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Beijing News: चीन में समाज को कंट्रोल करने की बड़ी योजना, अब वही होगा जो सरकार चाहेगी
Beijing: चीन में सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी का फोकस समाज पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाने पर है।
Beijing News: चीन में सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी का फोकस समाज पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाने पर है। इसी क्रम में उन सभी गतिविधियों पर हंटर चलाया जा रहा है जो समाज को प्रभावित करती हैं। इसके तहत पहले प्राइवेट ट्यूशन और कोचिंग का धंधा बंद करवाया गया। सोशल मीडिया कंपनियों पर लगाम कसी गयी। अलीबाबा ग्रुप की टेक्नोलॉजी कंपनी और टेंसेंट जैसी कंपनियों पर चीनी सरकार पहले ही सख्त रुख अख्तियार कर चुकी है। अब और बड़े फैसले लिए गए हैं जिनके तहत बच्चों के लिए ऑनलाइन गेमिंग की समय सीमा तय की गयी है। शहरों में बढ़ते किराये पर रोक लगाने की योजना बनाई गयी है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर लोगों को प्रभावित करने वाले एक्टरों आदि पर भी रोक लगा दी है जिसके तहत वे अपने फैन क्लब नहीं चला पाएंगे।
आवास समस्या
चीनी सरकार की योजना है कि देश के शहरों में आवास की समस्या का ठोस समाधान कर दिया जाए। चीन के गाँव-कस्बों से बड़े शहरों में आने वाले कामगारों को रहने की ढंग के एजगाह नहीं मिल पाती है क्योंकि शहरों में मकानों का किराया बहुत ही ज्यादा है जो हर साल बेलगाम बढ़ता भी जाता है। अब आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने ऐलान किया है कि शहरों में मकानों का किराया साल में 5 फीसदी से ज्यादा बढाने की इजाजत नहीं दी जायेगी। आवास विभाग के उप मंत्री नी होंग ने कहा है कि शहरों में आने वाले नए प्रवासियों के अलावा बहुत से युवा लोग ऊंची कीमतों के कारण न तो मकान खरीद नहीं पाते हैं और न ही ढंग के इलाके में किराये पर मकान ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि शहरों में 70 फीसदी किरायेदार प्रवासी कामगार और कम आयवर्ग के युवा हैं।
चीन में आवास की समस्या काफी जटिल है जिसे सुलझाने के लिए कई बार सख्त कोशिशें की जा चुकी हैं। अब फिर से संपत्ति टैक्स लगाने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा बार बार प्रॉपर्टी खरीद कर बेचने वालों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने एक बार कहा था कि 'मकान रहने के लिए होते हैं,सट्टेबाजी के लिए नहीं।' जिनपिंग कह चुके हैं कि सब लोगों की खुशहाली के लिए सस्ते आवास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
ऑनलाइन गेम खेलने के नए नियम
चीन में बच्चों की ऑनलाइन गेमिंग की आदत छुडाने के लिये सरकार ने सख्ती की है। ऑनलाइन गेम के लिए बनाए गए नए नियमों के अनुसार 18 साल से कम उम्र के बच्चे सप्ताह में केवल तीन घंटे ही गेम खेल पाएंगे। इससे ज्यादा ऑनलाइन वीडियो गेम खेलने की इजाजत नहीं होगी। नेशनल प्रेस एंड पब्लिकेशन एडमिनिस्ट्रेशन (एनपीपीए) ने एक नई अधिसूचना में कहा कि बच्चे शुक्रवार शाम से लेकर शनिवार और रविवार की देर शाम 8 बजे से रात 9 बजे के बीच ऑनलाइन गेम खेल सकते हैं। देश में वीडियो गेम की निगरानी करने वाले नियामक के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक सार्वजनिक छुट्टी वाले दिन बच्चे तय समय पर एक घंटा गेम खेल सकते हैं।
इससे पहले 18 साल तक के बच्चों को रोजाना 90 मिनट वीडियो गेम खेलने की इजाजत थी। ये सख्ती इसलिए की जा रही है क्योंकि चीन की सरकार अपने युवाओं पर गेमिंग के नकारात्मक प्रभाव से लेकर बुरी आदतों, और आंखों पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित है। चीनी अधिकारियों ने ऑनलाइन वीडियो गेम को 'आध्यात्मिक अफीम' बताया है। अधिकारीयों का मानना है कि बच्चे ऑनलाइन गेमिंग के आदी हो रहे हैं जो उनके स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। चीन में ऑनलाइन गेम खेलने के लिए अपने पहचान पत्र से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है ताकि बच्चे अपनी उम्र के बारे में झूठ न बोल सकें। इस तरह के खेलों की सेवा देने वाली कंपनियों को भी निर्धारित समय से अलग हटकर नाबालिगों को ऐसी सेवाएं देने की मनाही है।
ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध ग्लोबल गेमिंग बाजार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। नए नियमों की घोषणा के तुरंत बाद प्रमुख ऑनलाइन वीडियो गेम कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। चीन में लाखों युवा ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े हुए हैं। दुनिया भर के ऑनलाइन गेम डेवलपर्स चीन को बहुत बड़ा बाजार मानते हैं। चीन के ऑडियो-वीडियो और डिजिटल पब्लिशिंग एसोसिएशन के मुताबिक, इस साल की पहली तिमाही में गेमिंग उद्योग ने लगभग 20 अरब डॉलर की कमाई की है।