक ये पास नहीं हो जाता एक अक्टूबर से सारी गतिविधियां ठप पड़ जाएंगी।
ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेट सदस्य चाहेंगे कि हम ऐसा न करें, लेकिन मेरा भरोसा करें कि अगर दीवार बनाने के लिए जरूरत पड़ी तो हम अपनी सरकार को ठप कर देंगे। उन्होंने कहा कि अमरीकी जनता ने प्रवासियों के प्रवेश पर नियंत्रण के लिए वोट दिया था।