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फिर नेपाल की जमीन हथियाने में जुटा चीन, सीमा पर कई पिलर गायब करने से दोनों देशों में तनाव

चीन ने पिछले साल की तरह एक बार फिर खेला बड़ा खेल

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 20 May 2021 11:41 AM IST
फिर नेपाल की जमीन हथियाने में जुटा चीन, सीमा पर कई पिलर गायब करने से दोनों देशों में तनाव
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नई दिल्ली। दुनिया में कई देशों की जमीन हथियाए बैठा चीन नेपाल में एक बार फिर चालबाजी पर उतर आया है।नेपाल की जमीन हथियाने के लिए उसने पिछले साल की तरह एक बार फिर बड़ा खेल खेला है। खबर है कि चीन(China) ने हिमालय की गोद में बसे अपने पड़ोसी देश नेपाल के दाउलखा जिले में सीमा पर लगे कई पिलर गायब कर दिए हैं। चीन इससे पहले यही खेल हुमला जिले में भी खेल चुका है।

हुमला में चीन ने कई पिलर्स गायब कर नेपाल(Nepal) की जमीन पर कब्जा कर लेने के बाद नेपाल में बड़ा सियासी बवाल हुआ था। देश के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर केपी शर्मा ओली की सरकार की घेरेबंदी की थी मगर चीन के दबाव में ओली सरकार ने पूरे मामले को दबा दिया था।


गृह मंत्रालय ने दिया कार्रवाई का निर्देश

दाउलखा जिले के विगु गांव में कई पिलर गायब होने की घटना के बाद एक बार फिर माहौल गरमा गया है। नेपाल के गृह मंत्रालय ने भी इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया है और इस बाबत कार्रवाई के लिए विदेश मंत्रालय को लिखा गया है। चीन और नेपाल के बीच 1961 में सीमा को लेकर समझौता हुआ था और इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच सीमांकन के लिए पिलर का सहारा लिया गया था।

जानकारों का कहना है कि इस समझौते के बाद भी चीन पिलर्स को हटाकर हमेशा अपनी सीमा को बढ़ाने में जुटा रहा है। इसी कारण दोनों देशों की सीमा रेखा में कई बार बदलाव भी हो चुका है। चीन अभी तक 76 स्थायी सीमा पिलर्स को हटा चुका है और अब यथास्थिति को बनाए रखने पर जोर देने की कोशिश कर रहा है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि इससे चीन को काफी फायदा होगा क्योंकि उसकी सीमा काफी बढ़ चुकी है।


पिछले साल भी चीन ने किया था बड़ा खेल

पिछले साल सितंबर महीने के दौरान भी चीन ने नेपाल की जमीन पर कब्जा करने के लिए बड़ा खेल किया था। चीन ने नेपाल के सीमावर्ती हुमला जिले में कई पिलर्स हटा दिए थे और इसके साथ ही 11 इमारतों का निर्माण भी कर डाला था। इस मुद्दे को लेकर सियासी बवाल मचने के बाद चीन ने ऐसी किसी घटना से इनकार कर दिया था।

मीडिया में आई खबरों के आने के बाद काठमांडू सहित नेपाल के विभिन्न शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे और चीन के खिलाफ नारेबाजी की थी। काठमांडू में चीनी दूतावास के बाहर भी प्रदर्शन के जरिए विरोध जताया गया था। हालांकि बाद में चीन के विदेश मंत्रालय ने वहां पहले से ही पिलर्स न होने की बात कही थी।


इसलिए चीन के दबाव में है ओली सरकार

नेपाली कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रधानमंत्री ओली की सरकार को घेरा था। ओली को अपने कार्यकाल के दौरान सरकार बचाने में हमेशा चीन की मदद मिलती रही है। नेपाल में उनके खिलाफ कोई भी आवाज उठने पर काठमांडू में तैनात चीनी राजदूत हमेशा आगे आकर उनकी मदद के लिए तैयार रहती थीं। यही कारण है कि हुमला जिले में चीन की ओर से इमारतों का निर्माण किए जाने के बावजूद प्रधानमंत्री ओली ने पूरे मामले पर पर्दा डाल दिया।

कोरोना महामारी में चीन का गंदा खेल

जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही है और ऐसे समय में भी चीन अपने साम्राज्यवाद का गंदा खेल खेलने में जुटा हुआ है। चीन पड़ोसी देशों की जमीन हथिया कर अपनी सीमा विस्तार में लगा है। पिछले साल पूर्वी लद्दाख में एलएसी के इर्द-गिर्द भी चीन ने भारी संख्या में अपने जवानों की तैनाती कर भारत की जमीन हड़पने की कोशिश की थी। हालांकि भारतीय सेना के सतर्क रहने के कारण चीन अपनी मंशा को पूरी करने में कामयाब नहीं हो सका था। हाल के दिनों में चीन ने पहले एलएसी के पास अभ्यास किया और फिर एलएसी के नजदीक कई बंकरों का निर्माण कर डाला। चीन के इस रवैये को देखते हुए भारतीय सेना अलर्ट मोड में है और चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।



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Pallavi Srivastava

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