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Charles Sobhraj: चार्ल्स शोभराज जेल से छूटा, जानिए कौन है ये बिकनी किलर

Charles Sobhraj: अपने लंबे आपराधिक करियर में चार्ल्स शोभराज को 'बिकिनी किलर' भी करार दिया गया क्योंकि उसके कुछ शिकार बिकनी में पाए गए थे।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 22 Dec 2022 12:33 PM IST
Charles Sobhraj
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Charles Sobhraj  (photo: social media )

Charles Sobhraj: नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने नेपाल में हत्या की सजा काट रहे भारतीय ठग और सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है। नेपाल की अदालत ने शोभराज को 15 दिनों के भीतर रिहा करने और उसे उसके देश, फ्रांस में तत्काल निर्वासन का आदेश दिया है। 78 वर्षीय ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर जल्द रिहाई के लिए याचिका दायर की थी। उसने कहा था कि उसे हृदय की बीमारी है और दांतों की समस्याएं हैं।

फ्रांसीसी दूतावास ने भी इसके लिए नेपाल सरकार से संपर्क किया था। अपने लंबे आपराधिक करियर में चार्ल्स शोभराज को 'बिकिनी किलर' भी करार दिया गया क्योंकि उसके कुछ शिकार बिकनी में पाए गए थे। पुलिस और खुफिया एजेंसियों की पकड़ से बच निकलने की खासियत की वजह से उसे "सांप" भी कहा जाता था। शोभराज का जन्म तत्कालीन फ्रांसीसी कब्जे वाले साइगॉन (वियतनाम) में हुआ था। उसके पिता एक भारतीय व्यापारी थे और मां एक वियतनामी थी जो एक दुकान में काम करती थी। उसके माता-पिता की शादी नहीं हुई थी और उनके पिता ने कभी पितृत्व को स्वीकार नहीं किया।

शोभराज की मां ने बाद में एक फ्रांसीसी सैनिक से शादी कर ली जिसके बाद शोभराज फ्रांस चला गया। उसके बारे में कई आत्मकथाओं और लेखों में लिखा गया है कि शोभराज अपने पिता द्वारा परित्याग किये जाने पर उनसे नाराज़ रहा और वह कभी अपनी माँ के नए परिवार में नहीं बसा। शोभराज अपनी किशोरावस्था से ही छोटे-मोटे अपराधों में लग गया था, और जेलों में उसका आना जाना लगा रहा।

सीरियल किलर

शोभराज ने दुनिया भर में यात्रा की और "हिप्पी" यात्रियों को टारगेट करना शुरू कर दिया। उसके शिकार पश्विमी देशों के वो टूरिस्ट थे जो एशिया में बैकपैकिंग कर रहे थे। वह उनके ड्रिंक्स में नशीला पदार्थ मिला देता था और उनकी हत्या कर देता था। अक्सर उसके साथ महिला सहयोगी होती थीं। शोभराज पर लगभग 20 हत्याओं का आरोप लगाया गया है, हालांकि उसके इरादे कभी स्पष्ट नहीं हुए। कभी-कभी, उसने पासपोर्ट भी चोरी किये और उन लोगों की पहचान का इस्तेमाल किया जिन्हें उसने मार डाला था।

शोभराज से मिले के पत्रकारों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने उसे विनम्र और आकर्षक पाया है। इन्हीं गुणों ने उसे अपराध करने, सहयोगियों की भर्ती करने और सजा से बचने में मदद की। उसे कई देशों में कई बार गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह या तो भाग निकला या रिश्वत देकर बाहर निकल गया।

1976 में भारत में गिरफ्तारी

जुलाई 1976 में नई दिल्ली में शोभराज और तीन महिला सहयोगियों ने कुछ फ्रांसीसी टूरिस्ट छात्रों को टूर गाइड के रूप में नियुक्त करने के लिए फंसाया। इसके बाद उन्होंने इन टूरिस्टों को जहर की गोलियां खिला दीं। हालांकि, कुछ छात्र पुलिस को बुलाने में कामयाब रहे और शोभराज और उसके ग्रुप को गिरफ्तार कर लिया गया। उसपर मुकदमा चलाया गया और 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई। वह तिहाड़ जेल में बन्द किया गया। अपनी सजा के अंत में, शोभराज ने अपने "जन्मदिन" पर जेल गार्डों को नशीली मिठाईयां खिला दीं और भाग गया। लेकिन उसे फिर से पकड़ लिया गया।

एक रिपोर्ट में बताया गया कि शोभराज सिर्फ इसलिए भागा और अपने आप को पकड़वाया ताकि उस पर जेल से भागने का नया मुकदमा चले। इस तरह वह थाईलैंड में प्रत्यर्पण से बच सकता था जहाँ वह पाँच हत्याओं के लिए वांछित था और लगभग निश्चित रूप से उसे मृत्युदंड दिया जाता। 1997 में उसकी रिहाई के समय तक, बैंकॉक में उसके खिलाफ मुकदमा चलाने की 20 साल की समय-सीमा समाप्त हो गई थी।

नेपाल में गिरफ्तारी

भारत से रिहा होने के बाद, शोभराज वापस फ्रांस चला गया। 2003 में वह नेपाल गया, जहां उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। 2004 में, उसे 1975 में एक अमेरिकी महिला, कोनी जो ब्रोंज़िच की हत्या के लिए नेपाल में आजीवन कारावास दिया गया था। बाद में, उसे ब्रोंज़िच के अमेरिकी मित्र, लॉरेंट कैरिएर की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। 2014 में, उसने दावा किया कि उसने तिहाड़ जेल में जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर से दोस्ती करने के बाद तालिबान के लिए एक हथियार डीलर के रूप में काम किया था। उसने ये भी दावा किया कि वह सीआईए से भी जुड़ा हुआ था। नेपाल में शोभराज ने एक स्थानीय महिला निहिता बिस्वास से भी शादी की, जिसने टीवी शो बिग बॉस के सीजन 5 में भाग लिया था।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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