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US में बसना होगा मुश्किल, ग्रीन कार्ड की संख्या आधी करने का पेश हुआ बिल
अमेरिका में वैध प्रवासियों की संख्या घटाकर आधी करने के लिए सीनेट में विधेयक (पेश) किया गया है। इस विधेयक में अमेरिका में स्थायी निवास के लिए हर साल जारी होने वाले दस लाख ग्रीन कार्ड को घटाकर पांच लाख करने का प्रस्ताव है।
रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन (बाएं) और डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर डेविड पर्डू (दाएं)
वाशिंगटन: अमेरिका में वैध प्रवासियों की संख्या घटाकर आधी करने के लिए सीनेट में विधेयक (बिल) पेश किया गया है। इस विधेयक में अमेरिका में स्थायी निवास के लिए हर साल जारी होने वाले दस लाख ग्रीन कार्ड को घटाकर पांच लाख करने का प्रस्ताव है। इस विधेयक के पारित हो जाने से बड़ी संख्या में भारतीयों के हितों को नुकसान पहुंचेगा। ये वे भारतीय हैं जो कई सालों तक अमेरिका में वीजा पर नौकरी या कारोबार करने के बाद वहां पर स्थायी रूप से रहना चाहते हैं।
रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर डेविड पर्डू ने 'रेज एक्ट' पेश किया है। जिसमें हर साल जारी किए जाने वाले ग्रीन कार्डों या कानूनी स्थायी निवास की मौजूदा करीब 10 लाख की संख्या को कम करके पांच लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है।
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यह कवायद अमेरिका में दक्ष कर्मियों की आमद कम करने के लिए एच-1बी वीजा की शर्तों को कड़ा किए जाने के अतिरिक्त है। इस समय कारोबार के अलग-अलग वर्गों में भारतीयों को 10 साल से 35 साल के इंतजार के बाद ग्रीन कार्ड मिलता है, लेकिन प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद यह समय और लंबा हो जाएगा।
सीनेटर कॉटन के अनुसार, अमेरिका में हाल के दशकों में वैध तरीके से बाहरी लोगों के आने से अमेरिकी लोगों की नौकरी और उनका वेतन तेजी से कम हुआ है। ऐसे में यहां पर भी आव्रजकों के लिए कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे नियम लागू किये जाने चाहिए। अब समय आ गया है जब अमेरिकी कामगारों के हितों की रक्षा के लिए आव्रजन नियम बदले जाएं।
पर्डू ने कहा कि हम हमारी कानूनी आव्रजन प्रणाली में व्याप्त कुछ कमियों को दूर करने के लिए कदम उठा रहे हैं।