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NASA: नासा की बड़ी तैयारी, मंगल की तर्ज पर बने घर में चार वैज्ञानिकों ने बिताए 378 दिन
NASA: नासा मंगल ग्रह पर मानव अन्वेषण की तैयारी कर रहा है। इसे ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में तैयार किया गया था। इस घर को मंगल ग्रह के हालात जैसा बनाया गया था।
NASA: वैसे तो मंगल ग्रह पर इंसानों को बसाने की योजना पर चर्चा अक्सर सुनने को मिलती है। लेकिन इस योजना को जल्द ही हकीकत में बदला जाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष ऐजेंसी नासा ने मंगल पर इंसानों को बसाने की योजना पर काम भी शुरू कर दिया है। अगर सब कुछ सही रहा तो 2030 तक मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजा जाएगा।
मंगल ग्रह पर इंसान कैसे रह पाएंगे, इसी को लेकर एक ट्रायल किया गया था। इसके लिए नासा ने चार लोगों को सलेक्ट किया था, जिसमें कनाडाई जीवविज्ञानी केली हेस्टन भी शामिल थीं। अब एक साल बाद नासा के ये अंतरिक्ष यात्री एक अनोखा अनुभव लेकर वापस आ चुके हैं। इन्होंने अपने वहां के अनुभवों को साझा किया है। वहीं नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के उप निदेशक स्टीव कोर्नर ने कहा, हम लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए हमने काम भी शुरू कर दिया है।
तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा माहौल
नासा के एक अंतरिक्ष यात्री ने एक दरवाजे के पीछे से तीन बार जोर से पूछा कि क्या आप बाहर आने के लिए तैयार हैं? उनका उत्तर तब साफ सुनाई देता है जब दरवाजा खुलता है। दरअसल, नासा के चार वैज्ञानिक एक साल तक इंसानी संपर्क से दूर रहकर वापस लौट आए हैं। उनके आते ही तालियों की गड़गड़ाहट से माहौल गूंज उठता है।
मंगल ग्रह जैसा घर
बता दें कि नासा मंगल ग्रह पर मानव अन्वेषण की तैयारी कर रहा है। इसी के लिए एक खास कमरा बनाया गया था। ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में एक घर तैयार किया गया था। इस घर में चार लोगों के रहने की व्यवस्था है। नासा ने इस घर को मंगल ग्रह के हालात जैसा बनाया था। इस घर में एंका सेलारियू, रॉस ब्रॉकवेल, नाथन जोन्स और टीम लीडर केली हेस्टन ने करीब 378 दिन बिताए।
जानिए कैसे बिताया इन्होंने अपना समय
इस दौरान इन लोगों ने वहां सब्जियां उगाईं। वहीं मार्सवॉक भी किया। इस एक साल में इन लोगों के लिए सबसे ज्यादा कठिन था अपने परिवार से इतने दिन दूर रहना। यह एक तरह से ऐसा अनुभव था, जब महामारी के तरह लॉकडाउन लगा था।
बिखरे बाल और फिर
चारों लोग जब शनिवार को इस घर से बाहर निकले तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी और उनके बाल थोड़े अधिक बिखरे हुए थे। मगर चेहरे पर उनकी खुशी साफ देखी जा सकती थी। केली हेस्टन ने हंसते हुए कहा, हेलो, आप लोगों से फिर हेलो करना वाकई शानदार है।वहीं, डॉक्टर जोन्स ने कहा, मैं आशा करता हूं कि आप सभी के सामने यहां खड़े होकर रोऊंगा नहीं। उन्होंने भीड़ में अपनी पत्नी को देखा और वैसे ही उनको रोना आ गया।
मार्स वॉक की भी प्रैक्टिस
क्रू हेल्थ एंड परफॉर्मेंस एक्सप्लोरेशन एनालॉग का मार्स ड्यून अल्फा ह्यूस्टन एक 3डी प्रिंटेड 1,700 वर्ग फुट का कक्ष है। इसका उद्देश्य मंगल ग्रह की सतह पर उनके आवास का अनुकरण करना है। इसमें चार बेडरूम हैं। इसके अलावा जिम, किचन, रिसर्च सेंटर बनाया गया है। इस घर को एयरलॉक द्वारा पूरी तरह से अलग किया गया। यहां पर चारों ने मार्स वॉक की भी प्रैक्टिस की।नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के उप निदेशक स्टीव कोर्नर ने लोगों से कहा, हम लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए हमने काम भी शुरू कर दिया है।