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World's First Climate Change Patient: कनाडियन महिला है क्लाइमेट चेंज की पहली मरीज

World's First Climate Change Patient: कनाडा की एक महिला दुनिया की पहली ऐसी मरीज है जिसे क्लाइमेट चेंज से पीड़ित घोषित किया गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 10 Nov 2021 11:41 AM IST
Worlds First Climate Change Patient: कनाडियन महिला है क्लाइमेट चेंज की पहली मरीज
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मरीज (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

World's First Climate Change Patient: कनाडा की एक महिला (Canadian Woman) दुनिया की पहली ऐसी मरीज है जिसे 'क्लाइमेट चेंज' (Climate Change) से पीड़ित घोषित किया गया है। क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन (Jalvayu Parivartan) से नुकसान की बातें तो होती हैं लेकिन ये पहली बार है कि डाक्टरों ने क्लाइमेट चेंज को बीमारी की वजह करार दिया है। डाक्टरों का कहना है कि इस मरीज की सांस संबंधी समस्याओं के लिए गर्म हवा और वायु प्रदूषण (Air Pollution) जिम्मेदार है और इसके लिए क्लाइमेट चेंज को दोषी ठहराया जाना चाहिए।

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रान्त (British Columbia) में नेल्सन शहर (Nelson) के डाक्टर काइल मेरिट (Dr. Kyle Merritt) ने इस वृद्ध महिला की जांच की जो दमे (Asthma) से पीड़ित है। डाक्टर मेरिट ने कहा है कि उन्होंने पहली बार किसी मरीज के पर्चे में बीमारी की वजह के रूप में क्लाइमेट चेंज लिखा है।

डॉ मेरिट ने कहा कि अगर हम बीमारी के कारणों को नहीं देख रहे हैं और सिर्फ लक्षणों का इलाज कर रहे हैं तो हम और पीछे ही चले जाते हैं। बीमारी का कारण बना रहता है और लक्षणों का इलाज होता रहता है नतीजतन बीमारी लगातार बढ़ती चली जाती है। उन्होंने कहा कि मैं जो देखता हूं वहीं बताने की कोशिश करता हूं।

गर्मी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

भीषण गर्मी और लू से हुई थी सैकड़ों मौतें

इस साल जून में कनाडा के पश्चिम में स्थित ब्रिटिश कोलंबिया भीषण गर्मी और लू की चपेट में रहा था। तापमान (British Columbia Temperature) अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंच गया था और इन हालातों की वजह से 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी। गर्म हवाओं और भीषण गर्मी के कारण जंगलों में आग (Jungle Mein Aag) लग गयी थी जिससे हवा की क्वालिटी (Air Quality) मानक स्तर से 43 गुना खराब हो गयी थी। जून से अगस्त तक यही हालात रहे थे।

डॉक्टर मेरिट ने कहा- हम लोग इमरजेंसी डिपार्टमेंट (Emergency Department) में हैं। हम सबसे अमीर और सबसे गरीब, सभी लोगों का ख्याल रखते हैं, पैदाइश से मृत्यु तक हम लोगों के साथ रहते हैं। समाज के सबसे जोखिम वाले लोगों, साधनविहीन लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित होते देखना बहुत ही दर्दनाक होता है। ये निराशाजनक है।

अस्थमा की मरीज (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

भीषण गर्मी और लू से बढ़ी महिला की समस्या

डॉक्टर मेरिट ने जिस महिला को क्लाइमेट चेंज से पीड़ित बताया है वह सत्तर वर्ष की है और जून की भीषण गर्मी के बाद उसे अस्पताल आना पड़ा था। डॉ मेरिट का कहना है कि गर्म हवाओं से इस महिला की स्थिति और बदतर हुई है। उसे डायबिटीज और ह्रदय रोग है और वह एक ट्रेलर में रहती है जहाँ एयरकंडिशनिंग भी नहीं है। मौसम की वजह से उसकी सभी समस्याएं काफी ज्यादा बढ़ गयी हैं।

डॉ. मेरिट की डायग्नोसिस के बाद अब ब्रिटिश कोलंबिया के अन्य डाक्टरों ने एक अभियान शुरू किया है जिसका नाम है 'डॉक्टर्स एंड नर्सेज फॉर प्लेनेटरी हेल्थ' (Doctors And Nurses For Planetary Health) जिसके जरिये पर्यावरण (Paryavaran) की हिफाज़त को प्रोमोट किया जाएगा। इस अभियान की वेबसाइट (Website) पर कहा गया है कि जलवायु संकट (Jalvayu Sankat) और लोगों के स्वास्थ्य पर उसका असर बहुत चिंताजनक है और इस बारे में सबको योगदान करने की जरूरत और जिम्मेदारी है।

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Shreya

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