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चीन ने एलएसी के पास तैनात किए शक्तिशाली फाइटर जेट, सैटेलाइट तस्वीरों से खतरनाक मंशा का खुलासा
LAC : ताइवान को डराने के साथ ही चीन, भारत की सीमा पर दबाव बढ़ाने की कोशिश में भी जुट गया है। सैटेलाइट तस्वीरों से चीन की खतरनाक मंशा का खुलासा हुआ है।
LAC : ताइवान को डराने के साथ ही चीन, भारत की सीमा पर दबाव बढ़ाने की कोशिश में भी जुट गया है। सैटेलाइट तस्वीरों से चीन की खतरनाक मंशा का खुलासा हुआ है। हालिया सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने भारत की सीमा के पास अपनी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट जे-20 की तैनाती की है।
चीन ने अपने कब्जे वाले तिब्बत में शिगत्से एयरबेस पर जे-20 फिफ्थ जेन फाइटर जेट की एक स्क्वाड्रन को तैनात किया है। चीन की ओर से उठाया गया यह कदम भारतीय नजरिए से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोकेशन एलएसी से सिर्फ 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
भारत पर दबाव बढ़ाने की चीन की मंशा
हाल के दिनों में चीन ने अपने जे-20 फाइटर जेट के जरिए ताइवान को डराने का कदम उठाया है। अब इस फाइटर जेट के जरिए चीन भारतीय सीमा पर तैनात सैन्य कर्मियों पर भी दबाव बढ़ाने की कोशिश में जुट गया है। हालांकि भारत की ओर से भी काफी सतर्कता बरती जा रही है। चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की ओर से सीमा के दूसरी ओर राफेल फाइटर जेट की तैनाती की गई है। चीन की खतरनाक मंशा को भांपते हुए भारत की ओर से यह कदम उठाया गया है।
चीन के फाइटर जेट की ताकत का आकलन
चीन की तमाम कोशिशों के बावजूद ताइवान उसके दबाव में नहीं आ रहा है और इसी कारण चीन की ओर से हाल में युद्धाभ्यास भी किया गया था। ताइवान के खिलाफ किए गए इस युद्धाभ्यास में चीन ने जे-20 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था।
अब ताइवान के बाद भारतीय सीमा के पास इस फाइटर जेट की तैनाती के कदम से रणनीतिक स्तर पर इस बाबत चर्चा शुरू हो गई है। भारत समेत अन्य देशों की ओर से इस फाइटर जेट की ताकत का अनुमान लगाया जा रहा है ताकि चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
चीन ने पैदा की भारत के लिए नई चुनौती
एलएसी के पास चीन की ओर से फाइटर जेट की तैनाती पर रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि चीन की ओर से उठाया गया यह कदम भारत के लिए नई चुनौती पैदा करने वाला है। इस फाइटर विमान की ताकत को लेकर रक्षा विश्लेषकों की अलग-अलग राय है।
इसीलिए कहा जा रहा है कि इस संबंध में और ज्यादा विश्लेषण किए जाने की जरूरत है। चीन का यह फाइटर विमान रडार की पकड़ में भी नहीं आता। इस फाइटर जेट के लिए नई डिजाइन और नई तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है।
पीओके में सड़क निर्माण का भी हुआ था खुलासा
तिब्बत में स्थित शिगत्से एयरबेस भारतीय सीमा के काफी नजदीक पड़ता है और इसीलिए चीन की ओर से की गई फाइटर जेट की तैनाती ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। ल्हासा से शिगत्से की दूरी करीब 220 किलोमीटर है। तिब्बत में चीन की ओर से बनाया गया यह पांचवा एयरपोर्ट है। इसका निर्माण 1968 में शुरू हुआ था जबकि 1973 में यह पूरी तरह बनकर तैयार हो गया था।
अप्रैल महीने के दौरान सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी दिशा में चीन की ओर से सड़क बनाए जाने का भी खुलासा हुआ था। यह अवैध रूप से कब्जा किए गए कश्मीर में बनाई जा रही है और यह सड़क कंक्रीट की बनाई जा रही है। पीओके में चीन की ओर से सड़क निर्माण का खुलासा यूरोपियन स्पेस एजेंसी की ओर से जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए हुआ था।