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Brazil News: ब्राज़ील में कोरोना से त्रस्त लोग सड़क पर उतरे, सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा

Brazil News: ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया(Brasilia City) समेत देश के 43 शहरों में शनिवार को हजारों लोगों ने बोल्सोनारो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है.

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 20 Jun 2021 3:36 PM IST (Updated on: 20 Jun 2021 3:39 PM IST)
Brazil, public anger has erupted against the governments failure to deal with the Corona epidemic
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ब्राजील कोरोना प्रदर्शन (फोटो-सोशल मीडिया)

Brazil News: ब्राज़ील में कोरोना महामारी(Brazil Coronavirus) से निपटने में सरकार की विफलता के खिलाफ जनता का गुस्सा फूट पड़ा है और हजारों लोग सड़कों पर निकल कर प्रदर्शन कर रहे हैं. ब्राजील के लोगों का कहना है कि देश के राष्ट्रपति जेर बोल्सोनारो(President Jair Bolsonaro) की सरकार खुद अपने आप में कोरोना महामारी(Coronavirus) है और इससे तुरंत छुटकारा पाना ही एकमात्र उपाय है.

ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया(Brasilia City) समेत देश के 43 शहरों में शनिवार को हजारों लोगों ने बोल्सोनारो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है. पिछले 30 दिन में दूसरी बार ये प्रदर्शन हुए हैं और देश में बोल्सोनारो(Bolsonaro) सरकार के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है.

दरअसल, ब्राजील में 5 लाख से ज्यादा लोग कोरोना महामारी में मर चुके हैं. पूरी दुनिया में कोरोना से मौतों के मामले पर ब्राज़ील दूसरे नंबर पर है जबकि अमेरिका(America Coronavirus) पहले नंबर पर है. ब्राज़ील कोरोना महामारी(Brazil Coronavirus) पर तनिक भी लगाम कसने में फेल रहा है और देश में वैक्सीनेशन(Corona Vaccination) की रफ़्तार भी बेहद सुस्त है. 21 करोड़ 20 लाख जनसंख्या वाले इस देश में अभी तक सिर्फ 11 फीसदी लोगों का फुल वैक्सीनेशन हो पाया है.

महामारी के प्रति गंभीरता नहीं

ब्राजील के राष्ट्रपति जेर बोल्सोनारो कोरोना महामारी के प्रति तनिक भी गंभीर नहीं रहे हैं. उनका रवैया रहा है कि ये मामूली सर्दी जुखाम जैसी बीमारी है. वे लॉकडाउन और सख्ती के भी खिलाफ हैं और लोगों से काम पर जाने और सामान्य ढंग से जीने की बातें करते रहे हैं.

(फोटो- सोशल मीडिया)

उन्होंने वैक्सीनें खरीदने में भी सुस्ती दिखाई और क्लोरोक्विन जैसी प्रभावहीन दवाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देते रहे. बोल्सोनारो ने साफ़ कहा है कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे. वे मास्क भी नहीं लगाते हैं और एक बार सार्वजनिक स्थल पर मास्क न पहनने के कारण उन पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है. बहरहाल, अब बोल्सोनारो की ढिलाई और लापरवाही की जांच भी बैठ गयी है. कोरोना से निपटने के उनके फैसलों और कामकाज की संसदीय जांच चल रही है.

सड़कों पर जुलूस और नारेबाजी

अभी तक तो जनता शांत बैठी थी लेकिन समय बीतने के साथ साथ अब लगता है लोगों के सब्र का बाँध टूटने लगा है. यही वजह है कि सरकार की अक्षमता से त्रस्त जनता अब सड़कों पर निकल कर गुस्से का इजाहर कर रही है. बोल्सोनारो के खिलाफ प्रदर्शनों का आयोजन नागरिक संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा किया गया है.

प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति को 'कोरोना वायरस','महामारी', 'प्लेग', 'हिटलर' जैसी नामों से बुला रही है. इसी तर्ज पर बने पोस्टर खूब लहराए जा रहे हैं, हजारों प्रदर्शनकारी ड्रम बजाते हुए नारेबाजी करते हुए सड़कों पर निकले.

प्रदर्शनकारियों में महिलाएं, बूढ़े, जवान सब शामिल हो रहे हैं. बहुत से लोग प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए देश के अन्य शहरों से राजधानी ब्रासीलिया आये हैं. लोगों का कहना है राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने महामारी से लोगों को बचाने के लिए कुछ नहीं किया है.

ब्राज़ील में अगले साल चुनाव होने हैं सो ऐसे में बोल्सोनारो के समर्थन में भी प्रदर्शन आयोजित किये गए है. जुलूस, मोटर साइकिल रैली आदि का आयोजन कई बार किया जा चुका है.



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Vidushi Mishra

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