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Bhutan Coronavirus: भूटान में कोरोना कंट्रोल, गांव-गांव घूम रहे देश के राजा

Bhutan Coronavirus: भूटान में कोरोना महामारी काफी हद तक कंट्रोल में रही है और इसके पीछे राजा द्वारा उठाये गए कदम और अपनी सीधी निगरानी रखने से अच्छे नतीजे आये हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 4 July 2021 6:04 PM IST (Updated on: 4 July 2021 6:05 PM IST)
Emperor Jigme Khesar Namgyal also walks through the Wangchuck mountains and dense forests
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गांव गांव घूम रहे देश के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक(फोटो-सोशल मीडिया)

Bhutan Coronavirus: भूटान के राजा अपने देश में कोरोना महामारी को कंट्रोल करने के लिए अपने साम्राज्य में खुद गांव-गांव घूम कर इंतजाम देख रहे हैं। इस पर्वतीय देश में सुदूर गावों तक पहुंचने के लिए सम्राट जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक पहाड़ों और घने जंगलों का रास्ता पैदल भी तय करते हैं।

भूटान में कोरोना महामारी काफी हद तक कंट्रोल में रही है और इसके पीछे राजा द्वारा उठाये गए कदम और अपनी सीधी निगरानी रखने से अच्छे नतीजे आये हैं।

कई सीमावर्ती चौकियों का किया निरीक्षण

पिछले 14 महीने से वांग्चुक खुद कार, घोड़े या फिर पैदल ही अपने देश के कोने कोने का दौरा कर रहे हैं। वे सरकार द्वारा किये जा रहे कामों का सुपरविजन करते हैं और लोगों को महामारी के बारे में जागरूक करते हैं। वांग्चुक ने भूटान के 700 किलोमीटर लंबे पूर्वी सीमा का पूरा दौरा कर लिया है।

भूटान के राजा के फेसबुक पेज में बताया गया है कि उनकी सबसे लेटेस्ट पैदल यात्रा 5 दिन की रही जिसमें उन्होंने 60 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान वे अपना बैकपैक खुद अपनी पीठ र लादे रहे।

इस दौरान उन्होंने पहाड़ की ढलानों और पेड़ों के बीच रातें गुजारीं और दिन में गांवों का दौरा किया। वांग्चुक विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मियों से मील और कई सीमावर्ती चौकियों का निरीक्षण किया।

41 वर्षीय वांग्चुक जब भी कोई दौरा पूरा करके राजधानी थिम्पू लौटते हैं तो प्रोटोकॉल के अनुसार किसी होटल में अपने आप को क्वारन्टीन कर लेते हैं। राजा वांग्चुक अपनी प्रजा के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। वे हमेशा से जनता के पास जा कर देश की नीतियों के बारे में विचार विमर्श करते आये हैं।

फोटो-सोशल मीडिया

2006 में जब वांग्चुक सिंहासन संभाला था तब उन्होंने अपनी भूटान को संवैधानिक राजशाही में परिवर्तित कर दिया था और राजा को प्राप्त तमाम पूर्ण शक्तियां त्याग दी थीं।

बभूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग के अनुसारजब राजा मीलों तक यात्रा करते हैं और लोगों को महामारी के बारे में सतर्क करते हैं तो उनकी बातों का सम्मान किया जाता है, उन्हें बहुत गंभीरता से लिया जाता है। ममहामहिम की उपस्थिति बहुत शक्तिशाली संदेश देती है।

7 लाख की जनसंख्या वाला भूटान चीन और भारत से घिरा हुआ है। ये दुनिया से सबसे पर्वतीय देशों में शामिल हैं जहां औसत ऊंचाई 8 हजार फुट की है।

कोरोना की स्थिति

भूटान में कोरोना संक्रमण की बात करें तो 28 जून को यहां कुल 2052 मामले आये थे और एक मौत हुई थी। महामारी से बचने के लिए भूटान ने अप्रैल में अपनी सीमाएं बन्द कर दी थीं और देश के भीतर भी अनावश्यक आवागमन पर रोक लगा दी थी। भूटान की सबसे बड़ी चिंता भारतीय सीमा से लोगों के आवागमन को लेकर है।

जहां तक वैक्सीन की बात है तो उसकी यहां बेहद कमी है। वैसे तो 90 फीसदी से ज्यादा आबादी को आस्ट्रा जेनका वैक्सीन की एक डोज़ लग चुकी है लेकिन दूसरी डोज़ लगाने के लिए अब पर्याप्त स्टॉक नहीं है। ऐसी स्थिति में अब सरकार दूसरी वैक्सीन को इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है।



Vidushi Mishra

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