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Canada News: कनाडा का एक शहर जो याद करता है भगत सिंह, जलियांवाला बाग़ और गौरी लंकेश को

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रान्त में एक शहर है बर्नेबी जहाँ भारतीय मूल के लोगों की संख्या करीब 25 हजार है। यहाँ भगत सिंह और जलियांवाला बाग काण्ड की स्मृति में विशेष दिवसों का आयोजन हो चुका है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shashi kant gautam
Published on: 6 Sept 2021 3:20 PM IST
Canada remembers Bhagat Singh, Jallianwala Bagh and Gauri Lankesh
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कनाडा याद करता है- भगत सिंह, जलियांवाला बाग़ और गौरी लंकेश को: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Canada News: कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रान्त में एक शहर है बर्नेबी जहाँ भारतीय मूल के लोगों की संख्या करीब 25 हजार है। लेकिन इसके बावजूद इस शहर का एक मजबूत भारतीय कनेक्शन है तभी यहाँ भगत सिंह और जलियांवाला बाग काण्ड की स्मृति में विशेष दिवसों का आयोजन हो चुका है। इसी कड़ी में जब 5 सितम्बर को 'गौरी लंकेश दिवस' मनाया गया तो लोग अचरज में पड़ गए। बहुत से लोगों को पता ही नहीं था कि आखिर गौरी लंकेश हैं कौन।

2007 में बर्नेबी शहर ने 27 सितम्बर को शहीद भगत सिंह की 100 वीं जयंती पर भगत सिंह दिवस मनाने का ऐलान किया था। 2019 में इस शहर ने 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग़ काण्ड की 100 वीं बरसी पर शहीदों की स्मृति में जलियांवाला दिवस मनाने का फैसला किया था। बर्नेबी शहर के अधिकारी किसी ख़ास दिवस या किसी शख्सियत को प्रमोट करने की नीति पर नहीं चलते हैं बल्कि अधिकारियों का कहना है कि कोई दिवस मनाने का ऐलान नैतिक सिद्धांतों की मजबूती का एक सांकेतिक प्रदर्शन मात्र होता है।

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी: फोटो- सोशल मीडिया

इसके जरिये यह बताने की कोशिश की जाती है कि नैतिक सिद्धांतों का अनुसरण किया जाना चाहिए। किसी दिवस की घोषणा किये जाने के बाद उससे सम्बंधित कार्यक्रम या समारोह आयोजित करने का काम आम जनों पर छोड़ दिया जाता है, शहर के अधिकारी इसमें कोई हस्तक्षेप या योगदान नहीं करते हैं। ऐसे में लोग या संगठन अपने हिसाब से कुछ कार्यक्रम आयोजित कर लेते हैं।

5 सितम्बर को गौरी लंकेश दिवस मनाया गया

इस बार 5 सितम्बर को गौरी लंकेश दिवस मनाया गया तो दक्षिण एशियाई मूल के लोगों ने एक स्मृति सभा का आयोजन किया जिसमें बर्नेबी के सिटी काउंसलर सैव धालीवाल ने भी शिरकत की। दरअसल गौरी लंकेश दिवस मनाने का प्रस्ताव पत्रकार गुरप्रीत सिंह ने बर्नेबी सिटी कौंसिल के समक्ष रखा था। इस प्रस्ताव का समर्थन काउंसिलर सैव धालीवाल ने किया। मेयर मार्क हर्ले ने इसका अनुमोदन कर दिया। किसी भी खास दिवस को मनाने की इजाजत देने का अधिकार सिर्फ मेयर को होता है।

काउंसिलर सैव धालीवाल का कहना है कि उन्होंने कभी गौरी लंकेश का नाम नहीं सुना था बल्कि गुरप्रीत सिंह से ही उनको इसकी जानकारी मिली। धालीवाल कहते हैं कि जब उन्हें गौरी लंकेश के बारे में पता चला तो उन्होंने कहा कि वास्तविक मुद्दों पर अपनी राय रखने वाले लोगों की प्रशंसा जरूर की जानी चाहिए। मेयर हर्ले ने गौरी लंकेश दिवस की घोषणा करते हुए उन्हें 'सच्चाई और न्याय के लिए खड़ी होने वाली एक बहादुर भारतीय पत्रकार' करार दिया।

बर्नेबी में भारतीय मूल के लोगों की संख्या ज्यादा

पिछले साल बर्नेबी शहर ने जसवंत सिंह खलरा के सम्मान में दिवस मनाने की घोषणा की थी। पंजाब में सिख उग्रवाद के दौरान 1995 में जसवंत सिंह की ह्त्या कर दी गयी थी। बर्नेबी में दक्षिण एशियाई, खासकर भारतीय मूल के हजारों लोग रहते हैं जिनमें सिखों की बड़ी तादाद है। बर्नेबी, ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर में आता है और इस क्षेत्र में अमीरों की संख्या अच्छी खासी है। इस क्षेत्र में खालिस्तानी मूवमेंट के समर्थक भी काफी हैं जिनके ऊपर भारतीय मूल के अन्य लोगों के साथ हिंसा करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में वैंकूवर में इसके खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन भी किया था।

पत्रकार व एक्टिविस्ट गौरी लंकेश: फोटो- सोशल मीडिया

कौन हैं गौरी लंकेश

गौरी लंकेश बंगलुरु की एक पत्रकार व एक्टिविस्ट थीं जिनकी 5 सितंबर, 2017 को हत्या कर दी गई थी। वे तमाम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय प्रकट करती थीं। उनकी ह्त्या के मामले में विशेष जांच दल द्वारा चार्जशीट दाखिल किए करीब तीन साल हो चुके हैं। लेकिन इस मामले में आरोप तय होना अभी बाकी है। हत्याकांड के सभी आरोपियों के लिए कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम का आवेदन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टिका है, जिसकी सुनवाई 8 सितंबर को होने की उम्मीद है।



Shashi kant gautam

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