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Russia – Ukraine War: पुतिन की प्राइवेट आर्मी में भर्ती किए जा रहे हैं HIV, Hepatitis रूसी कैदी, ब्रिटेन का दावा

Russia – Ukraine War: ब्रिटेन मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब अपनी प्राइवेट आर्मी में एचआईवी और हेपेटाइटिस पीड़ित कैदियों की भर्ती करना शुरू कर दिया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 31 Oct 2022 9:31 AM GMT
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Social media)

Russia – Ukraine War: भारतीय मूल के नए ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक (British PM Rishi Sunak) ने सत्ता संभालने के बाद यूक्रेन को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करते हुए कहा दिया था कि रूसी आक्रमण का विरोध जारी रहेगा। ऐसे में दोनों देशों के संबंधों में तनातनी जारी है। इस बीच ब्रिटिश डिफेंस मिनिस्ट्री (British Defense Ministry) ने रूस को लेकर बड़ा दावा किया है।

''पुतिन ने प्राइवेट आर्मी में एचआईवी और हेपेटाइटिस पीड़ित कैदियों की भर्ती करना शुरू''

मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन के साथ जंग में कई मोर्चों पर पिछड़ रहे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने अब अपनी प्राइवेट आर्मी में एचआईवी और हेपेटाइटिस पीड़ित कैदियों की भर्ती करना शुरू कर दिया है। रूसी सेना में एक कुख्यात गुट है, जिसे वेगनगर ग्रुप के नाम से जाना जाता है। उसी ग्रुप में इन्हें भी भर्ती किया जा रहा है। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि पहले इसे ग्रुप में शामिल होने के लिए मानक काफी कड़े थे। इसमें केवल सधे और प्रोफेशनल्स लोगों को भर्ती किया जाता था। लेकिन अब इसमें बीमार कैदियों की भर्ती की जा रही है। साफ है कि राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के साथ जंग में किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।

रूस के बाकी सैनिक भी डरे

एक ब्रिटिश अखबार में छपे रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे 100 से अधिक बीमार कैदियों की भर्ती की गई है। इनकी पहचान अलग सुनिश्चित करने के लिए उन्हें रंगीन ब्रेसलेट पहनाया गया है। इनके रहने के लिए अलग कैंप बनवाया गया है। इन सैनिकों के सामान्य सैनिकों के बैरेक में आने-जाने में पर पाबंदी है, वे उनसे मिल-जुल भी नहीं सकते हैं। वहीं, यूक्रेन के खुफिया विभाग ने दावा किया है कि पुतिन के इस फैसले से रूसी के सैनिकों में डर का माहौल है। उन्हें भी संक्रमण के शिकार होने का डर सताने लगा है।

रूस को सितंबर माह में यूक्रेन के हाथों बड़ी हार का करना पड़ा था सामना

बता दें कि पिछले नौ माह से जारी इस जंग में रूस को सितंबर माह में यूक्रेन के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। यूक्रेन सैनिकों ने रूसी सैनिकों क पीछे खदेड़ दिया था। यूक्रेन ने वापस कई इलाकों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है और वह लगातार आगे बढ़ रही है। इस हार से विचलित राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख रिजर्व सैनिकों की आशंकि तैनाती घोषणा कर दी थी।

रूस में युवकों को जबरन सैन्य मोर्चे पर जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिसके बाद से वहीं के नौजवान देश छोड़कर भाग रहे हैं। पिछने दिनों पुतिन ने यूक्रेन और पश्चिमी दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

Deepak Kumar

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