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Bhartiya Prachin Murti: ब्रिटेन लौटाएगा यूपी से चोरी की गई प्राचीन मूर्ति, जानें क्या है इतिहास

Bhartiya Prachin Murti: उत्तर प्रदेश से चोरी करके ब्रिटेन पहुंचा दी गई आठवीं सदी की एक प्राचीन मूर्ति अब वापस अपनी जगह आने वाली है। इसे ब्रिटेन भारत को लौटाएगा।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 5 Dec 2021 12:31 PM IST (Updated on: 5 Dec 2021 12:35 PM IST)
Bhartiya Prachin Murti: ब्रिटेन लौटाएगा यूपी से चोरी की गई प्राचीन मूर्ति, जानें क्या है इतिहास
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भारतीय प्राचीन मूर्ति (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Bhartiya Prachin Murti: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से चोरी करके ब्रिटेन (Britain) पहुंचा दी गई आठवीं सदी की एक प्राचीन मूर्ति (Pracheen Murti) अब वापस अपनी जगह आने वाली है। ये मूर्ति यूपी के लोकहरी गांव (Lokhari Village) के एक मंदिर से 20 साल पहले चोरी हो गई थी। ये एक अनोखी मूर्ति (Bhartiya Anokhi Murti) है जिसमें सिर बकरी का है और शरीर योगिनी का। ये मूर्ति इत्तेफाक से ही मिली क्योंकि ये इंग्लैंड के एक गांव के घर में पड़ी हुई थी, काई और घास में लिपटी हुई।

अब इसे लंदन (London) स्थित भारतीय उच्चायुक्त (Indian High Commissioner) को औपचारिक रूप से सौंप दिया जाएगा। इस मूर्ति के साथ विश्वविख्यात नीलामी घर सोथेबी (Auction House Sotheby) का भी नाम जुड़ा हुआ है क्योंकि उसने 1988 में इसे 15 हजार पाउंड में बिक्री के लिए पेश किया था। इत्तेफाक से बाद में सोथेबी पर 90 के दशक में गम्भीर आरोप लगे थे कि वह भारत के प्राचीन मंदिरों से मूर्तियां चोरी किये जाने को प्रश्रय देता है।

डॉक्यूमेंट्री में भी दिखाया गया सच

ब्रिटिश पत्रकार पीटर वाटसन की 1997 में प्रकाशित किताब 'सोथेबी : इनसाइड स्टोरी' में इस मूर्ति का भी जिक्र है। इस किताब में चोरी और लूटी गई प्राचीन कृतियों का वर्णन है कि किस तरह नीलामी घर इनका धंधा करता है। पीटर वाटसन और 'चैनल 4 डिस्पैच' ने लूट और नीलामी के धंधे पर कई वीडियो डॉक्यूमेंट्री भी रिलीज़ की थीं। इसमें एक में दिखाया गया था कि भारतीय डीलर प्राचीन चीजों से भरे एक पूरे कंटेनर को सप्लाई करने का दावा करते हैं।

ये चीजें बाद में सोथेबी में बेची जाती हैं। इन सनसनीखेज खुलासों के बाद सोथेबी ने लंदन में नियमित रूप से होने वाली पुरावस्तुओं की बिक्री बन्द कर दी। साथ ही नीलामी घर ने एक ऐसा सिस्टम बना दिया ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि सोथेबी संदिग्ध रूप से चोरी के सामानों को अपने यहां नहीं रख रहा है।

योगिनी मूर्ति (Yogini Murti)

1979 से 1982 के बीच भारत में कई योगिनी प्रतिमाएं (Yogini Pratimayen) गायब हो गईं थी। इनमें लोकहरी गांव के पास एक पहाड़ी पर स्थित मंदिर की प्रतिमा भी शामिल थी जिसमें योगिनी का सिर एक बकरी का है।

पीटर वाटसन ने अपनी किताब में लिखा है कि लोकहरी गांव की उस पहाड़ी पर कभी देवी देवताओं की 20 मूर्तियां हुआ करती थीं। ये सभी करब 5 फुट ऊंची थीं और सभी के सिर किसी न किसी पशु के थे। किताब में गांववालों के हवाले से लिखा है कि तमाम मूर्तियों को अनजाने बाहरी लोग ट्रकों में लाद कर ले गए।

मूर्ति को खोजने में क्रिस्टोफर मारिनेलो ने दिया बड़ा योगदान

बहरहाल, इस मूर्ति को खोज निकालने में क्रिस्टोफर मारिनेलो (Christopher Marinello) का बहुत बड़ा योगदान रहा है। क्रिस्टोफर चोरी गई, लूटी हुई और लापता कलाकृतियों को ढूंढने के प्रमुख एक्सपर्ट हैं। उनका कहना है कि ये मूर्ति जिसके पास थी उसने बताया कि उन्होंने जब 15 साल पहले अपना मकान खरीदा था, तब बगीचे में ये मूर्ति पहले से ही पड़ी थी। तभी मकानमालकिन ने तय किया कि वो इस मूर्ति को बिना शर्त वापस कर देंगी और उन्होंने यही किया।

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Shreya

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