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चीन का पाकिस्तान प्रेम: संयुक्त राष्ट्र द्वारा शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत-अमेरिका के प्रस्ताव को रोका
चीन का पाकिस्तान प्रेम: संयुक्त राष्ट्र में चीन ने भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को होल्ड लगाते हुए पाकिस्तानी आतंकवादी शाहिद महमूद को ग्लोबल टेरेरिस्ट होने से बचा लिया है।
Lucknow : आतंकवाद (terrorism) एक ऐसा नासूर है जिससे विश्व के सभी देश पीड़ित हैं पाकिस्तान (pakistan) में पनपने वाले बहुत से आतंकवादी इसके लिए जिम्मेदार है। वहीं एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी अपने एक आतंकवादी को ग्लोबल टेरेरिस्ट (global terrorist) घोषित होने से बचा लिया है। इस काम में पड़ोसी देश चाइना, पकिस्तान का साथ बखूबी निभा रहा है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका ने संयुक्त रूप से पाकिस्तानी आतंकवादी और लश्कर-ए-तैयबा के एक नेता शाहिद महमूद को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था।
संयुक्त राष्ट्र में चीन ने भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को होल्ड लगा दिया है। वैश्विक संगठन यूएन में यह चौथा मौका है, जब चीन ने किसी पाकिस्तानी आतंकवादी को ग्लोबल टेरेरिस्ट होने से बचा लिया है।
शाहिद महमूद के साथ चीन ने अबतक कई आतंकियों को बचाया
चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत पाकिस्तानी आतंकवादी शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। पिछले कुछ महीनों में यह चौथी बार है, जब चीन ने 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति शासन के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को नामित करने के प्रस्तावों को सूचीबद्ध करने पर रोक लगा दी है।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर चुका है
इससे पहले अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने दिसंबर 2016 में शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। इससे पहले तीन और आतंकियों को चीन यूएनएससी में ग्लोबल टेरेरिस्ट की लिस्ट में शामिल होने से बचा चुका है। पिछले महीने पाकिस्तानी आतंकवादी साजिद मीर को भी मोस्ट वांटेड आतंकवादी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को चीन ने ब्लॉक कर दिया था।
आखिर चीन पाकिस्तान के आतंकवादियों को क्यों बचा रहा है?
चीन ने पाकिस्तानी आतंकियों को चौथी बार बचाया है, जब चीन पाकिस्तानी आतंकियों को सुरक्षा प्रदान की है। हाल के महीनों में लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के नेता अब्दुल रहमान मक्की के साथ-साथ जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के भाई अब्दुल रऊफ अजहर पर भी चीन, भारत-अमेरिका के प्रस्ताव को रोक चुका है। वहीं, मसूद अजहर को भी बीजिंग अपना संरक्षण दे चुका है। अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी कमांडर और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का बहनोई है।
संयुक्त राष्ट्र समिति (united nations committee)
संयुक्त राष्ट्र समिति ने लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा, जमात-उद-दावा को भी एक आतंकवादी मोर्चा समूह घोषित किया है। आपको बता दें कि, यूएन का संकल्प 1267 आईएसआईएल, अल-कायदा, संबद्ध व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों और संस्थाओं के कृत्यों या गतिविधियों का समर्थन या वित्तपोषण करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ प्रतिबंधों का प्रावधान करता है।