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Brazil Riot: जंगलों के दुश्मनों का बड़ा षड्यंत्र है ब्राजील की घटना, पढ़िए पूरा मामला

Brazil Riot: लूला की घोषणा को ज्यादातर गोरे लोगों वाले एक अभिजात वर्ग के साथ-साथ उन लोगों के लिए धमकी माना गया जो अवैध खनन और अवैध कटाई गतिविधियों पर निर्भर हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 11 Jan 2023 8:31 AM GMT
Brazil Riot:
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Brazil Riot: photo: social media 

Brazil Riot: ब्राजील में चुनी हुई सरकार को उत्पात और हिंसा के जरिये गिराने की कोशिश की गई है। पूरी दुनिया ने इस हमले की सख्त निंदा की है। दरअसल, ब्राज़ील की राजधानी ब्रासीलिया में सत्ता के केंद्रों को बनाया गया निशाना एक बड़े षड्यंत्र का नतीजा है। राजधानी में मचाई गई तबाही को प्रकृति के खिलाफ चल रहे ग्लोबल युद्ध में एक और मोर्चे के रूप में देखा जाना चाहिए।

प्रेसिडेंट लूला की ऐतिहासिक नीति

ब्रासीलिया की घटना से एक सप्ताह पहले, ब्राज़ील के नए प्रेसिडेंट लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने पद ग्रहण करते ही दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी पर्यावरण कार्यक्रम का अनावरण करके अपने इरादों को स्पष्ट कर दिया था। उन्होंने और उनकी पर्यावरण मंत्री मरीना सिल्वा ने अमेज़न क्षेत्र में वनों की कटाई की पूर्ण बंदी, ब्राजील के किसी भी जंगल या प्राकृतिक क्षेत्र में मानव दखल को समाप्त करने और राष्ट्रीय निर्णय लेने में मूल जनजातियों की अधिक भागीदारी का वादा किया है। ये निर्णय ब्राज़ील के लिए ऐतिहासिक पैमाने पर परिवर्तन हैं। 500 साल पहले पहले यूरोपीय लोगों के आक्रमण के बाद से, ब्राजील की अर्थव्यवस्था जंगल के विनाश और मूल निवासियों की अधीनता की नींव पर बनी है। ऐसे में लूला के ऐसे इरादे ऐतिहासिक कहे जाएंगे।

एक बड़ा वर्ग नाराज़

लूला की घोषणा को ज्यादातर गोरे लोगों वाले एक अभिजात वर्ग के साथ-साथ उन लोगों के लिए धमकी माना गया जो अवैध खनन और अवैध कटाई गतिविधियों पर निर्भर हैं। इन गतिविधियों में प्रकृति के भंडार लूटना, आदिवासी क्षेत्रों में भूमि हड़पना और सोना-खनन शामिल है। ये सब काम ब्राज़ील में पहले की सरकार में बहुत बड़े पैमाने पर हुए हैं क्योंकि पूर्व प्रेसिडेंट बोल्सोनारो जंगल और प्रकृति की रक्षा की बजाए डेवलपमेंट के पैरोकार रहे हैं।

बवाल की तैयारी

पूर्व प्रेसिडेंट बोल्सोनारो की पराजय चुनाव के नतीजे आने से पहले ही अपेक्षित थी। ऐसे में लूला की सत्ता को चुनौती देने के लिए अशांति फैलाने को बहुत पहले प्लान किया गया था। इसके पीछे मोटी रकम वालों का समर्थन था। बवाल फैलाने के लिए सड़कें ब्लॉक करने से लेकर सोशल नेटवर्क मैसेजिंग का बारीकी से काम लिया गया। सुरक्षा बलों में मौजूद पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के हमदर्दों द्वारा इन संकेतों को स्पष्ट रूप से अनदेखा किया गया।

हमले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने कहा है हमले में अवैध खनिक, अवैध कटान करने वाले और अवैध कृषि व्यवसाय वाले लोग शामिल हो सकते हैं। यह अभी सिद्ध होना बाकी है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि वर्षावन और अन्य जंगलों की रक्षा करने की लूला की योजना ने अमेज़न क्षेत्र में बर्रैया के छत्ते को छेड़ दिया है।

