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Cancer: अब ब्लड में कैंसर सेल्स का चलेगा पता, वैज्ञानिकों ने ढूंढा नया तरीका

Cancer New Research: रूस के वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। दरअसल, रिसर्चर्स ने ब्लड में कैंसर सेल्स (Cancer Cells) का पता लगाने के लिए एक नया और प्रभावी तरीका खोज निकाला है।

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Newstrack NetworkPublished By Shreya
Published on: 24 Dec 2021 3:30 PM IST
Cancer: अब ब्लड में कैंसर सेल्स का चलेगा पता, वैज्ञानिकों ने ढूंढा नया तरीका
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 कैंसर (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Cancer New Research: वर्तमान समय में कैंसर (Cancer) एक भयानक बीमारी के रूप में उभरकर सामने आया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में हर छह में से एक व्यक्ति की मौत की वजह कैंसर है। भारत की बात करें तो देश मे हर साल करीब साढ़े 11 लाख कैंसर के नए मरीज सामने आते हैं और हर साल लगभग 9 लाख लोग कैंसर के चलते अपनी जान गंवा देते हैं। इस बीच रूस के वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। दरअसल, रिसर्चर्स ने ब्लड में कैंसर सेल्स (Cancer Cells) का पता लगाने के लिए एक नया और प्रभावी तरीका खोज निकाला है।

रूस की सेराटोव स्टेट यूनिवर्सिटी (Saratov State University) के साइंटिस्टों ने यह शोध किया है, जो कि साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस स्टडी के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने लेजर रेडिएशन (Laser Radiation) के पैरामीटर्स का पता लगाया है, जिस पर मेलेनोमा सेल्स अल्ट्रासोनिक सिग्नल (Ultrasonic Signal) उत्पन्न करती हैं। इससे खून की एक महत्वपूर्ण मात्रा का विश्लेषण (Analysis) करना और शुरुआती कैंसर का पता लगाना संभव हो जाएगा। इसे कैंसर के इलाज (Cancer Ka Ilaj) में एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि कैंसर से होने वाली मौतों में करीब 90 फीसदी दर मेटास्टेसिस (Metastasis) के बनने से ही संबंधित होती है। ऐसे में जरूरी है कि मरीज के खून में कैंसर सेल्स का जल्द से जल्द पता लगा लिया जाए, ताकि कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में ही पता चलने के बाद मरीज को सही समय पर इलाज मिल सके।

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कैसे पता चलेगा कैंसर सेल्स का?

अब बात करें कि आखिर ब्लड में कैंसर सेल्स का पता कैसे चलेगा तो बताया गया है कि इस प्रक्रिया में ब्लड के साथ एक नमूना फ़्लो साइटॉमेट्री (Flow Cytometry) में रखा जाता है, जो कि ब्लड सेल्स को एक लेजर बीम के द्वारा एक समय में एक कोशिका में प्रवाहित करता है और कोशिकाओं की प्रतिक्रिया का विश्लेषण करता है। यह प्रक्रिया रक्त कोशिकाओं का आंकलन करना संभव बनाती है और डायग्नोसिस करने में मदद करती है। कृत्रिम कैंसर कोशिकाएं विकसित की हैं, जो कैंसर कोशिकाओं के समान ही ध्वनि उत्पन्न करती हैं।

क्या होता है कैंसर (Kya Hota Hai Cancer)?

मानव शरीर अनेक प्रकार की सेल्स या कोशीकाओं से मिलकर बना है। यह सेल्स शरीर के D.N.A. द्वारा नियंत्रित होती हैं। कोशिकाएं शरीर में हमेशा विभाजित होती रहती है, और नई कोशिकाएं बनती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है और इस पर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन जब शरीर की कोई कोशिकाएं बेहिसाब तरीके से बढ़ने लगती हैं तो वो कैंसर को जन्म देती हैं। मानव शरीर में कोशिकाओं के जीन में परिवर्तन होने से कैंसर की शुरुआत होती है।

ऐसा नहीं है कि किसी विशेष वजहों से ही कोशिकाओं के जीन में परिवर्तन हो, बल्कि यह कभी कभी स्वयं भी बदल सकते हैं या फिर किसी दूसरे कारण जैसे कि गुटका, तंबाकू, ड्रग्स आदि नशीली चीजों के सेवन या फिर अल्ट्रावॉलेट रे और रेडिएशन आदि भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। कैंसर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को खत्म कर देता है।

कैंसर के प्रकार (Cancer Ke Prakar)

डॉक्टर्स और शोधर्कताओं की मानें तो करीब 200 से भी ज्यादा तरह के कैंसर इंसान को हो सकते हैं और इनके अलग अलग तरह के लक्षण होते हैं। लेकिन कुछ कैंसर ज्यादातर लोगों को अपनी चपेट में लेते हैं। जैसे कि-

1.ब्लड कैंसर

2.फेफड़ों का कैंसर

3.स्किन कैंसर

4.ब्रेन कैंसर

5.स्तन कैंसर

6. मुंह का कैंसर

7. लिवर कैंसर

8. लंग कैंसर

9. पेट का कैंसर

10. बोन कैंसर

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Shreya

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