×

अमेरिका को चाहिए कामगार, उनके बीवी बच्चे नहीं, जानिए क्या है नई इमीग्रेशन नीति

जो बिडेन प्रशासन ने भारतीयों को 2022 के एच-1बी वीजा लॉटरी में शामिल नहीं किया है। दरअसल, हर साल अमेरिका लगभग 85,000 नए एच-1बी वीजा श्रमिकों को स्वीकार करने के लिए एक लॉटरी आयोजित करता है, जिन्हें दोहरे इरादे वाले काम वीजा के रूप में जाना जाता है।

SK Gautam
Published on: 13 Feb 2021 11:48 AM IST
अमेरिका को चाहिए कामगार, उनके बीवी बच्चे नहीं, जानिए क्या है नई इमीग्रेशन नीति
X
अमेरिका को चाहिए कामगार, उनके बीवी बच्चे नहीं, जानिए क्या है नई इमीग्रेशन नीति

नीलमणि लाल

लखनऊ। अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बिडेन ने इमीग्रेशन नीति में फेरबदल किया तो है लेकिन सख्त प्रावधानों को बरकरार रखा है। यानी अमेरिका कामगारों को तो बुलायेगा लेकिन उनके बीवी बच्चों का स्वागत नहीं किया जाएगा। बिडेन को अमेरिकी लेबर ग्रुप्स के विरोध के डर से ट्रम्प की सख्ती जारी रखनी पड़ी है। बिडेन ने खास तौर पर भारतीयों को रोकने की नीति बनाई है। ऐसा तब किया गया है जब अमेरिकी वाईस प्रेसिडेंट कमला हैरिस खुद भारतीय मूल की हैं।

एच1बी से भारतीयों को किया बाहर

जो बिडेन प्रशासन ने भारतीयों को 2022 के एच-1बी वीजा लॉटरी में शामिल नहीं किया है। दरअसल, हर साल अमेरिका लगभग 85,000 नए एच-1बी वीजा श्रमिकों को स्वीकार करने के लिए एक लॉटरी आयोजित करता है, जिन्हें दोहरे इरादे वाले काम वीजा के रूप में जाना जाता है। हर साल नए एच-1बी वीजा का लगभग 70 फीसदी भारत से श्रमिकों को जारी किया जाता है, जिनमें से कई अपने जीवनसाथी और नाबालिग बच्चों के साथ अमेरिका में प्रवेश करते हैं।

h1b visa

इस वीजा के चलते ही अमेरिका में उन्हें ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई करने का मौका मिलता है। लेकिन अमेरिका के पुराने कानून को कारण, हर साल भारतीय उपलब्ध कुल 120,000 रोजगार आधारित ग्रीन कार्डों में से केवल 8,400 प्राप्त कर पाते हैं। इस वजह से दस लाख से ज्यादा भारतीय अभी तक वेटिंग लिस्ट में पड़े हैं।

ये भी देखें: भतीजे की घेरेबंदी पर ममता का पलटवार, बेटे का नाम उछालकर शाह को जवाब

200 साल की वेटिंग

एक अनुमान के अनुसार, जिस रफ्तार से काम हो रहा है उसमें 2020 में ग्रीन कार्ड अप्लीकेशन मंजूर होने वाले भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिलने में कम से कम 195 वर्षों से अधिक समय का इंतजार करना पड़ेगा। 2030 में ये लाइन 436 साल तक बढ़ जाएगी। ग्रीन कार्ड बैकलॉग में अधिकांश वो महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जो उनके परिवार के हैं जो कामगार वीज़ा पर अमेरिका आये थे।

नीतियों में बदलाव की मांग करने वाले कहते हैं कि भारत से अमेरिका आने वाले छात्रों को भी सोचते रहना चाहिए, अमेरिका में उनके पास स्टूडेंट वीजा खत्म होने के बाद एच1बी वीजा के अलावा कोई भी विकल्प मौजूद नहीं है। ऐसे में उन्हें ग्रीन कार्ड पाने के लिए 400 साल तक जीवित रहना होगा।

h1b visa-2

ये भी देखें: विवादित कृषि कानूनः बजट सत्र में भी नहीं बनी बात, क्या होगा किसान आंदोलन का

अमेरिका की मजबूरी

बिडेन ने अमेरिका में रह रहे एक करोड़ से ज्यादा अवैध इमिग्रेंट्स को जल्दी नागरिकता देने का प्रस्ताव कांग्रेस में भेजा तो था लेकिन रिपब्लिकन पार्टी ने उसका सख्त विरोध किया। दरअसल, बाहरी लोगों के आने से अमरीका के नागरिकों के रोजगार के मौके कम होते गए हैं। इसलिए लेबर संगठन आदि इमिग्रेंट्स को बुलाने का विरोध करते हैं। ट्रम्प की अमेरिका फर्स्ट पालिसी ने इस विरोध को बुलंद आवाज दी है। बहरहाल, कोरोना के कारण आर्थिक संकट है, रोजगार कम हुए हैं सो बिडेन प्रशासन कोई बहुत बड़ा बदलाव करने की स्थिति में नहीं है।

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



SK Gautam

SK Gautam

Next Story