×

जानिए इस पेंटिंग में क्या है खास, तोड़ दिए नीलामी के रिकाॅर्ड

1980 के दशक में बनाई गई एक पेंटिंग 'टू मेन इन बनारस' ने 32 लाख डॉलर में नीलाम होकर नया रिकॉर्ड बना दिया है। इस पेंटिंग को भारतीय समकालीन कलाकार भूपेन खाखर ने बनाई थी। सोमवार को सोथबी के नीलामी घर में इस पेंटिंग को नीलाम किया गया।

Dharmendra kumar
Published on: 11 Jun 2019 4:23 PM IST
जानिए इस पेंटिंग में क्या है खास, तोड़ दिए नीलामी के रिकाॅर्ड
X

लंदन: 1980 के दशक में बनाई गई एक पेंटिंग 'टू मेन इन बनारस' ने 32 लाख डॉलर में नीलाम होकर नया रिकॉर्ड बना दिया है। इस पेंटिंग को भारतीय समकालीन कलाकार भूपेन खाखर ने बनाई थी। सोमवार को सोथबी के नीलामी घर में इस पेंटिंग को नीलाम किया गया।

कूप्स दे कोइअर: द गाई एंड हेलेन बार्बीअर फैमिली कलेक्शन ने इसको खरीदा है। इस परिवार के पास 20 वीं सदी के भारतीय कला के 29 बेहतरीन कलाकृतियों का संग्रह है। 1986 में मुंबई में 'टू मेन इन बनारस' का अनावरण करने वाले खाखर (1934-2003) पहले ऐसे भारतीय कलाकार थे, जिन्होंने अपने काम के जरिए अपने यौन ओरिएंटेशन का खुलासा किया था। सोथबी ने अपने वेबसाइट पर लिखा है कि पेंटिंग में दो नग्न पुरुषों को आलिंगन करते दिखाया गया है।

यह भी पढ़ें...वर्ल्ड कप 2019: अब टीम इंडिया का नया शिखर धवन कौन होगा

पेंटिंग में कलाकार ने समलैंगिक प्रेम का नवीन आईकनोग्रफी तैयार किया है। खाखर भारत के पहले अग्रणी समलैंगिक कलाकार थे। सोथबी ने बताया कि कलाकार के सर्वश्रेष्ठ व व्यापाक कार्यों में से एक इस पेंटिंग को टेट मॉडर्न 2016 की प्रदर्शनी ‘यू कैन नॉट प्लीज ऑल’ में लगाई गई थी, जो संस्थान में आयोजित होने वाले भारतीय कलाकार का पहला रेट्रोस्पेक्टिव है। इसके अलावा नीलामी में एम.एफ हुसैन की ‘मराठी वीमेन’ (1950) करीब 553,146 डॉलर में और राम कुमार की दुर्लभ पेंटिंग ‘अनटाइटल्ड’ (जिसमें महिला और पुरुष एक दूसरे का हाथ थामें हैं), जो 1953 में उन्होंने अपनी पत्नी को तोहफे के तौर पर दी थी, उसकी बिक्री 659,960 डॉलर में हुई।

यह भी पढ़ें...जयललिता बायोपिक: विद्या को फिल्म से निकालने की वजह, बिन मतलब बनी कारण

रामेश्वरम ब्रूटा की 'एपे' सीरीज की 'एनाटॉमी ऑफ दैट ओल्ड स्टोरी' (1970) 537,887 डॉलर में बिकी। वैश्विक नीलामी घर की बिक्री प्रमुख इशरत कांगा ने कहा, 'यह असाधारण परिणाम गाय और हेलेन बार्बीयर की अग्रणी विचारधारा के लिए श्रद्धांजलि है, जिन्होंने तब भारतीय कला के असाधारण उदाहरण पेश किए जब कुछ लोग इस बारे में सोच ही रहे थे।' सोमवार को हुई अन्य बिक्री में फ्रांसिस न्यूटन सूजा की स्मारकीय बेनाम पेंटिंग 15 लाख डॉलर में बिकी।



Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story