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चीन में गुफाओं की जांच के दौरान कोरोना संक्रमण के मिले कई बड़े सबूत, पढ़ें ये रिपोर्ट
चीन से पनपे कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। लाखों-करोड़ों लोग इससे प्रभावित हुए साथ ही दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को भी गहरी चोट लगी।
बीजिंग: विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) की टीम कोरोना संक्रमण की जांच के लिए चीन पहुंची है।
यहां पहले वुहान के लैब की जांच की गई। उसके बाद अब गुफाओं की जांच चल रही है।
जांच के बारें में डब्ल्यूएचओ के अधिकारी ज्यादा कुछ नहीं बता रहे हैं लेकिन उन्होंने ये जरूर कहा है कि जांच में कोरोना संक्रमण के बड़े सबूत मिले हैं।
जल्द ही पूरी दुनिया को भी सच्चाई से अवगत करा दिया जाएगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की जो टीम वुहान में गुफाओं की जांच कर रही है, उसके सदस्य पीटर डैसजैक हैं।
पीटर एक जूओलॉजिस्ट और जंतु रोग विशेषज्ञ हैं।
पीटर कहते हैं उन्हें साल 2019 के अंत में फैले कोरोनावायरस को लेकर नई जानकारियां मिल रही हैं।
उन्होंने इस नई जानकारी के बारे में विस्तृत जानकारी देने से मना कर दिया।
लेकिन उन्होंने कहा कि ये कोरोना वायरस प्रयोगशाला में नहीं बनाया गया है।
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चीन में गुफाओं की जांच के दौरान कोरोना संक्रमण के मिले कई बड़े सबूत, पढ़ें ये रिपोर्ट (फोटो:सोशल मीडिया)
वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट का फायदा उठा रहा चीन
चीन से पनपे कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। लाखों-करोड़ों लोग इससे प्रभावित हुए साथ ही दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को भी गहरी चोट लगी।
लेकिन इन सबके बीच चीन ने अपनी नयी चाल चलना शुरू कर दिया। चीन ने इस वैश्विक संकट का फायदा उठाते हुए अर्थव्यवस्था में आई गिरावट से लाभ लेना शुरू कर दिया है।
कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट
दरअसल, कोरोना वायरस के मद्देनजर दुनियाभर के कई देशों में लॉकडाउन लागू हो गया था।
ऐसे में कच्चे तेल की मांग में भारी गिरावट आ गई। वहीं रूस और सऊदी अरब के बीच प्राइस वार की वजह से बाजार में आपूर्ति बढ़ाने से पिछले महीने यूएस ऑइल फ्यूचर और ब्रेंट क्रूड की कीमतें 18 साल के निछले स्तर पर चली गईं।
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग(फोटो:सोशल मीडिया)
चीन तेल स्टोर करने में जुटा
चीन ने इस मौके का फायदा उठाया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने कच्चे तेल का भंडारण शुरू कर दिया।
चीन साल 2020 के अंत तक अपने इमर्जेंसी भंडार में 8.5 करोड़ टन तेल चाहता है, जो अमेरिका द्वारा अपने स्ट्रैटिजिक पेट्रोलियम रिजर्व में रखे जाने वाले तेल के बराबर होगा और यह दुनिया का सबसे बड़ा तेल बैकअप है।
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