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बुलेट ट्रेनों में चीन की लंबी छलांग

seema
Published on: 10 Aug 2018 12:15 PM IST
बुलेट ट्रेनों में चीन की लंबी छलांग
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बुलेट ट्रेनों में चीन की लंबी छलांग

बुलेट ट्रेनों के मामले में चीन ने उल्लेखनीय कामयाबी हासिल की है। इस मामले में चीन दुनिया के अन्य देशों से काफी आगे है। चीन की कामयाबी को इसी से समझा जा सकता है कि दस साल पहले चीन में हाईस्पीड रेल यानी एक भी बुलेट ट्रेन नहीं थीं मगर दस साल में ही चीन ने 25,000 किलोमीटर लंबा हाईस्पीड रेल नेटवर्क तैयार कर लिया है। ये दुनिया के कुल हाईस्पीड रेल नेटवर्क का 66 प्रतिशत है। जहां एक ओर भारत में एक बुलेट ट्रेन को लेकर इतनी सुस्त रफ्तार है वहीं चीन इस मामले में काफी तेजी से आगे बढ़ा है।

दस साल में जबर्दस्त कामयाबी

चीन में आज ट्रेन की रफ्तार 300 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस रफ्तार की ट्रेन से दिल्ली से जयपुर जितनी दूरी एक घंटे से भी कम समय में तय की जा सकती है। दस साल पहले चीन की यह स्थिति नहीं थी। वहां भारत की तरह ही स्थिति थी। भारत की तरह ही वहां भी ट्रेनों की रफ्तार काफी सुस्त हुआ करती थी। भारत की तरह ही वहां भी ट्रेनों के भीतर का नजारा था। किस्मत से ही ट्रेन में बैठने की जगह मिलती थी। भारत की तरह ही वहां भी जगह न मिलने पर लोग बाथरूम तक में बैठ जाते थे मगर दस साल में चीन ने ट्रेनों के मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की है। चीन में हाईस्पीड ट्रेनों की शुरुआत दस साल पहले एक अगस्त 2008 में हुई थी। तब पहली बार बीजिंग-तियानजिंग के बीच हाई स्पीड ट्रेन शुरू हुई थी। तभी बीजिंग ने ओलंपिक खेलों की मेजबानी की थी। इस ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 348 किलोमीटर प्रति घंटा थी। शुरुआत में बीजिंग-तियानजिंग के बीच 94 फेरे लगाए जाते थे, जो अब 217 हैं। पिछले एक दशक में सिर्फ इस रूट पर कुल 25 करोड़ लोगों ने सफर किया।

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लोगों के समय की बचत

दस साल में चीन ने ट्रेनों के मामले में काफी काम किया। आज स्थिति यह हो गयी है कि अब चीन में 25,000 किलोमीटर का हाईस्पीड रेल नेटवर्क है और 2019 तक तिब्बत को छोड़कर चीन के सभी प्रांत हाई स्पीड नेटवर्क के जरिए बीजिंग से जुड़ जाएंगे। चीन की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। इस बाबत चाइना रेलवे कॉरपोरेशन के सूत्रों ने बताया कि चीन में इस समय कुल 4,000 बुलेट ट्रेन चलती हैं और हर दिन 40 लाख लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचाती हैं। बुलेट ट्रेन चलने का असर यह हुआ है कि लोगों के समय की काफी बचत होने लगी है। पहले जो दूरी तय करने में 18 घंटे लगते थे, वो कुछ घंटों में तय हो जाती है। बुलेट ट्रेनों की वजह से तमाम लोगों की जीवन शैली में भी काफी बदलाव आया है और वे अपने परिवार को ज्यादा समय देने लगे हैं। इस व्यापार के मामले में कामयाबी मिली है और चीन को काफी आर्थिक मजबूती मिली है।

दो साल में तीस हजार किमी का लक्ष्य

चीन ने आगे की योजना भी बना रखी है। चीन की योजना है कि 2020 तक देश में बुलेट ट्रेन का नेटवर्क बढ़ाकर 30,000 किलोमीटर तक किया जाए। इसके जरिये देश के 80 प्रतिशत बड़े शहरों को कवर करने की योजना है। चीन बुलेट ट्रेनों के मामले में कितना आगे बढ़ गया है इसे इसी से समझा जा सकता है कि दूसरे देश भी उससे समझौता करने लगे हैं। चीन इस मामले में तुकी, रूस और इंडोनेशिया की भी मदद कर रहा है। इन देशों के साथ चीन ने समझौता किया है।



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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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