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Liver Disease: 11 देशों में मिले लिवर की रहस्यमय बीमारी के केस
Liver Disease: विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कहा है कि दुनिया भर के 11 देशों में बच्चों में हेपेटाइटिस के 170 गंभीर मामले पाए गए हैं।
New Delhi: विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कहा है कि दुनिया भर के 11 देशों में बच्चों में हेपेटाइटिस के 170 गंभीर मामले पाए गए हैं, लेकिन ये भी पता नहीं चला है कि बीमारी का कारण क्या है।
हेपेटाइटिस से पीड़ित अधिकांश बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है और इसका कारण सीधे तौर पर कोरोना से जुड़ा हुआ नहीं माना जाता है। अधिकांश पीड़ित 10 वर्ष से कम आयु के हैं, जिनमें से कई 5 वर्ष से कम आयु के हैं। लगभग किसी को भी पहले से मौजूद कोई बीमारी नहीं थी। इनमें से 17 मामले इतने गंभीर हैं कि बच्चों को आपातकालीन लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता है।
यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी को किया गया अलर्ट
स्कॉटलैंड में पहले 5 मामलों की पहचान की गई, जिसके बाद यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी को अलर्ट किया गया। 5 मामलों में आमतौर पर देखे जाने वाले हेपेटाइटिस स्ट्रेन ए, बी, सी, डी और ई में से कोई भी नहीं था। पूरे यूके में अब तक 114 मामले पाए गए हैं। स्पेन, इज़राइल, डेनमार्क, नीदरलैंड, इटली, बेल्जियम, रोमानिया और फ्रांस सभी ने इसी तरह के मामले दर्ज किए हैं। 170 बच्चों में से किसी का भी अतीत में एक-दूसरे से संपर्क नहीं रहा है।
क्या है हेपेटाइटिस (what is hepatitis)
हेपेटाइटिस दरअसल लिवर को प्रभावित करता है और इसके विभिन्न रूप होते हैं। हेपेटाइटिस ए का संबंध भोजन से किया जाता है और सामान्य रूप से दीर्घकालिक परिणामों के बिना इसका इलाज किया जा सकता है, जबकि सामान्य हेपेटाइटिस बी और सी रक्त के माध्यम से ट्रांसमिट होते हैं और अक्सर संक्रमण के बाद कई दशकों तक किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) में रोगाणुरोधी प्रतिरोध विशेषज्ञ, ऐकातेरिनी मौगकौ ने कहा है कि हम कारण नहीं जानते हैं, हम संचरण मार्ग नहीं जानते हैं और इसे कैसे रोका जाए और इसका इलाज कैसे किया जाए।
हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस का एक संभावित कारण एडेनोवायरस है जो बेहद आम है और सर्दी और ब्रोंकाइटिस का कारण बनता है। अधिकांश आबादी इन वायरस के संपर्क में है और आसानी से उन पर काबू पा लेती है। कुछ वैज्ञानिक यह मान रहे हैं कि लॉकडाउन में अलग-थलग पड़े बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली ऐसी बीमारियों के संपर्क में आने के लिए अनुपयोगी है। यूके में 75 फीसदी रोगियों ने एडेनोवायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है।