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गरीबी से बचने के लिए कंबोडिया की महिलाएं करती हैं चीनी पुरूष से शादी

seema
Published on: 21 Dec 2018 8:27 AM GMT
गरीबी से बचने के लिए कंबोडिया की महिलाएं करती हैं चीनी पुरूष से शादी
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गरीबी से बचने के लिए कंबोडिया की महिलाएं करती हैं चीनी पुरूष से शादी

बीजिंग। कंबोडिया की महिलाओं ने गरीबी से बचने के लिये शादी का रास्ता अपनाया है। हर साल लाखों महिलाएं कंबोडिया से चीन शादी करने के लिये भेजी जाती हैं। कई अपनी पसंद से जाती हैं और बाकी को बेच दिया जाता है। सिर्फ कंबोडिया ही नहीं, वियतनाम, लाओस और म्यांमार की भी हजारों युवतियां हर साल चीनी पुरुषों से शादी करने जाती हैं। असल में बीजिंग में तीन दशक लंबी चली एक बच्चा नीति की वजह से लड़कियों की कमी हो गई है। हालांकि अब इस नीति को समाप्त कर दिया गया है मगर अब भी लगभग 3.3 करोड़ महिलाओं की कमी है जिससे पुरुषों का जीवन भी रुक गया है। मेकॉन्ग क्षेत्र की कई लड़कियां गरीबी, कम शिक्षा और समाज के दवाब के कारण शादी करने का जुआ खेलती हैं। कुछ लड़कियां काम करने के लिए निकलती हैं मगर उनकी भी जबरदस्ती शादी करा दी जाती है। अपहरण और तस्करी के मामले में सामने आते हैं। कई बार महिलाओं को चीनी आप्रवासन के तहत हिरासत में ले लिया जाता है या देह व्यापार की दुनिया में धकेल दिया जाता है।

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चीन में शादी करने के लिए सात से ग्यारह लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जिसमें से दलाल कुछ पैसा दुल्हन लाने के लिए अपने विदेशी सहयोगी को देते हैं। दहेज के नाम पर लड़की के परिवार को दो लाख रुपये तक दिए जाते हैं, इसी में से लड़की को भी कुछ पैसे मिलते हैं। कंबोडिया के काउंटर ट्रैफिकिंग के राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष चौउ बुन इंग कहते हैं, 'शादी का कारोबार बहुत बड़ा है, अगर सरकारी आंकड़े मानें तो चीन के दो दक्षिणी प्रांतों में ही 10 हजार कंबोडियाई महिलाओं ने शादी करने के लिए पंजीकरण कराया है।

दुल्हनों को चीन पहुंचाने के बाद एक जगह पर रखा जाता है और उनकी तस्वीरों को 'वीचैट' और दूसरी डेटिंग वेबसाइटों पर दिखाया जाता है। शादी के इच्छुक चीनी पुरुष इन्हीं वेबसाइटों के जरिए अपने लिए युवती चुनते हैं। लड़की जितनी सुंदर और जवान होगी, उसके लिए उतनी ही ज्यादा कीमत चुकाई जाती है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अगर किसी भी महिला के लिए पैसा दिया जाये, उसे खरीदा बेचा या सीमा पार भेजा जाए और यह सब अगर उस महिला की सहमति से भी हो तो भी उस महिला को तस्करी का शिकार माना जाता है।

कंबोडिया में तस्करी करते पकड़े जाने पर पंद्रह साल की जेल हो सकती है और अगर लड़की नाबालिग है तो और कैद की सजा और भी लंबी हो सकती है। मगर ऐसा बहुत कम होता है कि कोई दलाल पकड़ा जाए। रिपोर्टों के मुताबिक दलाल लड़कियों को चुप रहने के लिए चार लाख रुपये तक दिया जाता है। चीन में भी तस्करी के खिलाफ कानून हैं, लेकिन उसको लागू करना मुश्किल है क्योंकि चीन में पारिवारिक मामलों को ज्यादा महत्व दिया जाता है।व्यवस्था को सुधारने के लिए कंबोडिया में शादी करने वाले विदेशी पुरुषों से कहा जाता है कि कंबोडिया के स्थानीय कानून के तहत शादी करें, सहमति और आयु प्रमाण पत्र दें।. लेकिन गरीबी में घिरे परिवार तस्करों और दलालों के झांसे में आ ही जाते हैं।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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