दो महीने से तैयारी

पिछले दो महीनों से, बोल्सोनारो समर्थक प्रदर्शनकारियों के कई दल देश भर के सैन्य ठिकानों के बाहर डेरा डाले हुए थे। हरे राष्ट्रीय झंडे, पीली फुटबॉल शर्ट और बैनरों वाले ये प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति चुनाव को खारिज करते हुए और सेना से हस्तक्षेप करने का आग्रह कर रहे थे। सैनिक और अधिकांश लोग, इन तत्वों पर ध्यान नहीं देते थे। लेकिन ये ध्यान देने वाली बात है कि इन धरना देने वालों के लिए बढ़िया टेंट और बढ़िया भोजन पानी निर्बाध रूप से सप्लाई होता रहता था। इन लोगों का धरना उल्लेखनीय रूप से अच्छी तरह से व्यवस्थित था। हारे हुए लोगों को शायद ही कभी इतनी अच्छी तरह से वित्त पोषित किया जाता है। लेकिन कोई तो था जो सब इंतजाम कर रहा था। ब्रासीलिया में हुई अराजकता की लहर उस धरना आंदोलन की परिणीति थी। इसे फिलहाल 1,500 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी, धरना शिविरों को तोडऩे और बसों को जब्त करके दबा दिया गया है।

पैदल सैनिक

पुलिस ने कुछ बंदियों के नाम जारी किए हैं जिनमें राजनीतिक तत्व शामिल हैं। इनमें एक लियो इंडियो नामक शख्स बोलसोनारो का भतीजा है। एक दर्जन से अधिक बंदी स्थानीय सरकार में शामिल थे या अक्टूबर के चुनावों में उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे। एक अन्य पाराईबा राज्य के पूर्व गवर्नर की पत्नी है। कई नगरपालिका में सुरक्षा गार्ड थे। इसके अलावा, विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग शामिल थे। ये सब किन्हीं बड़े षड्यंत्रकारी तत्वों के पैदल सैनिक हैं, जिनको अवैध प्रवेश, संपत्ति को नष्ट करने और संभवतः विद्रोह के आरोपों का सामना करना पड़ेगा। अब ध्यान उनके पीछे की बड़ी शक्तियों पर जाएगा।

जांच के दायरे में सबसे पहले बोल्सनारो समर्थक सैन्य पुलिस के लोग हैं, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों की बसों को बचा लिया और आधिकारिक भवनों पर उनके आक्रमण को रोकने के लिए बहुत कम प्रयास किए। संघीय जिले के गवर्नर, इबनीस रोचा को कथित मिलीभगत के चलते जांच के दौरान पद से हटा दिया गया है। फिलहाल बोलसोनारो और उनके बेटे अमेरिका के फ्लोरिडा में हैं और ब्राज़ील जांच एजेंसियों के हाथों से दूर हैं।

अमेज़न लिंक

यह कोई संयोग नहीं है कि बवालियों में से कई लोग अमेज़न क्षेत्र से हैं। अमेज़न का विशाल वर्षावन क्षेत्र प्रमुख तटीय शहरों के अंदर सुदूर दक्षिण और धनी परिक्षेत्रों के साथ-साथ बोल्सनारो के लिए समर्थन का केंद्र है। बोल्सनारो के कार्यकाल में वनों की जबर्दस्त कटाई में 59.5 फीसदी की वृद्धि देखी गई। सोने के अवैध खनन और भूमि हड़पने के लिए शायद ही किसी को दण्ड दिया गया। इस तरह की आपराधिक गतिविधि को नई सरकार द्वारा कई तरीकों से खतरा है। अपने उद्घाटन भाषण में, लूला ने अमेज़न की वापसी का वादा किया और कहा : "हम भूमि में समृद्धि को प्रोत्साहित करेंगे, लेकिन हम इसे कानूनविहीन भूमि नहीं बना सकते, हम वनों की कटाई और पर्यावरणीय गिरावट को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

सबसे बड़ी पहल

लूला की सबसे प्रगतिशील पहल एक नए स्वदेशी मामलों के मंत्रालय का निर्माण है। इस पहल से स्वदेशी या मूल जनजातीय लोगों को देश के इतिहास में पहली बार सबसे अधिक शक्ति और एक बड़ा मंच मिलने की बात है। यह पहल कई विद्रोहियों के लिए अभिशाप के समान है।

सुरक्षाबलों पर निगाहें

अब सबकी निगाहें सुरक्षाबलों पर टिकी हैं। ऐसा लगता है कि सेना की वफादारी बोलसोनारो के साथ है। पिछले प्रशासन में जनरलों ने एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। दरअसल, बोलसोनारो सेना के पूर्व कप्तान थे और 1964-85 तक ब्राज़ील की अंतिम सैन्य तानाशाही के उत्साही समर्थक थे। उस शासन ने एक तख्तापलट के साथ शुरुआत की थी और अमेज़न क्षेत्र को व्यापारिक समूहों के लिए खोलने पर काफी ऊर्जा केंद्रित की थी। जिस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के समूहों द्वारा निर्बाध रूप से शोषण किया जा रहा है, वह इतनी आसानी से मानने वाले नहीं हैं। लूला का सफर कठिन और चुनौतियों से भरा हुआ है, ये तय है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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