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वर्ल्ड मैप पर अभी नहीं जन्मा कैटेलोनिया, कुछ और समय लगेगा डिलीवरी में

Rishi
Published on: 11 Oct 2017 9:47 AM GMT
वर्ल्ड मैप पर अभी नहीं जन्मा कैटेलोनिया, कुछ और समय लगेगा डिलीवरी में
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मैड्रिड : कैटेलोनिया के नेताओं ने स्पेन से आजाद होने संबंधित घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, लेकिन मैड्रिड में सरकार के साथ बातचीत तक के लिए इस घोषणा को टाल दिया गया है। कैटेलोनिया के राष्ट्रपति कार्ल्स प्यूग्डिमोंट और क्षेत्रीय नेताओं ने विवादित जनमत संग्रह के बाद स्पेन से आजाद होने के घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

मैड्रिड में स्पेनिश सरकार के साथ बातचीत तक यह कदम लागू नहीं किया जाएगा और इसमें अभी कुछ सप्ताह का समय लगेगा।

यह दस्तावेज कैटलोनिया की एक 'स्वतंत्र और संप्रभु देश' के रूप में मान्यता देने की मांग करता है, जिसे हालांकि स्पेनिश सरकार ने तुरंत रद्द कर दिया।

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एक अक्टूबर को स्पेन के पूर्वोत्तर स्वायत्त प्रांत में हुए जनमत संग्रह में कैटेलोनिया के नेताओं ने स्पेन से अलग होने के पक्ष में मतदान किया था, जिसे स्पेनिश संवैधानिक न्यायालय ने देश के संविधान का उल्लंघन बताते हुए अवैध घोषित कर दिया था।

इससे पहले मंगलवार को प्यूग्डिमोंट ने बार्सिलोना में कैटालन संसद को बताया कि इस क्षेत्र ने मतदान के जरिए स्वतंत्र होने का अधिकार जीता है।

कैटालन के अधिकारियों के अनुसार, जनमत संग्रह के परिणाम में 90 प्रतिशत मतदाताओं ने स्वतंत्रता का समर्थन किया। लेकिन स्वतंत्रता विरोधी मतदाताओं ने बड़े पैमाने पर मतदान का बहिष्कार किया, जो आंकड़ा करीब 43 प्रतिशत रहा। इस दौरान कई अनियमितताओं की भी जानकारी मिली।

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हिंसक घटनाओं में राष्ट्रीय पुलिस की भी भूमिका की आलोचना की जा रही है, क्योंकि वह जनमत संग्रह पर प्रतिबंध लगाने के कानूनी निर्णयों को लागू करने के लिए मतदाताओं पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे।

घोषणा-पत्र में कहा गया है, "हम सभी देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से कैटेलोनिया गणराज्य को एक स्वतंत्र और संप्रभु देश का दर्जा देने का आग्रह करते हैं।"

प्यूग्डिमोंट ने क्षेत्रीय संसद से कहा कि 'लोगों की इच्छा' मैड्रिड से अलग होने की थी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर तनाव को दूर करना चाहते हैं।

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उन्होंने कहा, "हम सभी एक ही समुदाय का हिस्सा हैं और हमें आगे बढ़ना होगा। आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता लोकतंत्र और शांति है।"

वहीं, स्पेन की उप प्रधानमंत्री सोराया सींज डी सांतामारिया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "न ही प्यूग्डिमोंट और न ही कोई अन्य व्यक्ति मध्यस्थता को लागू करने का दावा कर सकता है। डेमोक्रेट्स के बीच किसी भी संवाद को कानून के दायरे में रखना होगा।"

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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