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Queen Elizabeth India Visit: महारानी एलिजाबेथ ने काशी में की थी हाथी की सवारी, बजड़े पर बैठकर निहारा था गंगा घाट

Queen Elizabeth India Visit: महारानी ने तीन बार भारत का दौरा किया था और अपने पहले दौरे के समय 1961 में महारानी काशी भी पहुंची थीं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 9 Sep 2022 9:01 AM GMT
Queen Elizabeth India Visit: महारानी एलिजाबेथ ने काशी में की थी हाथी की सवारी, बजड़े पर बैठकर निहारा था गंगा घाट
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Queen Elizabeth India Visit: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को निधन हो गया। उनके निधन के बाद पूरी दुनिया में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को याद किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने राष्ट्र का प्रेरक नेतृत्व करने वाली महिला बताया है। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में भी महारानी को याद किया जा रहा है। दरअसल महारानी ने तीन बार भारत का दौरा किया था और अपने पहले दौरे के समय 1961 में महारानी काशी भी पहुंची थीं।

अपनी काशी यात्रा के दौरान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने तत्कालीन काशी नरेश विभूति नारायण सिंह के साथ हाथी की सवारी भी की थी। उन्होंने बजड़े पर बैठकर काशी में गंगा के घाटों की खूबसूरती भी निहारी थी। इस दौरान काशी में हर-हर महादेव के नारों की गूंज भी सुनाई पड़ी थी जिन्हें सुनकर महारानी अभिभूत हो गई थीं।

देश के कई प्रमुख शहरों का किया था दौरा

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की तीन भारत यात्राओं में उनकी पहली यात्रा को सबसे यादगार माना जाता है। इस दौरान वे देश के गणतंत्र दिवस समारोह की मुख्य अतिथि भी बनी थीं। अपनी पहली यात्रा के दौरान उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया था। उन्होंने आगरा में प्रेम की मशहूर निशानी ताजमहल को भी देखा था। ताजमहल के सामने खड़े होकर उन्होंने अपने पति ड्यूक फिलिप के साथ तस्वीर भी खिंचाई थी।

उन्होंने कोलकाता और दुर्गापुर स्टील प्लांट का भी दौरा किया था। अपनी पहली यात्रा के दौरान महारानी ने मुंबई, बेंगलुरु, मैसूर और जयपुर शहर की खूबसूरती भी देखी थी। इसी यात्रा के दौरान महारानी देश की सांस्कृतिक राजधानी मानी जाने वाली काशी भी पहुंची थीं।

काशी में हुआ था महारानी का भव्य स्वागत

ब्रिटेन की महारानी के काशी दौरे को लेकर जोरदार तैयारियां की गई थीं। 1961 में 25 फरवरी को महारानी एलिजाबेथ काशी के दौरे पर पहुंची थीं। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु महारानी का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे। महारानी की इस यादगार यात्रा के दौरान नदेसर पैलेस से उनकी सवारी निकली थी।

उन्होंने काशी नरेश स्वर्गीय विभूति नारायण सिंह के साथ हाथी पर सवारी की थी। बलुआ घाट तक महारानी की इस हाथी पर सवारी के दौरान सड़कों के किनारे खड़े हजारों लोगों ने हर-हर महादेव के नारे लगाए थे। महारानी का काशी में इस यात्रा के दौरान इतना भव्य और जोरदार स्वागत किया गया था कि वे पूरी तरह गदगद नजर आईं थीं।

जलती चिताओं को देखकर पूछे थे सवाल

अपनी काशी यात्रा के दौरान महारानी एलिजाबेथ ने गंगा के किनारे खूबसूरत घाटों का भी दीदार किया था। महारानी को गंगा के घाटों का दीदार कराने के लिए एक बजड़े को बेहद खूबसूरत ढंग से सजाया गया था। महारानी ने काशी के चर्चित महाश्मशान मणिकर्णिका घाट को भी देखा था। मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं को देखने के बाद महारानी ने कई सवाल भी पूछे थे। जलती चिताओं को देखकर उन्हें काफी कौतूहल हुआ था और महारानी के साथ बजड़े पर मौजूद काशी नरेश विभूति नारायण सिंह ने उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया था।

भव्य स्वागत से अभिभूत दिखी थीं महारानी

काशी के पुराने लोग महारानी की उस यादगार यात्रा को आज भी याद करते हैं। लंदन के चर्चित अखबारों में भी महारानी की काशी यात्रा को काफी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। मणिकर्णिका घाट की तस्वीरें बर्निंग घाट्स ऑफ काशी शीर्षक से प्रकाशित की गई थीं।

काशी के पुराने लोगों का कहना है कि अपनी इस यात्रा के दौरान काशी में किए गए स्वागत से महारानी काफी अभिभूत दिखी थीं। उन्होंने साथ चल रहे कई प्रमुख लोगों से बातचीत में जोरदार स्वागत को लेकर खुशी जताई थी। महारानी के निधन के बाद उनकी काशी यात्रा को याद किया जा रहा है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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