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ट्रंप के कड़े तेवर से बेहाल चीन ने भारत से लगाई गुहार, लड़ना छोड़कर साथ चलें तो बदल जाएगा दुनिया का समीकरण
Indo-China: भारत और चीन को एक-दूसरे का मुकाबला करने की जगह एक-दूसरे का साथ देना चाहिए।
Indo-China (Photo: Social Media)
Indo-China: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कड़े फैसलों से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। ट्रंप ने कनाडा,मेक्सिको और चीन के सामानों पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप की ओर से 20 फ़ीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा से चीन बेहाल हो गया है और अब उसने भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। चीन और भारत के बीच हाल के दिनों में काफी तनातनी के रिश्ते रहे हैं मगर ट्रंप के फैसले से परेशान चीन ने भारत से मदद की गुहार लगाई है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि अब भारत और चीन को एक-दूसरे का मुकाबला करने की जगह एक-दूसरे का साथ देना चाहिए। यदि दोनों देश साथ आ जाएं तो पूरी दुनिया का व्यापारिक समीकरण बदल सकता है। उन्होंने कहा कि एकाधिकार और पावर पॉलिटिक्स के खिलाफ दोनों देशों का मिलकर काम करना जरूरी है।
चीन ने भारत की ओर बढ़ाया दोस्ती का हाथ
अमेरिका की ओर से ट्रेड बार की शुरुआत किए जाने के बाद अब भारत के प्रति चीन का रवैया बदलता हुआ नजर आ रहा है। ट्रंप के कड़े फसलों से चीन की मुश्किलें बढ़ गई है और इसी कारण चीन ने भारत के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की मीटिंग के बाद भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है।
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है जब भारत और चीन को एक-दूसरे का मुकाबला करने की जगह एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए। परस्पर हितों की सुरक्षा के लिए हमें मजबूती के साथ एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि भारत एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं साथ मिलकर काम करेंगी तो निश्चित रूप से ग्लोबल साउथ का भविष्य और उज्जवल होगा।
एकाधिकार के खिलाफ मिलकर काम करने की गुहार
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि फिलहाल समय की मांग है कि एकाधिकार और पावर पॉलिटिक्स के खिलाफ दोनों देश मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सबसे सही चीज यह है कि ड्रैगन और एलिफैंट मिलकर डांस करें। उन्होंने वैश्विक संबंधों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया विकसित करने पर भी जोर दिया।
कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि अमेरिका की ओर से 20 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के ऐलान से चीन घबराया हुआ है। हालांकि चीन ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कदम उठाने की घोषणा पहले ही कर दी है मगर इसके साथ ही अब चीन बदली हुई परिस्थितियों में भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है।
चीन के विदेश मंत्री के इस बयान पर अभी भारत की ओर से कोई जवाब सामने नहीं आया है। वैसे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल में कहा था कि भारत की ओर से चीन के साथ संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में पहल की गई है। चीन के नियंत्रण वाले इलाकों के तीर्थ स्थलों तक सीधी उड़ानों पर चर्चा की जा रही है।
अमेरिका के खिलाफ चीन ने खोला मोर्चा
अमेरिका ने चीन से होने वाले हर आयात पर 20 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की है। इससे पूर्व यह टैक्स 10 फ़ीसदी था। अमेरिकी प्रशासन की कार्रवाई के बाद चीन ने भी मोर्चा खोल दिया है। चीन ने अमेरिका से आयातित कई उत्पादों जैसे चिकन, सोया, मक्का और बीफ पर 15 फ़ीसदी शुल्क लगाने का ऐलान किया है। अमेरिकी सोयाबीन, ज्वार, सी प्रोडक्ट्स, फल-सब्जियां और डेयरी प्रोडक्ट के आयात पर 10 फ़ीसदी शुल्क लगाया जाएगा।
अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई
इसके अलावा चीन ने लगभग दो दर्जन अमेरिकी कंपनियों को निर्यात नियंत्रण और अन्य प्रतिबंधों के अधीन कर दिया है। 2023 के दौरान चीन ने अमेरिका से 33 अरब डॉलर के कृषि उत्पादन का आयात किया था जिस पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। चीन के वित्त मंत्रालय का कहना है कि अमेरिकी उत्पादों पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का फैसला 10 मार्च से लागू होगा।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका का एकतरफा टैरिफ लगाने का फैसला विश्व व्यापार संगठन के नियमों का गंभीर उल्लंघन करने वाला है। अमेरिका का फैसला चीन और अमेरिका के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग के आधार को कमजोर बनाएगा। चीन का कहना है कि वह अपने वैध अधिकारों की सुरक्षा करेगा और इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। वैसे विशेषज्ञों का मानना है कि इस ट्रेड वार से चीन को अधिक नुकसान होने की संभावना है।